US India Trade War: अमेरिका और भारत के बीच व्यापारिक संबंधों पर बड़ा असर डालने वाला कदम उठाते हुए अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप ने घोषणा की है कि 1 अगस्त से भारत से आने वाले सभी सामानों पर 25 प्रतिशत टैक्स (US Tariff) लगाया जाएगा। इसके साथ ही, ट्रंप ने रूस से कच्चा तेल और सैन्य साजो-सामान खरीदने वाली भारतीय कंपनियों पर भी पाबंदी लगाने का ऐलान किया। यह कदम US India Trade War की ओर इशारा करता है, जो भारतीय अर्थव्यवस्था पर गहरा असर डाल सकता है।
भारत के लिए संकट या अवसर होगा अमेरिकी टैरिफ?
जहां कई उद्योगपति ट्रंप के इस फैसले से परेशान हैं, वहीं उद्योगपति हर्ष गोयनका ने इसे भारत के लिए नए अवसर के रूप में देखा है। उनका कहना है कि भारत को अब यूरोप और ASEAN देशों के साथ व्यापार बढ़ाने पर फोकस करना चाहिए। गोयनका का दावा है कि इस टैरिफ का असर फार्मा और स्टील सेक्टर पर सीमित रहेगा, जबकि आईटी सेक्टर को अमेरिका ने प्रभावित नहीं किया है। उन्होंने कहा कि सर्विस सेक्टर पर कोई अमेरिकी टैरिफ लागू नहीं किया गया है, जिससे भारत के लिए संभावनाएं बनी हुई हैं।
गौरतलब है की अमेरिकी टैरिफ के बाद भारतीय उत्पादों की कीमतें अमेरिका में बढ़ सकती हैं, जिससे भारत को वैकल्पिक बाजारों पर ध्यान देना होगा। विशेषज्ञों का कहना है कि यूरोप, मध्य पूर्व और अफ्रीका जैसे क्षेत्र भारतीय वस्तुओं के लिए बड़ी संभावनाएं रखते हैं। PHDCCI के महासचिव रंजीत मेहता ने कहा कि वैश्विक आपूर्ति श्रृंखला में तेजी से बदलाव हो रहा है और भारत को प्रतिस्पर्धात्मकता दिखाने का यह सही समय है। हालांकि MSME सेक्टर पर अल्पकालिक असर पड़ेगा, लेकिन निर्यात विविधीकरण (Export Diversification) के जरिये भारत दीर्घकाल में मजबूत आर्थिक स्थिति हासिल कर सकता है।
भारतीय कंपनियों के लिए दोहरा फायदा
अमेरिका द्वारा लगाए गए नए टैरिफ को कई विशेषज्ञ भारतीय कंपनियों के लिए सुनहरा अवसर मान रहे हैं। उद्योगपति हर्ष गोयनका का कहना है कि भारतीय कंपनियां अमेरिका में स्थानीय उत्पादन शुरू कर ट्रंप के Make America Great Again (MAGA) मिशन का हिस्सा बन सकती हैं। इससे उन्हें अमेरिकी बाजार, आधुनिक तकनीक और निवेश का लाभ मिलेगा। वहीं, टैरिफ के दबाव से विदेशी कंपनियां भारत में मेक इन इंडिया के तहत उत्पादन बढ़ा रही हैं। एप्पल और फॉक्सकॉन जैसी दिग्गज कंपनियों का हालिया निवेश इस दिशा में सकारात्मक संकेत है, जो रोजगार और भारतीय अर्थव्यवस्था को मजबूती देगा।
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25 प्रतिशत टैक्स के बाद भारतीय कंपनियों में बढ़ेगा कॉम्पीटिशन
अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप द्वारा लगाए गए 25 प्रतिशत टैक्स (US Tariff) के बाद भारतीय कंपनियों के लिए अमेरिकी बाजार में प्रतिस्पर्धा और भी कठिन हो जाएगी। विशेषज्ञों का मानना है कि इस चुनौती से निपटने के लिए कंपनियों को उत्पादन लागत घटानी होगी और इसके लिए उन्हें नई तकनीक, ऑटोमेशन और आधुनिक उत्पादन विधियों को अपनाना होगा। प्रधानमंत्री की आर्थिक सलाहकार परिषद की सदस्य शमिका रवि का कहना है कि केवल घरेलू बाजार को संरक्षण देने से फायदा नहीं होगा, बल्कि गुणवत्ता सुधार और निर्यात पर जोर देना ही भारतीय अर्थव्यवस्था को वैश्विक स्तर पर मजबूत बना सकता है।
FTA समझौतों से बढ़ेगा भारत का वैश्विक व्यापार
भारत के लिए मौजूदा US India Trade War की स्थिति यह संकेत देती है कि अब उसे नए FTA (Free Trade Agreements) की दिशा में तेज़ी से कदम बढ़ाने होंगे। विशेषज्ञ मानते हैं कि यूरोप, अफ्रीका और ASEAN देशों के साथ व्यापारिक समझौते करने से भारत अपने निर्यात को मजबूत कर सकता है और US Tariff से हुए नुकसान की भरपाई कर सकता है। इन समझौतों से भारतीय उत्पादों पर आयात शुल्क कम होगा, जिससे वैश्विक बाजार में उनकी प्रतिस्पर्धा बढ़ेगी। यह कदम लंबे समय में भारतीय अर्थव्यवस्था को स्थिरता और विकास की दिशा देगा।