Bangladesh Jeshoreshwari Temple: जैसा कि इन दिनों पूरे विश्व में हिंदू धर्म के लोगों में दुर्गा पूजा का जश्न है। जिसके लिए हर सरकारी और निजी कंपनियों द्वारा अपने कर्मचारियों को छुट्टी भी दि गई है। आपको बता दें की भारत समेत बाकी के कुछ देशों में भी काफी हर्सो उल्लास से इस त्यौहार को मनाया जा रहा है। और इसी त्योहारों के जस्न के बीच बड़ी खबर आ रही है बांग्लादेश से। दरसल बंगलादेश में दुर्गा पूजा का त्यौहार काफी धूमधाम से मनाया जाता है। और इस त्यौहार को देखते हुए बांग्लादेश में कर्मचारियों को चार दिनों की छुट्टी दी गई है। मगर जहाँ एक तरफ बांग्लादेशी हिंदू दुर्गा पूजा के जश्न में लिन हैं वहीं दुसरी तरफ बंगलादेश के सतखिरा शहर में आस्था को ठेस पहुंचाने वाला घटना हो गया है।
मां काली का स्वर्ण मुकुट चोरी
दरसल बांग्लादेश में सतखिरा नाम का एक शहर मौजूद है। और बांग्लादेश के सतखिरा शहर में श्यामनगर मौजूद है जहाँ प्रसिद्ध जेशोरेश्वरी काली मंदिर मौजूद है। और बता दें कि नवरात्रि के दौरान इस मंदिर से मां काली का स्वर्ण मुकुट चोरी हो गया है। बता दें कि चोरी की यह घटना मंदिर के सीसीटीवी में कैद हो गई है, जिसमें एक युचक स्वर्ण मुकुट को ले जाते हुवे देखा गया है। आपको बता दें कि बांग्लादेश में मौजूद काली माता का यह मंदिर विश्व प्रसिद्ध मंदिरों में से एक है।
चोरी हुवे मुकुट से भारतीय प्रधानमंत्री का खास जुडाव
आपको बता दें कि बांग्लादेश के Jeshoreshwari Temple के चोरी हुवे मुकुट से भारत के प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी का खास जुडाव है। दरसल साल 2021 में भारत के प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी, बांग्लादेश की यात्रा पर गए थे। उस वक़्त प्रधानमंत्री मोदी ने बांग्लादेश के प्रसिद्ध जेशोरेश्वरी काली मंदिर में दर्शन किया था। और मंदिर में दर्शन करने के दौरान उन्होंने ये मुकुट मंदिर को भेंट स्वरूप दिया था।लेकिन दुखद घटना है कि, अब यह मुकुट दुर्गा पूजा के खास मौके पर चोरी हो गया है।
The crown of Kali Mata, which was presented by Prime Minister Modi during his 2021 visit to Bangladesh, has been stolen from the #JeshoreshwariTemple
— Great Indian Saga (@greatindiansaga) October 11, 2024
This temple is one of the 51 Shakti Peeths located in the Indian Subcontinent
The B’desh Interim Govt must look into it quickly pic.twitter.com/bjJThfU2GV
10 अक्टूबर को चोरी हुई है मुकुट
बता दें कि मौजूदा जानकारी के मुताबिक वर्तमान में मंदिर के पुजारी दिलीप कुमार मुखर्जी है। और पुजारी दिलीप कुमार ने रोजाना कि तरह पूजा पाठ पूरा करने के बाद मंदिर (Jeshoreshwari Temple) की चाबियों को रख-रखाव के लिए जिम्मेदार रेखा सरकार को सौंप दिया था। वहीं रेखा सरकार ने बताया कि जब वह कुछ कामकाज करके वापस आए तो उन्होंने देखा कि मां काली का स्वर्ण मुकुट वहां पर मौजूद नहीं है। जिसके बाद उन्होंने इस बात कि सुचना अन्य लोगों को दि। बता दें कि मंदिर से चोरी की ये घटना गुरुवार, 10 अक्टूबर को दोपहर करीब 2 बजे से 3 बजे के बीच हुई है।
2021-ம் ஆண்டு வங்கதேச பயணத்தின் போது பிரதமர் மோடியால் பரிசளிக்கப்பட்ட ஜெஷோரேஷ்வரி காளி கோயில் கிரீடம் திருடப்பட்ட சம்பவத்தின் சிசிடிவி காட்சிகள்…#JeshoreshwariTemple #Temple #pmmodi pic.twitter.com/kZSQLEAd4Z
— M.M.NEWS உடனடி செய்திகள் (@rajtweets10) October 11, 2024
जांच में जुटे फकीर तेजु रहमान
बता दें कि चोरी की इस घटना को देखते हुए इसकी जानकारी फौरन पुलिस को दी गई। इसके बाद पुलिस ने जांच का काम शुरू कर दिया है। वही बांग्लादेश के स्थानीय पुलिस स्टेशन के अधिकारी फकीर तेजु रहमान ने इस संदर्भ में कहा कि भारत के प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने देश को जो तोहफा दिया था, उसके चोरी होने के बाद हम उसको ढूंढने की पूरी कोशिश कर रहे हैं। तेजु रहमान ने बताया कि फिलहाल खोज जारी है। हम अपराधी की पहचान करने के लिए सीसीटीवी फुटेजेस को भी खंगाल रहे हैं। बता दे कि हिंदू समुदाय के लिए इस मुकुट का चोरी होना वो भी उस वक्त जब देश में पूरी धूमधाम से दुर्गा पूजा का त्यौहार मना रहा है, ये कोई सामान्य सी बात नहीं है।
About Jeshoreshwari Temple: जेशोरेश्वरी मंदिर का इतिहास
जेशोरेश्वरी मंदिर (Jeshoreshwari Temple) 51 शक्ति पीठ में से एक है। ऐसा माना जाता है कि इस मंदिर का निर्माण 12वीं शताब्दी में अनाड़ी नाम के एक ब्राह्मण ने किया था। बता दें कि जेशोरेश्वरी मंदिर का यह नाम जेसोर नामक क्षेत्र में मौजुद होने कि वजह से पडा, जिसे आज हम बांग्लादेश के नाम से जानते हैं। ब्राह्मण ने जेशोरेश्वरी देवी के लिए 100 दरवाजों वाला मंदिर बनवाया और इसके बाद 13वीं शताब्दी में इसका जीर्णोद्धार किया गया। मान्यताओं के अनुसार, यहां देवी सती का हाथ गिरा था। और यह मंदिर देवी काली के रूप में माता सती की पूजा का स्थान है। बता दें कि जेशोरेश्वरी मंदिर में मौजुद देवी की मूर्ति को शक्ति और समर्पण की प्रतीक माना जाता है। धार्मिक मान्यताओं के अनुसार, इस मंदिर में जो भी भक्त आता है उसको भय और रोग से मुक्ति मिलती है और भक्तों की सभी मनोकामना पूरी होती हैं।
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