Ramrekha Ghat, Buxar: बिहार के बक्सर जिला से जुड़ी बेहद खास खबर सामने आ रही है। वहीं अब बात करें उस खबर की तो आपको बता दे की बहुत जल्द जिले के दिव्य स्थलों में सुमार, बक्सर का रामरेखा घाट (Ramrekha Ghat) बहुत जल्द नये रूप रंग में देखने को मिलने वाला है। बताया जा रहा है कि इसके लिए राज्य सरकार ने करोड़ों रुपये का धनराशि आवंटित किया है।
Ramrekha Ghat के सौंदर्यीकरण के लिए 13.24 करोड़ रुपये आवंटित
वहीं इस संदर्भ में प्राप्त विस्तृत जानकारी के मुताबिक राज्य सरकार ने बक्सर जिले में स्थित Ramrekha Ghat के संवर्द्धन और सौंदर्यीकरण के लिए 13.24 करोड़ रुपये आवंटित किए हैं। बता दें कि सरकार कि तरफ से यह योजना, बक्सर के ऐतिहासिक रामरेखा घाट पर आने वाले श्रद्धालुओं के आध्यात्मिक अनुभव को बेहतर बनाने के लिए बनाई गई है।
बक्सर जिलान्तर्गत रामरेखा घाट के विकास एवं सौंदर्यीकरण कार्य हेतु पर्यटन विभाग द्वारा ₹13,24,26,000 (तेरह करोड़ चौबीस लाख छब्बीस हजार रुपये) की मिली प्रशासनिक स्वीकृति
— Nitish Mishra (@mishranitish) November 29, 2024
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BSTDCL करेगा इस परियोजना का देख रेख
बता दें कि इस संदर्भ में राज्य के पर्यटन मंत्री नीतीश मिश्रा से प्राप्त जानकारी के मुताबिक, इस परियोजना में एक अनुभव केंद्र, भित्ति चित्र, एक रेस्तरां और बेहतर सड़क पहुंच का निर्माण शामिल होगा। बिहार राज्य पर्यटन विकास निगम लिमिटेड (BSTDCL) इस परियोजना के कार्यान्वयन की देख रेख करेगा।
रामायण युग से जुड़ा हुआ है बक्सर का रामरेखा घाट
पर्यटन मंत्री नीतीश मिश्रा ने भी रामरेखा घाट के महत्व से लोगों को अवगत कराया है। दरसल नीतीश मिश्रा ने कहा कि बक्सर जिले का रामरेखा घाट ऐतिहासिक महत्व रखता है, जो रामायण के युग से जुड़ा हुआ है। उन्होंने कहा कि रामरेखा घाट वह पवित्र स्थल है जहाँ भगवान राम और उनके भाइयों को गुरु विश्वामित्र ने शिक्षा दी थी। यह भी पढें: SBI बैंक से 14.94 करोड़ रुपये के सोने के गहने चोरी
अगले 18 महीनों के भीतर परियोजना पूरा करने की उम्मीद
नीतीश मिश्रा ने कहा कि इस स्थल पर हर साल आने वाले श्रद्धालुओं की भारी भीड़ को देखते हुए, पर्यटन विभाग ने रामरेखा घाट क्षेत्र के पुनर्विकास और सौंदर्यीकरण की आवश्यकता को पहचाना है। उन्होंने कहा कि रामरेखा घाट के सौंदर्यीकरण के लिए महत्वपूर्ण योजना बनाई गई है। बिहार राज्य पर्यटन विकास निगम लिमिटेड (BSTDCL) इस परियोजना के निष्पादन का प्रबंधन करेगा, जिसे आवश्यक औपचारिकताओं के बाद अगले 18 महीनों के भीतर पूरा किए जाने की उम्मीद है।