भरी जवानी में बुझ गया जीवन, बक्सर में बंटी गुप्ता ने विषपान कर दी जान

Banti Gupta Death Buxar News

Banti Gupta Death Buxar: बक्सर से एक बेहद मार्मिक और सोचने पर मजबूर कर देने वाली खबर सामने आई है। मझवारी गांव निवासी बंटी गुप्ता (25) ने विषपान कर खुद की जीवनलीला समाप्त कर ली। बंटी गुप्ता केस ने पूरे जिले को स्तब्ध कर दिया है, क्योंकि युवक ने अंतिम सांस लेने से ठीक पहले पुलिस के सामने बस इतना ही कहा — “कहानी लंबी है, साहब… लेकिन अब वक्त नहीं बचा।”

घरेलू विवाद या कुछ और? बंटी गुप्ता की मौत ने खड़े किए कई सवाल

गुरुवार की रात बक्सर नगर थाना पुलिस को सूचना मिली कि एक युवक को गंभीर हालत में गोलंबर के निजी अस्पताल में भर्ती कराया गया है। जब पुलिस मौके पर पहुंची, तब तक युवक लगभग अंतिम सांसें गिन रहा था। पूछताछ में उसने विषपान करने की बात स्वीकारी, लेकिन कारण बताने से इनकार कर दिया। नगर थाने की टीम ने बताया कि युवक की पहचान बंटी गुप्ता, पुत्र त्रिलोकी साह के रूप में हुई, जो सिमरी थाना क्षेत्र के मझवारी गांव का निवासी था।

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घरेलू विवाद की आशंका, मौत बनी रहस्य

स्थानीय लोगों के अनुसार, बंटी गुप्ता शादीशुदा था और संभवतः परिवार में किसी बात को लेकर विवाद हुआ था। कहासुनी के बाद वह घर से निकला और गंगा सेतु पार करते हुए उत्तर प्रदेश सीमा की ओर गया, जहां उसने कथित रूप से जहरीले पदार्थ का सेवन किया। जब तबीयत बिगड़ने लगी, तो वह वापस लौटा और राहगीरों की मदद से उसे अस्पताल पहुंचाया गया। लेकिन तब तक बहुत देर हो चुकी थी।

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पुलिस जांच में उलझा मामला – आत्महत्या या दबाव में लिया गया फैसला?

बक्सर नगर थाना प्रभारी मनोज कुमार ने बताया कि युवक ने विषपान की बात स्वीकार की थी, परंतु उसने इसके पीछे का कारण नहीं बताया। उसने सिर्फ कहा कि “यह एक लंबी कहानी है,” जिससे यह अंदेशा होता है कि वह किसी गंभीर मानसिक तनाव या पारिवारिक उलझन से जूझ रहा था। Banti Gupta Death Buxar Case में अब तक स्पष्ट रूप से यह नहीं पता चल सका है कि आत्महत्या के पीछे असली वजह क्या थी।

परिजन बोले नहीं, लेकिन आंखें कह गईं बहुत कुछ

जब मीडिया कर्मियों ने मृतक बंटी गुप्ता के परिजनों से बात करने की कोशिश की, तो कोई भी शब्द उनकी जुबान पर नहीं था। जवान बेटे की असमय मौत ने उनके होठों को सी दिया था, लेकिन उनकी आंखें एक ऐसी कहानी सुना रही थीं जो किसी भी शब्द से कहीं ज़्यादा भारी थी। वो आंखें दुःख, पीड़ा और असहायता से भरी थीं। ऐसा प्रतीत हो रहा था मानो वे कहना चाह रही हों – कुछ था, जो देखा नहीं गया, कुछ था, जो समझा नहीं गया।

यह सिर्फ एक युवक की मौत नहीं है, बल्कि समाज के लिए एक कड़ा संदेश है — कि मानसिक और भावनात्मक तनाव को नजरअंदाज करना कितना खतरनाक हो सकता है। छोटी-छोटी अनबनें, बिना संवाद के गहराते मतभेद, और भीतर दबी चुप्पी… यही सब कभी-कभी ऐसे फैसलों की ओर धकेल देते हैं जो जीवन को समाप्त कर देते हैं।

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Veer जय जगदम्बा न्यूज के Founder (CEO) हैं। यहां वह करियर, एजुकेशन, जॉब्स, राजनीति, रिसर्च व धर्म से जुड़ी खबर के अलावा देश-विदेश से जुड़ी खबरें पेस करते हैं। यह एक नई शुरुआत है ऐसे में आप जय जगदंबा न्यूज़ का साथ बनाए रखिए।

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