Indian Stock Market: भारतीय शेयर बाजार में सोमवार को कारोबार की शुरुआत भारी गिरावट के साथ हुई। अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप द्वारा कोलंबिया पर व्यापार शुल्क लगाने के निर्णय के बाद बाजार में घबराहट देखी गई। निवेशकों का मनोबल कमजोर हुआ और बाजार में उथल-पुथल मच गई।
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Indian Stock Market: शुरुआती कारोबार में Sensex और Nifty में गिरावट
भारतीय शेयर बाजार में सोमवार को Bse Sensex 490.03 अंक या 0.64% की गिरावट के साथ 75,700.43 पर खुला, जबकि Nifty 50 इंडेक्स 152.05 अंक या 0.66% गिरकर 22,940.15 पर पहुंच गया। विशेषज्ञों का मानना है कि Indian stock market यह गिरावट ट्रंप के उस फैसले का परिणाम है, जिसमें उन्होंने कोलंबियाई आयात पर 25% टैरिफ (Colombia tariff) लगाने की घोषणा की। यह कदम कोलंबिया द्वारा अमेरिकी सैन्य विमानों को अपने देश में उतरने की अनुमति न देने के जवाब में उठाया गया।
भारतीय शेयर बाजार में सेक्टोरल सूचकांकों का हाल
Indian Stock Market में सेक्टोरल सूचकांकों ने हफ्ते के शुरुआती दिन खराब प्रदर्शन किया, जिसमें निफ्टी मीडिया, मेटल और कंज्यूमर ड्यूरेबल्स सबसे ज्यादा प्रभावित हुए। निफ्टी आईटी में 0.92% की गिरावट देखी गई, जबकि निफ्टी 50 में केवल चार शेयर हरे निशान में कारोबार कर रहे थे और बाकी सभी शेयर लाल निशान में रहे। इस गिरावट ने बाजार में निराशा का माहौल बना दिया है।
Nifty के लिए महत्वपूर्ण समर्थन स्तर
विशेषज्ञों के अनुसार, Nifty के लिए 23,000 का स्तर महत्वपूर्ण समर्थन के रूप में कार्य करेगा, और अगर यह स्तर टूटता है तो निफ्टी 22,670 तक गिर सकता है, जो 16,828 और 26,277 के बीच रैली के 38.2% फाइबोनैचि रिट्रेसमेंट के अनुरूप है। यदि निफ्टी इस समर्थन स्तर से नीचे जाता है, तो बाजार में और गिरावट का सामना किया जा सकता है। हालांकि, यदि यह स्तर से उछलता है, तो बाजार में स्थिरता देखी जा सकती है। वर्तमान में, निफ्टी 50 में केवल चार शेयर हरे निशान में कारोबार कर रहे हैं, जबकि बाकी सभी लाल निशान में हैं।
भारतीय शेयर बाजार में गिरावट का मुख्य कारण
डोनाल्ड ट्रंप के द्वारा कोलंबिया पर 25% टैरिफ लगाने के फैसले ने न केवल भारतीय शेयर बाजार को प्रभावित किया है, बल्कि वैश्विक बाजारों पर भी इसका गहरा असर पड़ा है। इस निर्णय के बाद अमेरिकी-कोलंबिया के बीच व्यापारिक तनाव बढ़ गया, जिससे निवेशकों में चिंता और असमंजस की स्थिति उत्पन्न हो गई है। विशेषज्ञों का मानना है कि हालांकि अमेरिकी-कोलंबिया के बीच व्यापार की मात्रा सीमित है, फिर भी इस फैसले का असर अन्य देशों के साथ व्यापारिक रिश्तों पर गहरा पड़ा है, जिससे वैश्विक आर्थिक वातावरण में अस्थिरता का माहौल बन गया है।
वैश्विक व्यापार पर असर
विशेषज्ञों का मानना है कि यह टकराव सिर्फ कोलंबिया तक ही सीमित नहीं रहेगा, बल्कि अमेरिका के अन्य प्रमुख व्यापार भागीदारों जैसे मेक्सिको, कनाडा, यूरोप और चीन पर भी इसका असर पड़ेगा। डोनाल्ड ट्रंप के इस फैसले के कारण वैश्विक बाजारों में उथल-पुथल की स्थिति उत्पन्न हो रही है। निवेशकों के बीच अनिश्चितता और डर बढ़ गया है, और इसका प्रभाव भारतीय शेयर बाजार समेत अन्य देशों के बाजारों पर भी देखा जा रहा है। अब विशेषज्ञों का कहना है कि इस टकराव के चलते निवेशकों को अधिक सतर्क रहने की आवश्यकता है, ताकि वे संभावित नुकसान से बच सकें।
कंपनियों की आय रिपोर्ट पर निवेशकों की नजर
इस बीच, भारतीय बाजार में स्थिरता लाने के लिए निवेशक प्रमुख कंपनियों की तीसरी तिमाही की आय रिपोर्ट का बेसब्री से इंतजार कर रहे हैं। कंपनियों जैसे कोल इंडिया, इंडियन ऑयल कॉर्पोरेशन, टाटा स्टील, बजाज हाउसिंग फाइनेंस, केनरा बैंक, अदानी विल्मर और पेट्रोनेट एलएनजी की रिपोर्ट्स निवेशकों को आने वाले समय में बाजार की दिशा के बारे में संकेत दे सकती हैं। इन रिपोर्ट्स के परिणामों से निवेशकों को यह समझने में मदद मिलेगी कि कौन सी कंपनियाँ अपनी वित्तीय स्थिति को बेहतर बना पा रही हैं और किस क्षेत्र में विकास की उम्मीद है।
केंद्रीय बजट 2025 और वैश्विक घटनाओं का असर
इसके अलावा, 1 फरवरी को केंद्रीय बजट 2025 की घोषणा होने वाली है, जो भारतीय बाजार के लिए एक निर्णायक मोड़ साबित हो सकता है। विशेषज्ञों का मानना है कि बजट से पहले बाजार में उतार-चढ़ाव की स्थिति बनी रहेगी, लेकिन यदि कोलंबिया और अमेरिका के बीच व्यापारिक विवाद का समाधान सकारात्मक रूप से होता है, तो यह भारतीय बाजार के लिए एक अच्छा संकेत हो सकता है। ऐसे में, बाजार में स्थिरता और वृद्धि की संभावना बढ़ सकती है, जो निवेशकों के लिए सकारात्मक दिशा साबित हो सकती है।
निवेशकों के लिए सलाह
वर्तमान बाजार स्थिति में निवेशकों को सतर्क रहना चाहिए, खासकर निफ्टी के समर्थन स्तर पर ध्यान रखते हुए। अमेरिकी राष्ट्रपति ट्रंप द्वारा कोलंबिया पर टैरिफ लगाने के फैसले के कारण भारतीय शेयर बाजार को एक झटका लगा है, जिससे बाजार में गिरावट का माहौल बना हुआ है। हालांकि, बजट 2025 के बाद बाजार में स्थिरता आने की संभावना जताई जा रही है, और प्रमुख कंपनियों की आय रिपोर्ट निवेशकों को राहत दे सकती है। इस समय, निवेशकों को बाजार की हर छोटी-बड़ी गतिविधि पर गहरी नजर बनाए रखने की आवश्यकता है।