सार:
Dowry Harassment Case: बक्सर के औद्योगिक थाना क्षेत्र से एक चौंकाने वाला मामला सामने आया है, जहां दहेज की मांग पूरी न होने पर एक पति ने अपनी पत्नी को प्रताड़ित किया, दूसरी शादी रचाई और उसके दो बच्चों को जबरन छीन लिया। पीड़िता की शादी 2012 में हुई थी, लेकिन व्यवसाय और कार की मांग के चलते उसे लगातार मानसिक और शारीरिक यातनाएं दी गईं।
Buxar Dowry Harassment Case: बक्सर जिले के औद्योगिक थाना क्षेत्र से एक ऐसा मामला सामने आया है, जिसने इंसानियत को शर्मसार कर दिया। यह कोई फिल्मी कहानी नहीं, बल्कि एक पीड़ित महिला की सच्चाई है, जिसे दहेज के लोभ में पति और उसके परिवार ने इतना प्रताड़ित किया कि उसकी शादी, उसकी ममता और उसका सम्मान – सब कुछ उससे छीन लिया गया।
पति ने मांगा व्यवसाय के लिए पैसा और कार
इस दहेज प्रताड़ना मामले की शुरुआत वर्ष 2012 में हुई, जब पीड़िता की शादी आरडीएस कॉलेज के कुंवरधारी सिंह के बेटे धीरज सिंह से हुई थी। विवाह के कुछ समय बाद ही ससुराल वालों ने व्यवसाय शुरू करने के नाम पर लाखों रुपये और कार की मांग रख दी। जब ये मांगें पूरी नहीं हुईं, तो पीड़िता पर अत्याचार का सिलसिला शुरू हो गया।
दहेज नहीं मिला, तो रचाई दूसरी शादी
पीड़िता ने बताया कि बार-बार दबाव बनाए जाने पर उसकी मां ने बड़ी मुश्किल से कुछ रुपये दिए, लेकिन इसके बाद भी उसका दुख खत्म नहीं हुआ। इस दौरान धीरज सिंह की नजदीकी एक युवती से बढ़ने लगी। शुरू में उसे “सेवा देने” के नाम पर घर में लाया गया और कुछ समय बाद उससे शादी कर ली गई। यह दूसरा विवाह अब कोर्ट में विचाराधीन है, लेकिन इसका सबसे ज्यादा असर पहली पत्नी और उसके दो मासूम बच्चों पर पड़ा।
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बच्चों से भी छीन लिया गया मां का अधिकार
मामला तब और गंभीर हो गया जब आरोपी पति ने दोनों बच्चों को जबरन अपनी पत्नी से छीन लिया और उन्हें अपने पास रख लिया। 20 जून 2025 को जब पीड़िता अपने बच्चों से मिलने पहुंची, तो न सिर्फ उसे मिलने से रोका गया, बल्कि उसके साथ मारपीट कर जबरन भगा दिया गया। एक मां के लिए इससे बड़ा दुख और क्या हो सकता है, जब उसे अपने ही बच्चों से मिलने का अधिकार भी छीन लिया जाए?
महिला थाने में दर्ज हुई FIR
पीड़िता की तहरीर पर महिला थाने में मामला दर्ज कर लिया गया है। थानाध्यक्ष कनिष्का तिवारी ने बताया कि इस मामले में हर बिंदु पर गहराई से जांच की जा रही है और जल्द ही उचित कार्रवाई की जाएगी। यह दहेज केस सिर्फ कानून का मामला नहीं, बल्कि सामाजिक सोच पर भी एक गहरी चोट है, जो यह दिखाता है कि कैसे कुछ लोग लालच में आकर एक स्त्री की ज़िंदगी को बर्बाद कर देते हैं।
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क्यों बार-बार दोहराए जा रहे हैं ऐसे मामले?
दहेज प्रताड़ना जैसी घटनाएं आज भी समाज में आम हैं। यह दिखाता है कि कानून के होते हुए भी जागरूकता और सामाजिक शिक्षा की कितनी कमी है। बक्सर जैसे शिक्षित जिलों में भी यदि Dowry Harassment Case जैसी घटनाएं हो रही हैं, तो यह सोचने का विषय है कि जड़ों तक बदलाव लाना अब और भी जरूरी हो गया है।
Dowry Harassment Case पर क्या कहता है कानून?
भारत में दहेज निषेध अधिनियम, 1961 और भारतीय दंड संहिता की धारा 498A के तहत दहेज मांगना (Dowry Harassment Case), मानसिक और शारीरिक प्रताड़ना देना गंभीर अपराध हैं। वहीं, पहली पत्नी के रहते दूसरी शादी करना भी धारा 494 के तहत गैरकानूनी है। इस केस में दोनों ही धाराएं लागू होती हैं, और अगर पुलिस जांच निष्पक्ष हुई, तो आरोपी को सजा मिलना तय है।
लिहाजा बक्सर की यह घटना सिर्फ एक महिला की कहानी नहीं, बल्कि एक सवाल है समाज से की कब तक महिलाएं दहेज के नाम पर यातना सहती रहेंगी? कब तक एक मां अपने बच्चों के लिए दर-दर भटकती रहेगी? और कब तक कानून के डर के बावजूद ऐसे अपराधी खुलेआम घूमते रहेंगे?
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