Bharat Bandh 2025: देशभर में एक बार फिर से एक बड़ा जनांदोलन देखने को मिल सकता है, जब भारत बंद के तहत 10 केंद्रीय ट्रेड यूनियनों ने बुधवार को राष्ट्रव्यापी हड़ताल (Nationwide Strike) का आह्वान किया है। यह Trade Union Strike उन सरकारी नीतियों के विरोध में है, जिन्हें यूनियनें श्रमिक विरोधी, किसान विरोधी और कॉर्पोरेट हितैषी बता रही हैं।
25 करोड़ कर्मचारी करेंगे हड़ताल, कौन-कौन से सेक्टर होंगे प्रभावित?
AITUC की अमरजीत कौर ने जानकारी दी कि करीब 25 करोड़ कर्मचारी इस strike में हिस्सा ले सकते हैं। इनमें बैंकिंग, बीमा, डाक, परिवहन और खनन जैसे महत्वपूर्ण सेक्टर शामिल हैं।
भारत बंद के दौरान कौन-कौन सी सेवाएं होंगी प्रभावित?
इस बंदी का असर देश की कई जरूरी सेवाओं पर पड़ेगा, जैसे:
- बैंक और बीमा संस्थान
- डाक और कूरियर सेवाएं
- राज्य परिवहन निगम
- कोयला खनन उद्योग
- सार्वजनिक क्षेत्र के फैक्ट्री एवं कार्यालय
हिंद मजदूर सभा के हरभजन सिंह सिद्धू ने बताया कि यह Strike सभी सेक्टरों में ठहराव ला सकती है, जिससे आम जनता को परेशानी झेलनी पड़ सकती है।
17 सूत्रीय मांगपत्र बना Nationwide Strike की नींव
यूनियनें पिछले साल श्रम मंत्री को 17 मांगों का ज्ञापन सौंप चुकी हैं, जिनमें न्यूनतम वेतन, सामाजिक सुरक्षा, निजीकरण रोकने, और नियमित रोजगार की मांगें शामिल थीं। उनका आरोप है कि सरकार ने इन मांगों को नजरअंदाज कर दिया और श्रम कानूनों में बदलाव से हालात और बदतर हुए हैं।
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क्या है Trade Union Strike के पीछे का असली दर्द?
चार नए श्रम कोडों को लेकर यूनियनों में व्यापक असंतोष है। उनका कहना है कि इन कोडों से:
- काम के घंटे बढ़ाए गए हैं
- हड़ताल और सामूहिक सौदेबाजी का अधिकार कम किया गया है
- नियोक्ताओं की जवाबदेही को कम किया गया है
यूनियनों का मानना है कि ये बदलाव Trade Union Strike की ताकत को कमजोर करने की दिशा में उठाया गया कदम है।
क्या Bharat Bandh 2025 बनेगा अब तक की सबसे बड़ी हड़ताल?
संयुक्त किसान मोर्चा और कृषि श्रमिक यूनियनों ने इस हड़ताल को समर्थन देने की घोषणा की है। इसके चलते ग्रामीण भारत में भी बड़े पैमाने पर विरोध प्रदर्शन होंगे। मनरेगा, राशन वितरण और अन्य ग्रामीण योजनाओं पर भी असर पड़ सकता है। बता दें की इससे पहले भी यूनियनें 2020, 2022 और 2024 में राष्ट्रव्यापी हड़ताल कर चुकी हैं। लेकिन इस बार की Bharat Bandh 2025 पहले से कहीं अधिक संगठित और असरदार मानी जा रही है। वजह है देश के अलग-अलग सेक्टरों का इसमें एक साथ उतरना।
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Bharat Bandh 2025 का देश पर असर
भारत बंद 2025 सिर्फ ट्रेड यूनियनों की strike नहीं, बल्कि एक सामाजिक और आर्थिक चेतावनी भी है। इससे यह साफ होता है कि देश का एक बड़ा वर्ग मौजूदा नीतियों से असंतुष्ट है और अब सड़कों पर उतरकर अपनी आवाज बुलंद करना चाहता है। अगर सरकार ने जल्द कोई संवाद शुरू नहीं किया, तो यह विरोध और भी बड़ा रूप ले सकता है, जिसका असर न सिर्फ सेवाओं पर, बल्कि देश की अर्थव्यवस्था और सामाजिक संतुलन पर भी पड़ सकता है।
अक्सर पूछे जाने वाले सवाल (FAQs)
Bharat Bandh 2025 किस तारीख को है?
यह हड़ताल बुधवार को प्रस्तावित है, जिसमें 25 करोड़ से अधिक कर्मचारियों के भाग लेने की संभावना है।
भारत बंद के दौरान कौन-कौन सी सेवाएं बंद रह सकती हैं?
बैंक, बीमा, डाक सेवाएं, परिवहन और कोयला खनन जैसे प्रमुख सेक्टर इस Strike से प्रभावित हो सकते हैं।
इस हड़ताल के पीछे की मुख्य वजह क्या है?
ट्रेड यूनियनें केंद्र सरकार की मजदूर विरोधी नीतियों और चार नए श्रम कोडों के विरोध में भारत बंद का आयोजन कर रही हैं।
क्या किसानों ने भी Bharat Bandh 2025 का समर्थन किया है?
हां, संयुक्त किसान मोर्चा और कृषि श्रमिक यूनियनों ने इस हड़ताल को समर्थन देने की घोषणा की है और ग्रामीण क्षेत्रों में प्रदर्शन की योजना है।
सुझाव:
अगर आप इस दिन किसी जरूरी सरकारी सेवा का उपयोग करने वाले हैं, तो पहले से तैयारी कर लें। भारत बंद का असर व्यापक और गहरा हो सकता है।
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