Svamitva Yojana: ग्रामीण भारत में संपत्ति के रिकॉर्ड को डिजिटल बनाने के उद्देश्य से स्वामित्व योजना (Svamitva Yojana) की शुरुआत के चार साल बाद, प्रधान मंत्री नरेंद्र मोदी 12 राज्यों के 50,000 से अधिक गांवों में संपत्ति मालिकों को ‘अधिकार दस्तावेज’ के तौर पर 58 लाख से ज्यादा संपत्ति कार्ड (Property Card) वितरित करने के लिए तैयार हैं। यह आभासी कार्यक्रम शुक्रवार, 27 दिसंबर के लिए निर्धारित है, जैसा कि पंचायती राज मंत्रालय के अधिकारियों ने पुष्टि की है। इसके अलावा, 13 केंद्रीय मंत्री विभिन्न राज्यों में विभिन्न कार्यक्रमों में शामिल होंगे, जहां संपत्ति कार्ड दिए जाएंगे।
💠 Prime Minister @narendramodi to distribute over 58 lakh property cards under SVAMITVA Scheme across approximately 50,000 villages spanning 10 States and 2 Union Territories
💠 The Scheme to cross 2 Crore Property Cards Milestone!
🗓️ December 27, 2024
🕰️12:30 PM(1/n) pic.twitter.com/zVRv0mCrem
— PIB India (@PIB_India) December 26, 2024
क्या है Svamitva Yojana?
अप्रैल 2020 में शुरू की गई Svamitva Yojana को ग्रामीण संपत्ति मालिकों को आधिकारिक “अधिकारों के रिकॉर्ड” प्रदान करने के लिए डिज़ाइन किया गया था। जिससे वे बैंक ऋण प्राप्त कर सकें, विवादों को कम कर सकें और गाँव के स्तर पर योजना को बढ़ा सकें। अधिकारियों ने देखा है कि बैंक इन संपत्ति कार्डों को तेजी से मान्यता दे रहे हैं, जिन्होंने कई महिलाओं को भूमि पर कानूनी अधिकार का दावा करने का अधिकार दिया है। अंततः, इस योजना ने खुले स्थानों की पहचान करने में सहायता की है और बेहतर सामुदायिक विकास में योगदान दिया है।
संपत्ति कार्ड के फायदे
बता दे की Svamitva Yojana के तहत मिलने वाले संपत्ति कार्ड (Property Card) से भूमि स्वामित्व के पास साफ प्रमाण मौजुद हो सकेंगे। इस कार्ड के बाद भूमि विवादों में कमी आने कि उम्मिद है। इसके अलावा स्पष्ट भूमि स्वामित्व के कारण ग्रामीण क्षेत्रों में विकास कार्य में भी तेजी आएगी। इस कार्ड से जरूरतमंद व्यक्ति को लोन हासिल करने में आसानी होगी। इस योजना के बाद किसान आसानी से भूमि पर बेस्ड लोन हासिल कर सकेंगे। जमीन को एक मूल्यवान संपत्ति के रूप में मान्यता मिलने से किसानों की आर्थिक स्थिति में भी सुधार आएगा।
विवेक भारद्वाज से मिली जानकारी
पंचायती राज मंत्रालय के सचिव विवेक भारद्वाज से मिली जानकारी के मुताबिक पंचायती राज पहल के तहत अब तक 2 करोड़ से अधीक Property Card जारी किए गए हैं। उन्होंने आगे कहा कि 317,000 गांवों में 92 प्रतिशत ड्रोन मैपिंग पूरी हो चुकी है। यह पहल अच्छी तरह से आगे बढ़ रही है और 2026 तक अपने उद्देश्यों को प्राप्त करने की उम्मीद है। वर्तमान में, यह कार्यक्रम 31 राज्यों और केंद्र शासित प्रदेशों में शुरू किया गया है। ये भी पढ़ेंः सौरभ शर्मा के ठिकानों पर छापेमारी, 300 KG सोने-चांदी के आभूषण, समेत करोड़ों का कैश बरामद
हालाँकि, इसे अभी तक पश्चिम बंगाल, बिहार, नागालैंड और मेघालय में पूरी तरह से लागू नहीं किया गया है, जिसने उन अधिकारियों के बीच चिंता पैदा कर दी है जो इस योजना को ग्रामीण शासन और संपत्ति प्रबंधन को बढ़ाने के लिए महत्वपूर्ण मानते हैं।
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