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Holi 2025: क्या इस होली, चंद्रग्रहण बिगाड़ेगा त्योहारों का जश्न; पढ़ें ग्रहण का होली पर असर और कैसे मनाएं यह पर्व

Chandra Grahan 2025 impact on holi

Chandra Grahan 2025: होली भारत में सबसे रंगीन और उल्लासपूर्ण त्योहारों में से एक है, जिसे फाल्गुन मास की पूर्णिमा तिथि को पूरे उत्साह के साथ मनाया जाता है। इस वर्ष होली के मौके पर एक खगोलीय घटना भी घटित होगी—चंद्रग्रहण। ऐसे में लोगों के मन में यह सवाल उठ रहा है कि क्या इस ग्रहण का प्रभाव होली के त्योहार पर पड़ेगा? क्या रंगों के इस पर्व को मनाने में कोई बाधा आएगी? आइए, इस विषय पर विस्तार से जानते हैं।

Chandra Grahan 2025 तिथि और समय

14 मार्च 2025 को एक महत्वपूर्ण चंद्रग्रहण होने जा रहा है, लेकिन यह भारत में दिखाई नहीं देगा। ग्रहण का प्रारंभ सुबह 9:29 बजे होगा और दोपहर 3:29 बजे समाप्त होगा। चंद्रग्रहण का दृश्य न होने के कारण, इसे भारत में धार्मिक दृष्टि से कोई प्रभाव नहीं माना जाएगा और न ही इसका सूतक काल लागू होगा। यह ग्रहण पृथ्वी के कुछ हिस्सों में ही देखा जाएगा, लेकिन भारत में इसका कोई खगोलीय प्रभाव नहीं होगा, जिससे पूजा या अन्य धार्मिक कार्यों पर इसका असर नहीं पड़ेगा।

चंद्रग्रहण: जानिए कैसे बनता है और कब होगा?

चंद्रग्रहण तब होता है जब पृथ्वी, सूर्य और चंद्रमा एक सीध में आ जाते हैं, जिससे पृथ्वी की छाया चंद्रमा पर पड़ती है और वह अंधकारमय हो जाता है। इस दौरान चंद्रमा आंशिक या पूर्ण रूप से अंधेरे में डूब सकता है। 14 मार्च 2025 को होने वाला चंद्रग्रहण विशेष रूप से अमेरिका, पश्चिमी यूरोप और पश्चिमी अफ्रीका में स्पष्ट रूप से देखा जा सकेगा। भारत और अधिकांश एशियाई देशों में यह ग्रहण दिखाई नहीं देगा। वैज्ञानिकों का मानना है कि इस ग्रहण के दौरान चंद्रमा का रंग हल्का धुंधला या तांबे जैसा दिख सकता है।

Holi 2025 Shubh Muhurat: जानिए तिथि, शुभ मुहूर्त और खास बातें

रंगों और उल्लास का पर्व होली इस बार 14 मार्च 2025 को धूमधाम से मनाया जाएगा। हिन्दू पंचांग के अनुसार पूर्णिमा तिथि 13 मार्च दोपहर 3:30 बजे से शुरू होकर 14 मार्च शाम 5:10 बजे तक रहेगी। होलिका दहन का शुभ मुहूर्त 13 मार्च रात 9:00 से 11:30 बजे तक रहेगा, जिसमें बुराइयों को जलाकर अच्छे कर्मों की ओर बढ़ने की परंपरा है। 14 मार्च की सुबह से दोपहर तक रंग खेलने का समय रहेगा। इस दिन विशेष रूप से उत्तर भारत में गुझिया, ठंडाई और पकवानों का आनंद लिया जाता है, जो इस पर्व की मिठास बढ़ाते हैं।

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क्या चंद्रग्रहण के कारण होली खेलने में कोई रोक है?

भारत में चंद्रग्रहण का प्रभाव केवल तब माना जाता है जब यह दृश्य होता है। आगामी चंद्रग्रहण इस बार भारत में दिखाई नहीं देगा, इसलिए इसका सूतक काल भी लागू नहीं होगा। इसका मतलब है कि होली के त्योहार को पूरी खुशी और उत्साह के साथ मनाया जा सकता है। लोग रंगों के साथ खेल सकते हैं और सभी धार्मिक कार्य बिना किसी रोक-टोक के कर सकते हैं। साथ ही, वैज्ञानिक दृष्टिकोण से भी चंद्रग्रहण का होली के खेल पर कोई नकारात्मक प्रभाव नहीं होता। इसलिए इस साल होली का आनंद पूरी तरह से लिया जा सकता है।

पूर्णिमा व्रत और धार्मिक कार्य: जानें फाल्गुन पूर्णिमा के महत्व के बारे में

फाल्गुन पूर्णिमा का व्रत 13 मार्च 2025 को रखा जाएगा, जब श्रद्धालु चंद्रमा को अर्घ्य अर्पित करेंगे। यह दिन धार्मिक कार्यों और दान-पुण्य के लिए विशेष महत्व रखता है। 14 मार्च 2025 की सुबह, फाल्गुन पूर्णिमा के अवसर पर गंगा स्नान और पितरों को तर्पण देने की परंपरा निभाई जाएगी। इस दिन सत्यनारायण भगवान की पूजा और कथा भी करना शुभ माना जाता है। इस धार्मिक क्रिया से पितरों की आत्मा को शांति मिलती है और परिवार में सुख-समृद्धि का वास होता है।

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होली पर चंद्रग्रहण का कोई असर नहीं, बेझिझक मनाएं त्योहार

होली 2025 का त्योहार 14 मार्च को पूरे हर्षोल्लास के साथ मनाया जाएगा, और इस दिन किसी भी प्रकार के ग्रहण का असर नहीं होगा। चंद्रग्रहण भारत में दिखाई नहीं देगा, जिससे सूतक काल मान्य नहीं होगा और धार्मिक अनुष्ठानों पर कोई रोक नहीं रहेगी। इस दिन परंपरागत रूप से रंग खेलना, हवन, सत्यनारायण कथा और दान-पुण्य करना शुभ माना जाता है। वैज्ञानिक दृष्टि से भी ग्रहण का कोई प्रभाव नहीं पड़ेगा, इसलिए लोग निश्चिंत होकर उत्सव मना सकते हैं और किसी भी अफवाह पर ध्यान देने की जरूरत नहीं है।

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