Headlight Modification: आजकल गाड़ियों का मोडिफिकेशन काफी ज्यादा चलन में है। लोग अपनी गाड़ियों को यूनिक और पर्सनल टच देने के लिए इनके ओरीजनल पार्ट, इंजन और परफॉर्मेंस में कई तरह के बदलाव कराते हैं। और कुछ ऐसे ही मोडिफिकेशन का सौख युवाओं के बीच मोटरसाइकिल को लेकर है। जहाँ वे बाइक के साइलेंसर, इंजन और पेंट समेत हेडलाइट में भी बदलाव करते हैं। मगर आपको बता दे कि हेडलाइट का यह मोडिफिकेशन, आपके लिए भारी चालान का कारण बन सकता है। ऐसे में चलिए हम आपको बताते हैं कि किस तरह के हेडलाइट मोडिफिकेशन अवैध माने जाते हैं और क्यों हेडलाइट मॉडिफिकेशन अवैध माना जाता है।
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ये हेडलाइट मोडिफिकेशन माने जाते हैं अवैध (Illegal Headlight Modification)
आपको बता दें की भारत में मोटरसाइकिल समेत अन्य वाहनों में भी की हेडलाइट को लेकर कुछ नियम और कानून बनाए गए हैं। जिसके मुताबिक कंपनी द्वारा दिए गए स्टैंडर्ड हेडलाइट और RTO द्वारा अप्रूव्ड लाइट्स ही मान्य हैं। ऐसे में अगर आप गाडीयों के हेडलाइट में किसी तरह का बदलाव (Headlight Modification) करते हैं तो मोटर व्हीकल एक्ट, 1988 के अनुसार, नियमों का उल्लंघन करने पर फाइन या गाड़ी जब्त की जा सकती है। तो चलिए हम आपको बताते हैं कि किस तरह के हेडलाइट मोडिफिकेशन अवैध माने जाते हैं:
हेडलाइट की तेज रोशनी (Extra Bright Headlight)
आपके मोटरसाइकिल समेत अन्य वाहनों के हेडलाइट की रोशनी इतनी तेज नहीं होनी चाहिए कि यह सामने से आ रहे किसी गाड़ी चालक को परेशान करे, और इसकी अधिकतम सीमा 55W-60W तक हो सकती है।
रंगीन हेडलाइट (Colored Headlights)
आपके गाडीयों के हेडलाइट का रंग, सड़क पर उपस्थिति और सुरक्षा के लिए महत्वपूर्ण होता है। ऐसे में हेडलाइट केवल सफेद या पीले रंग की रोशनी के लिए अनुमोदित है, क्योंकि ये रंग अन्य चालकों के लिए स्पष्ट और सुरक्षित होते हैं। इसके अलावा अगर आप अपने मोटरसाइकिल समेत अन्य वाहनों में नीली, लाल, या अन्य रंगीन लाइट्स का उपयोग करते हैं तो यह पूरी तरह से मोटर व्हीकल एक्ट और RTO के नियमों का उल्लंघन (Illegal Headlight Modification) माना जाएगा।
LED और HID बल्ब का उपयोग (Non-Standard LED/HID Lights)
आपकी गाडीयों में एलईडी और एचआईडी बल्ब का उपयोग केवल स्टैंडर्ड फिटिंग में किया जा सकता है, क्योंकि नॉन-स्टैंडर्ड मॉडिफिकेशन अन्य चालकों के लिए खतरा भी बन सकता है। दरअसल अत्यधिक तेज या गलत तरीके से अलाइन की गई लाइट्स सामने से आने वाले वाहन चालकों की दृष्टि पर नकारात्मक प्रभाव डाल सकती हैं, जिससे दुर्घटनाओं की संभावना बढ़ जाती है। अत: आपके इस Illegal Headlight Modification से वाहन का फिटनेस सर्टिफिकेट रद्द हो सकता है।
मल्टी-कलर फ्लैशर्स या स्ट्रोब लाइट्स का उपयोग (Multicolor Flashers Aur Strobe Lights)
बहुत से ऐसे लोग हैं जो अपने मोटरसाइकिल समेत अन्य गाडीयों में मल्टी-कलर फ्लैशर्स या स्ट्रोब लाइट्स लगा लेते हैं। कुछ लोग प्रशासनिक वाहनों के लिए बनाई गई रंगो के लाइट्स का भी उपयोग अपने गाड़ियों में करते हैं। ऐसे में आपको बता दे की यह मोडिफिकेशन भी आपके गाड़ी के लिए पूरी तरह Illegal Headlight Modification है और आपके इस मोडिफिकेशन के कारण आपका भारी चालान भी हो सकता है।
हेडलाइट अलाइनमेंट (Headlight Alignment)
मोटरसाइकिल समेत हर वाहन चालक को अपने गाड़ी का हेडलाइट अलाइनमेंट ऐसा रखना चाहिए कि वह सड़क पर सही रोशनी करे और सामने से आने वाले वाहनों को असुविधा न हो। और अगर आप अपनी गाड़ी के हेडलाइट एलाइनमेंट में किसी प्रकार का मॉडिफिकेशन कराने की सोच रहे हैं तो उस से पहले स्थानीय RTO से अनुमोदन लेना आवश्यक है, अन्यथा कानूनी कार्रवाई का सामना करना पड़ सकता है।
क्यों अवैध माना जाता है हेडलाइट मॉडिफिकेशन (Why is Headlight Modification Illegal)
भारत में गाडीयों की Headlight Modification अवैध माने जाने का मुख्य उद्देश्य सड़क सुरक्षा सुनिश्चित करना है। गैर-मानक HID या LED हेडलाइट्स की तेज रोशनी सामने से आने वाले चालकों को अंधा कर सकती है, जिससे दुर्घटनाओं का खतरा बढ़ जाता है। मोटर व्हीकल एक्ट और RTO के अनुसार, हेडलाइट्स का डिज़ाइन, रंग, और इंटेंसिटी तय मानकों के अनुरूप होना चाहिए। फ्लैशिंग लाइट्स या रंगीन हेडलाइट्स अन्य चालकों को भ्रमित करती हैं और आपातकालीन वाहनों के लिए आरक्षित होती हैं। गैर-मानक मॉडिफिकेशन से दुर्घटनाओं की संभावना बढ़ती है, साथ ही यह सड़क पर रोशनी के स्तर में असमानता पैदा करता है। इन सब कारणों से हेडलाइट मॉडिफिकेशन पर प्रतिबंध लगाकर सुरक्षित और व्यवस्थित यातायात सुनिश्चित किया जाता है।
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