बिहार-यूपी को जोड़ने वाला नैनीजोर पीपा पुल तैयार, वाहनों का आवागमन शुरू

Nainijor Peepa Pul built for Bihar up connectivity

Nainijor Peepa Pul: बिहार और उत्तर प्रदेश के बीच यातायात की अहम कड़ी माना जाने वाला नैनीजोर पीपा पुल आखिरकार तैयार हो गया है। गुरुवार को इसे वाहनों के आवागमन के लिए खोल दिया गया, जिससे दोनों राज्यों के लोगों में खुशी की लहर दौड़ गई। ब्रह्मपुर अंचल के नैनीजोर गांव में स्थित बिहार घाट के गंगा नदी पर पुल निर्माण निगम द्वारा Nainijor Peepa Pul का निर्माण किया गया है। इसके दोनों ओर करीब 500 मीटर लंबा ईंट सोलिंग कर संपर्क पथ तैयार किया गया है।

बाइक और पैदल यातायात पहले शुरू, अब चार पहिया वाहनों को मिली अनुमति

हालांकि, एक सप्ताह पहले ही Nainijor Peepa Pul पर बाइक और पैदल यात्रियों का आना-जाना शुरू हो गया था, लेकिन गुरुवार को अभियंताओं ने चार पहिया वाहनों के लिए भी पुल को खोलने की स्वीकृति दे दी। इसके बाद बड़ी संख्या में वाहन इस मार्ग से गुजरने लगे। इससे Bihar और Uttar Pradesh के लोगों को बड़ी राहत मिली, क्योंकि यह पुल उनके लिए आवागमन का एक महत्वपूर्ण साधन है।

चार महीने की देरी से पूरा हुआ नैनीजोर पीपा पुल का निर्माण कार्य

इस बार प्रशासनिक स्वीकृति और टेंडर प्रक्रिया में देरी के कारण पीपा पुल के निर्माण में चार महीने का विलंब हुआ। समय पर निर्माण कार्य पूरा न होने से स्थानीय लोगों को भारी परेशानियों का सामना करना पड़ा। सामाजिक कार्यकर्ता बजरंगी तिवारी, रमेश तिवारी और पूर्व मुखिया राजकिशोर प्रसाद ने पुल शुरू होने पर संतोष व्यक्त किया। उन्होंने कहा कि अब शादी-विवाह और अन्य सामाजिक कार्यों के लिए दोनों राज्यों के बीच आवागमन सुगम हो गया है।

हर साल बनता है नया पीपा पुल

गंगा नदी पर नैनीजोर पीपा पुल का निर्माण हर वर्ष किया जाता है। इस बार इसके लिए 16.47 करोड़ रुपये की लागत से टेंडर हुआ। पुल की कुल लंबाई 732 मीटर है। निर्माण में देरी के कारण नदी का जलस्तर कम हो गया था, जिससे इस बार करीब 500 मीटर का अतिरिक्त संपर्क पथ भी बनाया गया है।

ये भी पढ़ें: बिहार में अनिवार्य हुआ HSRP Number Plate, 1 अप्रैल 2025 से बिना प्लेट वाहनों पर लगेगा भारी जुर्माना

हर साल जून महीने में जब गंगा में बाढ़ आती है, तो Nainijor Peepa Pul को खोल दिया जाता है और नवंबर के पहले सप्ताह में फिर से इसका निर्माण किया जाता है। हालांकि, बाढ़ के कारण प्रत्येक वर्ष ईंट सोलिंग भी क्षतिग्रस्त हो जाती है, जिससे निर्माण कार्य में अतिरिक्त खर्च बढ़ जाता है।

तस्करों के लिए सेफ जोन बनता पीपा पुल

नैनीजोर पीपा पुल स्थानीय लोगों के लिए तो राहत का मार्ग बनता है, लेकिन यह बालू और शराब तस्करों के लिए भी सेफ जोन बन जाता है। बड़ी संख्या में तस्कर इस पुल का उपयोग कर बिहार से उत्तर प्रदेश तक अवैध रूप से बालू लदे ट्रैक्टर पहुंचाते हैं। इससे न केवल पुल की स्थिति कमजोर होती है, बल्कि ईंट सोलिंग भी जल्दी खराब हो जाती है।
ये भी पढ़ें: भारत के ये बैंक कमा रहे हैं सबसे ज्यादा मुनाफा, देखें कौन बना है नंबर 1
इसके अलावा, शराब तस्करी भी इस पुल के माध्यम से बढ़ जाती है। यही कारण है कि पुलिस और प्रशासन के लिए इस तस्करी को रोकना एक बड़ी चुनौती बनी हुई है।

स्थानीय लोगों को मिली बड़ी राहत

नैनीजोर पीपा पुल के चालू होने से बिहार और यूपी के ग्रामीण इलाकों में रहने वाले लोगों को बड़ी राहत मिली है। खासकर किसान, व्यापारी और छात्रों के लिए यह पुल काफी महत्वपूर्ण है। अब उन्हें लंबा चक्कर काटने की जरूरत नहीं पड़ेगी और समय तथा पैसे दोनों की बचत होगी।
ये भी पढ़ें: केमिकल वाले टूथपेस्ट को आज ही कहें अलविदा, घर पर बनाएं प्राकृतिक टूथपेस्ट, दांत बनेंगे चमकदार और मजबूत
हालांकि, पुल की सुरक्षा और मजबूती बनाए रखना प्रशासन के लिए चुनौती होगी। यदि तस्करी पर प्रभावी नियंत्रण लगाया जाए और पुल की नियमित मरम्मत होती रहे, तो यह दोनों राज्यों के लोगों के लिए लंबे समय तक लाभकारी साबित हो सकता है।

खबरें और भी