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बक्सर: बिहार में शराबबंदी की खुली पोल, भाजपा का झंडा लगाकर आ रही सफारी से निकली 709 बोतल शराब

709 Bottle Sharab Taskari Buxar

Sharab Taskari Buxar: सोचिए ज़रा! नई जैसी चमचमाती सफारी गाड़ी, ऊपर लहराता भाजपा का झंडा और अंदर बैठे युवक भी लग रहे थे ऑफिशियल। पहली नज़र में यकीनन किसी नेता या अधिकारी की गाड़ी लग रही थी। लेकिन जैसे ही बक्सर के चौसा चेकपोस्ट पर पुलिस ने गाड़ी रोकी, तो अंदर से निकला वो राज जिसने सभी को दंग कर दिया।

दरसल उस सफारी गाड़ी में गुप्त चेंबर बनाया गया था जिसमें से 709 बोतल विदेशी शराब बरामद हुई है। अब गौर करने वाली बात है की बिहार में शराबबंदी के बावजूद इस तरह की अवैध तस्करी (Sharab Taskari Buxar) ने कई बड़े सवाल खड़े कर दिए हैं।

Sharab Taskari Buxar: भाजपा झंडे वाली गाड़ी से शराब बरामद

बक्सर जिले के चौसा चेकपोस्ट पर सोमवार तड़के सुबह करीब 5 बजे उत्पाद विभाग की टीम ने शक के आधार पर एक सफेद Safari Storm कार (UP 70 DM 3777) को रोका। पहली नज़र में गाड़ी बिल्कुल सरकारी लग रही थी क्योंकि उस पर भाजपा का झंडा लगा था और अंदर बैठे युवक सफेद शर्ट-ब्लैक पैंट और जींस में थे। लेकिन जब तलाशी ली गई तो पुलिस भी दंग रह गई।

गाड़ी को शराब तस्करी (Sharab Taskari Buxar) के लिए हाई-टेक तरीके से मॉडिफाई किया गया था। सीटों के नीचे, बैक सीट और डोर गेट में गुप्त चेंबर बने हुए थे, जिनमें शराब छुपाकर ले जाई जा रही थी।

709 बोतल विदेशी शराब बरामद

जांच में पुलिस ने गाड़ी से आफ्टर डार्क ब्रांड की 709 बोतलें (180 एमएल पैक) बरामद कीं। कुल मात्रा 127.62 लीटर निकली। यह मात्रा इतनी बड़ी थी कि पुलिस और उत्पाद विभाग भी हैरान रह गया। गौरतलब है कि बिहार में शराबबंदी लागू है और इसके बावजूद लगातार बड़ी-बड़ी खेप पकड़ी जा रही हैं।

कौन हैं गिरफ्तार युवक और क्या है इनका नेटवर्क?

बक्सर पुलिस ने इस मामले में उत्तर प्रदेश के गाजीपुर जिले से ताल्लुक रखने वाले दो युवकों को गिरफ्तार किया है। इनमें 19 वर्षीय विमल, पिता विजय कुमार राम और 21 वर्षीय रवि कुमार गौतम, पिता मुन्ना राम शामिल हैं। दोनों युवक आरा में शराब की डिलीवरी देने जा रहे थे। बता दें कि सीमावर्ती जिलों से अक्सर शराब तस्करी के मामले सामने आते रहते हैं और पुलिस के अनुसार यह पहली बार नहीं है जब इन युवकों ने शराब बिहार में लाने की कोशिश की हो। जांच एजेंसियां अब यह भी खंगाल रही हैं कि क्या इनका किसी बड़े गिरोह से सीधा कनेक्शन है।

भाजपा झंडे के इस्तेमाल पर उठे सवाल

गौरतलब है कि गाड़ी पर भाजपा का झंडा लगा होने की वजह से यह मामला और भी गंभीर हो गया है। बिहार और उत्तर प्रदेश दोनों ही जगह पर भाजपा गठबंधन की सरकार है। ऐसे में भाजपा का झंडा लगाकर शराब की तस्करी करने की घटना ने कई सवाल खड़े कर दिए हैं। लोगों का कहना है कि शराब माफिया अब सरकारी पहचान का सहारा लेकर तस्करी कर रहे हैं। हालांकि, अब पुलिस इस एंगल की भी जांच कर रही है कि क्या इसमें किसी बड़े नेटवर्क का हाथ है।

वहीं उत्पाद अधीक्षक अशरफ जमाल ने मीडिया को बताया कि गाड़ी और शराब दोनों को जब्त कर लिया गया है। दोनों युवकों के खिलाफ उत्पाद अधिनियम 30(ए) के तहत प्राथमिकी दर्ज कर ली गई है। उन्होंने यह भी कहा कि इस मामले की जांच गहराई से की जाएगी ताकि नेटवर्क के बाकी लोगों तक भी पहुंचा जा सके।

शराबबंदी के बावजूद लगातार बिहार में बढ़ रही तस्करी

हालांकि, शराबबंदी कानून को लागू हुए कई साल हो गए हैं, लेकिन बिहार में लगातार शराब तस्करी के मामले सामने आते रहते हैं। खास बात यह है कि तस्कर अब नए-नए तरीके अपनाकर पुलिस को चकमा देने की कोशिश कर रहे हैं। कभी एंबुलेंस में, कभी पुलिस की गाड़ी की तरह सजाकर, तो अब भाजपा झंडा लगाकर शराब ले जाने जैसी घटनाएं सामने आ रही हैं।

स्थानीय लोगों का कहना है कि पुलिस को अपनी चेकिंग और सख्त करनी होगी। कई बार ऐसे मामले सामने आते हैं जब गाड़ियों में शराब छुपाकर आसानी से ले जाई जाती है। जनता का यह भी कहना है कि शराबबंदी को सिर्फ पकड़ने भर तक सीमित नहीं रखा जाए, बल्कि तस्करी के पीछे काम कर रहे बड़े गिरोहों तक पहुंचकर उन्हें खत्म किया जाए।

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