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BHEL ने तैयार किया पहला SRGM तोप। 35 किलोमीटर दुरी तक हवा और पानी में लक्ष्य भेदने में है सक्षम

BHEL srgm

BHEL: नमस्कार दोस्तों। देश की सबसे बड़ी सरकारी स्वामित्व वाली विद्युत औद्योगिक प्रौद्योगिकी कंपनी जिसे हम भारत हेवी इलेक्ट्रिकल्स लिमिटेड (BHEL) के नाम से जानते हैं, उसे लेकर बड़ी खबर सामने आइ है। वहीं अब बात करें उसे खबर की तो आपको बता दें की भारतीय नौसेना को हरिद्वार स्थित BHEL  के रक्षा और एयरोस्पेस विभाग द्वारा सुपर रैपिड गन माउंट (SRGM) बंदूक प्रदान की गई है।

BHEL के इस SRGM में क्या हैं खास

SRGM Manufactured By BHEL

बता दें कि भारतीय नौसेना को मिलने वाले सुपर रैपिड गन माउंट (SRGM) में कुछ बेहद खास विशेषताएं मौजूद है। जिनके बारे में अब बात करें तो यह सुपर रैपिड गन माउंट (SRGM) 35 किलोमीटर की सीमा के भीतर, हवा, महासागर और समुद्र में विभिन्न लक्ष्यों को भेद सकता है। बता दें कि यह विध्वंसक हथियार प्रणाली अपने लक्ष्य की स्थिति के आधार पर उपयुक्त प्रकार का गोला-बारूद चुन सकता है।

BHEL के कार्यकारी निदेशक डी. एस. मुरली ने क्या कहा

D.S. Murli, BHEL

बता दें कि इस हथियार प्रणाली को शुक्रवार के दिन बीएचईएल के कार्यकारी निदेशक डी. एस. मुरली द्वारा ओडिशा के बालासोर कि ओर रवाना किया गया है। वहीं बीएचईएल के कार्यकारी निदेशक डी. एस. मुरली ने इस विषय में अतरिक्त जानकारी देते हुए बताया कि इस तोप से देश की समुद्री सीमाओं की सुरक्षा को बहुत मदद मिलेगी।

SRGM Manufactured by BHEL

उन्होंने आगे कहा कि भारतीय नौसेना ने बीएचईएल को 38 अपग्रेडेड एसआरजीएम तोप का आर्डर दिया था। जिसके बाद भारतीय नौसेना के आदेश के जवाब में बनाई जाने वाली ये पहली तोप है।

30 वर्षों से BHEL बना रहा है SRGM

BHEL: Bharat Heavy Electricals limited

उन्होंने आगे कहा कि इस तोप के डिलीवरी के बाद बीएचईएल, नौसेना को 37 अतिरिक्त आधुनिक एसआरजीएम हथियार प्रदान करेगा। उन्होंने आगे बताया कि इस हथियार प्रणाली के बनाने और नौसेना को प्रदान करने पर BHEL के प्रत्येक कर्मचारी को गर्व है। आपको बता दें कि डी एस मुरली कि तरफ़ से जो जानकारी दि गई है उसके मुताबिक BHEL पिछले 30 वर्षों से भारतीय नौसेना के लिए एसआरजीएम बना रहा है और अब तक 44 तोपों की आपूर्ति कर चुका है।

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