आने वाले कुछ दिनों में त्योहारी सीजन सुरू होने वाला है, जिस दौरान कुछ दिनों के अंतराल पर एक के बाद एक प्रमुख त्योहार आएंगे। मगर इन त्योहारी सीजन के दौरान महंगाई कि मार सायद आपको निराश कर दे। अब हम ऐसा क्यों कह रहे हैं और महंगाई का मार आपके घरों में कैसे पडेगा इसके लिए इस लेख को पुरा पढ़े।
खाद्य तेल पर Custom Duty: नमस्कार दोस्तों। इस त्योहारी सीजन हमारे और आपके जैसे लाखों मिडिल क्लास लोगों को खाद्य तेलों की बढ़ी कीमतों से प्रभावित होना पड़ सकता है. अब अगर इसके पीछे के वजह कि बात करें तो सरकार ने बिते दिनों विभिन्न खाद्य तेलों पर कस्टम ड्यूटी बढ़ाने का निर्णय लिया है. जिसके बाद कस्टम ड्यूटी बढ़ाने से इसका असर खाद्य तेलों के कीमतों पर दिख सकता है. एक रिपोर्ट के आधार पर आपको बता दें कि सरकार ने कच्चे और रिफाइंड सूरजमुखी तेल के साथ-साथ कई अन्य खाद्य तेलों पर सीमा शुल्क बढ़ाने का फैसला किया है। अखबार में उद्धृत वित्त मंत्रालय के एक बयान के अनुसार, कच्चे और रिफाइंड पाम तेल, सोयाबीन तेल और सूरजमुखी के बीज के तेल पर मूल सीमा शुल्क बढ़ा दिया गया है।
कब से लागू होंगे Custom Duty
आपको बता दें कि सरकार के इस फैसले से पहले अब तक, पाम, सोयाबीन और सूरजमुखी के बीज के कच्चे तेलों पर कोई बुनियादी सीमा शुल्क लागू नहीं था। दूसरे शब्दों में, इन तेलों पर कोई आयात कर लागू नहीं किया गया था। लेकिन अब सरकार नें इसे बढ़ाकर 20 प्रतिशत कर दिया गया है। बता दें कि सरकार ने रिफाइंड सोयाबीन तेल, रिफाइंड पाम तेल और रिफाइंड सूरजमुखी के बीज के तेल पर भी मूल सीमा शुल्क दर को बढ़ा दिया है। अबतक इन तेलों पर मूल सीमा शुल्क दर 12.5% था जिसे सरकार ने अब बढाकर 32.5 प्रतिशत कर दिया है। जिसे शनिवार, 14 सितंबर यानि आज से लागू किया जाएगा।
खाद्य तेल पर प्रभावी शुल्क
बता दें कि एक रिपोर्ट में कहा गया है कि सीमा शुल्क में वृद्धि के परिणामस्वरूप सभी संबंधित खाद्य तेलों पर प्रभावी शुल्क की कुल दर बढ़कर 35.75 प्रतिशत हो गई है। जिसके बाद कच्चे पाम तेल, कच्चे सोयाबीन तेल और कच्चे सूरजमुखी के बीज के तेल पर अब 5.5% की बजाय 27.5% की प्रभावी शुल्क दर है। साथ ही, रिफाइंड सोयाबीन तेल, रिफाइंड पाम तेल और रिफाइंड सूरजमुखी के बीज के तेल पर प्रभावी शुल्क दर 13.75 प्रतिशत से बढ़कर 35.75 प्रतिशत हो गई है। अब फिलहाल आने वाले कुछ दिनों में देश में त्यौहारों का जश्न काफी बढ़ जाएगा और त्यौहारों के साथ खाद्य तेलों का उपयोग भी बढ़ जाता है। मगर इस से पहले सरकार का खाद्य तेलों पर सीमा शुल्क में वृद्धि का ये फैसला, देश के लाखों लोगों को निराश कर सकता है।
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