Dushera 2024: नमस्कार दोस्तों, त्योहारों के दिनों में कुछ घंटो के उलटफेर से लोगों के मन में नवरात्रि को लेकर काफी असमंजस हो गया है कि। दरअसल कुछ पुरोहितों का कहना है कि आज नवरात्रि के नौवे दिन भी अष्टमी है ऐसे में लोगों के मन में अब सवाल उठ रहा है कि आखिर विजय दशमी कब है। ऐसे में आपके इस सवाल का जवाब देते हुए आपको बता दें कि नवरात्रि का दशवा दिन यानि विजय दशमी, आश्विन माह के शुक्ल पक्ष की दशमी तिथि को मनाया जाता है।
कब है Dushera (विजयदशमी)
अब जैसा कि हमने बताया कि आश्विन माह के शुक्ल पक्ष की दसमी तिथि को विजय दशमी मनाया जाता है। ऐसे में आश्विन मास के शुक्ल पक्ष की 10मी तिथि, इस वर्ष 12 अक्टूबर दिन शनिवार को सुबह 10.58 बजे से शुरू हो रही है, जो 13 अक्टूबर को सुबह 9.08 बजे तक रहेगा। बता दें कि उदया तिथि के अनुसार दशहरा पर्व 12 अक्टूबर को मनाया जाने वाला है. अत: 12 अक्टूबर के दिन vijaydashmi है। इस दिन रावण का दहन किया जाएगा।
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— kashir (@kashir) October 24, 2023
Dushera पूजा अनुष्ठान
आपको बता दे की दशहरा की पूजा अभिजीत, विजया या दोपहर के समय की जाती है। इसके अलावा इस बात का हमेशा ध्यान रखें दशहरा पूजा घर के ईशान कोण में, किसी शुभ स्थान पर करना बेहद फलदाई होता है। अब पूजा से पहले पूजा स्थल को गंगा जल से साफ कर लें। इसके बाद अगर संभव हो तो पूजा स्थल पर चंदन का लेप लगाएं। इसके बाद आठ कमल की पंखुड़ियों से अष्टदल चक्र बनाएं। इसके बाद संकल्प मंत्र का जाप करें और देवी से पारिवारिक सुख-समृद्धि के लिए प्रार्थना करें।
विजयादशमी अबूझ मुहूर्त
आपको बता दे की दशहरा को “अबूझ मुहूर्त” के रूप में जाना जाता है, जिसका अर्थ है कि पूरा दिन व्यापार, यात्रा, शस्त्र पूजा, संपत्ति सौदे और अधिक जैसे नए उद्यम शुरू करने के लिए अनुकूल माना जाता है। हालाँकि, ऐसा माना जाता है कि इस अवधि के दौरान, देवता अपनी विश्राम अवस्था में होते हैं, इसलिए विवाह और घरेलू समारोह नहीं किए जाते हैं। बता दे की दशहरा शुभ एवं पवित्र तिथियों में गिना जाता है। ऐसे में अगर किसी को विवाह के लिए शुभ मुहूर्त नहीं मिल रहा है तो वह अपने पंडितो या किसी विद्वान से विचार विमर्श करके इस दिन विवाह कर सकता है।
क्यों मनाया जाता है विजयदशमी
मान्यता है कि प्रभु राम ने विजयादशमी के दिन ही रावण का वध किया था। इसके अलावा देवी दुर्गा ने इस समय राक्षस महिषासुर का वध किया था, इसलिए कई स्थानों पर इसे vijaydashmi के रूप में मनाया जाता है। बता दे की कई राज्यों में दशहरे की तिथि पर रावण की पूजा करने का भी विधान है। Dushera से 14 दिन पहले पूरे भारत में रामलीला का आयोजन किया जाता है। इसमें भगवान राम, श्री लक्ष्मण और सीता जी के जीवन को दर्शाया गया है।
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क्यों है विजयदशमी इतना खास
आपको बता दें की सनातन धर्म में दशहरा को को बुराई पर अच्छाई की जीत का प्रतीक माना जाता है। इस दिन रावण का दहन किया जाता है। इस साल 12 अक्टूबर, शनिवार को Dushera पर्व मनाया जाएगा। बता दे की विजयदशमी के दिन भगवान राम और देवी जय-विजया की पूजा करने से, शत्रुओं पर विजय का आशीर्वाद मिलता है। आपको बता दें कि विजय दशमी के दिन ‘विजय मुहूर्त’ पर हथियारों की पूजा की जाती है और सूर्यास्त के बाद पारंपरिक रूप से रावण का पुतला जलाया जाता है।