Mahakumbh Bhagdad: महाकुंभ में हुई भगदड़ में बिहार के 11 श्रद्धालुओं ने गवाई जान, अब भी कई लापता
Mahakumbh Stampede: मौनी अमावस्या के अवसर पर अमृत स्नान के लिए प्रयागराज महाकुंभ में पहुंचे श्रद्धालुओं के बीच मंगलवार देर रात, भगदड़ मच गई। वहीं मिली जानकारी के मुताबिक Mahakumbh Bhagdad में, बिहार के 11 श्रद्धालुओं की मौत हो गई है। बता दें कि इस घटना में अब तक आधा दर्जन से अधिक लोग लापता बताए जा रहे हैं, जिनकी कोई खबर नहीं मिल सकी है। बहरहाल परिजन अपने लापता प्रियजनों की तलाश में भटक रहे हैं।
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बिहार के 11 मृतकों की हुई पहचान
प्रयागराज महाकुंभ में हुई भगदड़ में बुधवार तक मृतकों की संख्या आठ थी। गुरुवार को तीन और मृतकों की पहचान के बाद यह आंकड़ा 11 हो गया। इनमें बांका, बगहा और औरंगाबाद के एक-एक श्रद्धालु शामिल हैं।
गोपालगंज के 4 महिलाओं की मौत, कई अब भी लापता
गोपालगंज जिले से Prayagraj महाकुंभ गए विजयीपुर के जगदीशपुर गांव की चार महिलाओं की मौत की पुष्टि हो चुकी है। इनमें मुन्नी देवी, राजकुमारी देवी, शोभावती देवी और रीमा देवी शामिल हैं। हालांकि, गुरुवार को परिजनों से संपर्क होने के बाद राहत मिली। लेकिन सेमरा की मीना देवी और अमवा नकछेद की राजगेंदी देवी अभी भी लापता हैं। उनके घरों में कोहराम मचा हुआ है।
कृतपुरा गांव की दो महिलाएं भगदड़ के दौरान लापता
गोपालगंज के कृतपुरा गांव से स्नान करने गईं दो महिलाएं Mahakumbh Stampede (भगदड़) के दौरान लापता हो गईं। इनमें लालू साह की पत्नी देवंती देवी और धर्मदेव महतो की पत्नी धर्मशीला देवी शामिल हैं। परिवार के लोग इनकी तलाश में जुटे हुए हैं। भोरे के रूदलपुर गांव से गईं वीरेंद्र शर्मा की पत्नी दुर्गावती देवी भी भगदड़ के दौरान परिवार से बिछड़ गईं। गांव के अन्य लोग वापस लौट आए, लेकिन दुर्गावती देवी का अब तक कोई सुराग नहीं मिला है। परिजन प्रयागराज में उनकी तलाश कर रहे हैं।
भागलपुर की महिला भी लापता
भागलपुर जिले के पीरपैंती से प्रयागराज स्नान के लिए गईं कमलचक यादव टोली वार्ड नंबर एक की शांति देवी भी लापता हैं। वे गांव के लोगों के साथ महाकुंभ स्नान के लिए गई थीं, लेकिन वापस नहीं लौटीं। उनके परिजन प्रयागराज में उन्हें ढूंढने की कोशिश कर रहे हैं।
लापता लोगों की तलाश जारी
Mahakumbh Bhagdad के बाद लापता हुए लोगों की तलाश अभी भी जारी है। परिजन प्रशासन के सहयोग से अपनों को खोजने की कोशिश कर रहे हैं। हालांकि, प्रशासन की ओर से लापता लोगों के बारे में कोई ठोस जानकारी नहीं मिल पाई है।
प्रशासन की ओर से सुरक्षा पर सवाल
प्रयागराज महाकुंभ में हुई इस भगदड़ (Mahakumbh Stampede) ने प्रशासन की सुरक्षा तैयारियों पर गंभीर सवाल खड़े कर दिए हैं। लाखों श्रद्धालुओं की भीड़ के बावजूद पर्याप्त सुरक्षा प्रबंध न होने से यह हादसा हुआ। स्थानीय लोगों और परिजनों ने प्रशासन की लापरवाही को लेकर नाराजगी जाहिर की है।
मृतकों के परिजनों को आर्थिक सहायता की मांग
बिहार और अन्य राज्यों के लोगों ने मृतकों के परिजनों को आर्थिक सहायता देने की मांग की है। सरकार से अपील की जा रही है कि प्रभावित परिवारों को मुआवजा दिया जाए। लापता लोगों की तलाश तेज करने के लिए प्रशासन पर दबाव बनाया जा रहा है ताकि न्याय सुनिश्चित हो सके।
महाकुंभ में सुरक्षा और प्रबंधन पर पुनर्विचार की जरूरत
महाकुंभ जैसे विशाल धार्मिक आयोजनों में लाखों श्रद्धालुओं का जमावड़ा होता है, जहां सुरक्षा और आपदा प्रबंधन अत्यधिक महत्वपूर्ण हो जाता है। हाल के हादसों ने यह स्पष्ट कर दिया है कि वर्तमान सुरक्षा व्यवस्थाओं में सुधार की आवश्यकता है। बेहतर भीड़ प्रबंधन, आपातकालीन सेवाओं की तैनाती और आधुनिक तकनीकी उपायों के माध्यम से इन आयोजनों को अधिक सुरक्षित बनाया जा सकता है। प्रशासन को न केवल सुरक्षा के लिए सुदृढ़ योजनाएं बनानी होंगी, बल्कि श्रद्धालुओं को जागरूक करने पर भी जोर देना होगा। एक सुनियोजित व्यवस्था ही महाकुंभ के पवित्र आयोजन को निर्बाध रूप से सफल बना सकती है।