बिहार में अक्टूबर से फिर शुरू होगा बालू खनन, नीलामी प्रक्रिया को लेकर सरकार ने कसी कमर
Bihar Balu Ghat Nilami 2025: बिहार सरकार ने इस वर्ष अक्टूबर 2025 से राज्य की नदियों से बालू खनन पुनः आरंभ करने का निर्णय लिया है। खनन शुरू होने से पूर्व, खनन विभाग ने उन बालू घाटों की नीलामी प्रक्रिया दोबारा सक्रिय कर दी है जो पूर्व में अधिक आरक्षित मूल्य या विस्तृत आकार जैसे कारणों से नीलाम नहीं हो सके थे। सरकार का स्पष्ट उद्देश्य है कि इस बार कोई घाट न छूटे और खनन की प्रक्रिया समय से पूर्व सभी जिलों में सुचारु रूप से प्रारंभ हो सके।
विजय कुमार सिन्हा की अध्यक्षता में हुई विभागीय समीक्षा
उपमुख्यमंत्री एवं खान एवं भूतत्व मंत्री विजय कुमार सिन्हा की अध्यक्षता में हाल ही में एक अहम विभागीय समीक्षा बैठक आयोजित की गई। बैठक में विभिन्न जिलों के उन घाटों की स्थिति की समीक्षा की गई जिनकी पिछली नीलामी सफल नहीं रही थी।
मंत्री विजय कुमार सिन्हा ने स्पष्ट निर्देश दिए:
“ऐसे घाटों की पहचान कर सूचीबद्ध किया जाए। यदि आवश्यकता हो तो आरक्षित राशि में संशोधन का प्रस्ताव भी लाया जाए, ताकि कोई घाट नीलामी से वंचित न रहे।”
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किन कारणों से पिछली बार रुकी थी नीलामी?
नीलामी प्रक्रिया के अटकने के पीछे तीन मुख्य कारण सामने आए हैं:
- आरक्षित मूल्य बहुत अधिक होना
- घाटों का आकार अपेक्षाकृत बड़ा होना
- स्थानीय प्रशासनिक समन्वय की कमी
इन समस्याओं को समझते हुए मंत्री ने निर्देशित किया कि संबंधित खनिज विकास पदाधिकारी एवं सहायक निदेशक, जिलाधिकारी के साथ मिलकर इन बाधाओं का समाधान करें।
Bihar Balu Ghat Nilami 2025: अक्टूबर से पहले हो जाएगी पूरी प्रक्रिया
सरकार की मंशा है कि Bihar Balu Ghat Nilami 2025 की प्रक्रिया अक्टूबर से पहले पूरी तरह से संपन्न हो जाए, जिससे खनन कार्य किसी प्रकार की देरी या अड़चन के बिना प्रारंभ हो सके।
बैठक में मंत्री ने अधिकारियों को निम्नलिखित निर्देश दिए:
- सभी लंबित घाटों की विस्तृत सूची तैयार की जाए
- समाचार पत्रों में विज्ञापन जारी कर जानकारी साझा की जाए
- नीलामी कार्य को शीघ्रता और प्राथमिकता के आधार पर निपटाया जाए
- जिलाधिकारी स्तर पर नियमित रिपोर्टिंग की व्यवस्था की जाए
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पारदर्शी नीलामी और स्थानीय विकास की रणनीति
सरकार का रुख इस बार न केवल समयबद्ध कार्यान्वयन की ओर है, बल्कि पारदर्शिता और समावेशी विकास भी उसकी प्राथमिकताओं में शामिल है। नीलामी की प्रक्रिया को पारदर्शी बनाने से जुड़े फायदे:
- राजस्व में वृद्धि
- स्थानीय लोगों को रोजगार के अवसर
- बाजार में बालू की नियमित उपलब्धता
- अवैध खनन पर प्रभावी नियंत्रण
इस रणनीति से ग्रामीण क्षेत्रों में आर्थिक गति भी बढ़ेगी और बालू खनन एक व्यवस्थित प्रणाली के अंतर्गत आएगा।
खनन विभाग में सख्ती और साप्ताहिक निगरानी
मंत्री विजय कुमार सिन्हा ने यह भी स्पष्ट किया कि जिन जिलों में नीलामी प्रक्रिया में लापरवाही बरती जाएगी, वहां संबंधित अधिकारी जिम्मेदार माने जाएंगे। विभागीय निगरानी को अब साप्ताहिक रिपोर्टिंग प्रणाली में बदला गया है ताकि हर चरण की नियमित जांच हो सके।
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बालू खनन व्यवस्था में एक नया सुधारात्मक कदम
Bihar Balu Ghat Nilami 2025 राज्य सरकार के लिए केवल एक नीलामी प्रक्रिया नहीं, बल्कि संसाधनों के सुनियोजित प्रबंधन, रोजगार सृजन और आर्थिक पारदर्शिता की दिशा में एक मजबूत पहल है। वर्तमान रणनीति पहले की तुलना में अधिक व्यावहारिक और परिणामोन्मुखी प्रतीत होती है। विभाग की सक्रियता और प्रशासनिक समन्वय से उम्मीद की जा रही है कि इस बार की नीलामी प्रक्रिया अधिक सफल, निष्पक्ष और समय पर पूरी होगी।
सुझाव: यदि आप बालू घाट नीलामी से जुड़े व्यापारी, ठेकेदार या स्थानीय व्यवसायी हैं, तो अपने जिले के खनिज कार्यालय से संपर्क करें और समाचार पत्रों में जारी होने वाले सरकारी विज्ञापनों पर नजर रखें।
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