Mahakumbh Accident 2025: वैसे तो महाकुंभ यात्रा आस्था और विश्वास का प्रतीक है, मगर इस बार यह उत्सव बिहार के कई परिवारों के लिए शोक का कारण बन गया है। दरसल प्रयागराज महाकुंभ के लिए बिहार से आए कई श्रद्धालुओं की अलग-अलग हादसों में मौत हो गई। कुछ की जान सड़क दुर्घटनाओं में गई, तो कुछ की मौत अचानक तबीयत बिगड़ने से हुई है। लिहाजा इन घटनाओं ने महाकुंभ के धार्मिक आनंद को, शोक में बदल दिया।
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Mahakumbh Accident 2025: सड़क दुर्घटनाओं में कई श्रद्धालुओं की मौत
महाकुंभ 2025 के दौरान श्रद्धालुओं की सुरक्षा को लेकर बड़ी लापरवाही सामने आई है। अलग-अलग सड़क दुर्घटनाओं (Mahakumbh Accident) में कई श्रद्धालुओं की जान चली गई। भीड़भाड़ और यातायात प्रबंधन की कमी इन हादसों का मुख्य कारण मानी जा रही है। लिहाजा प्रशासन को सुरक्षा उपायों को सख्ती से लागू करने की आवश्यकता है। अब अगर बात करें उन सड़क दुर्घटनाओं की तो:
मुजफ्फरपुर में स्कॉर्पियो पलटने से पांच की मौत
शनिवार को मुजफ्फरपुर के मधौल-कांटी बाइपास फोरलेन पर एक दर्दनाक हादसा हुआ। महाकुंभ स्नान करके लौट रहे श्रद्धालुओं की स्कॉर्पियो एक बाइक सवार को बचाने के प्रयास में पलट गई। इस Mahakumbh Accident में पांच लोगों की मौत हो गई, जबकि कई अन्य गंभीर रूप से घायल हो गए। मृतकों में एक ही परिवार के कई सदस्य शामिल थे।
बनारस और देवघर से पूजा कर लौट रहे थे श्रद्धालु
महाकुंभ स्नान करने के बाद ये परिवार बनारस और देवघर में पूजा-पाठ करके लौट रहा था। घर पहुंचने से पहले ही हादसे ने उनकी खुशियों को गम में बदल दिया।
आरा के रिटायर फौजी समेत दो की मौत
बिहार के आरा जिले के एक रिटायर फौजी और उनके चचेरे भाई की सड़क दुर्घटना में मौत हो गई। दोनों प्रयागराज महाकुंभ स्नान के बाद रामलला का दर्शन करने अयोध्या जा रहे थे। उनकी स्कॉर्पियो की टक्कर एक डंपर से हो गई, जिससे दोनों की मौके पर ही मौत हो गई। इस Mahakumbh Accident में दो अन्य लोग घायल हुए हैं।
कैमूर में ट्रक से टक्कर, एक श्रद्धालु की मौत
रविवार को कैमूर जिले में एक और हादसा हुआ। नवादा से एक परिवार महाकुंभ स्नान के लिए प्रयागराज जा रहा था। तड़के करीब तीन बजे उनकी गाड़ी की टक्कर एक ट्रक से हो गई। इस Mahakumbh Accident में एक व्यक्ति की मौत हो गई जबकि उसकी पत्नी और मासूम बच्ची समेत छह लोग घायल हो गए।
Mahakumbh 2025: अचानक तबीयत बिगड़ने से भी कई श्रद्धालुओं की मौत
Mahakumbh 2025 यात्रा के दौरान कई श्रद्धालुओं की मौत असमय तबीयत बिगड़ने के कारण हुई। सुपौल के छातापुर थाना क्षेत्र की इंदु देवी की मौत तब हुई जब वह प्रयागराज से अयोध्या की यात्रा पर थीं। मौनी अमावस्या के दिन स्नान के बाद बस से लौटते समय उनकी तबीयत बिगड़ गई और उन्होंने दम तोड़ दिया।
गायत्री देवी का रास्ते में हुआ निधन
औरंगाबाद के ओबरा प्रखंड के पकड़ी गांव निवासी रमेश सिंह की पत्नी गायत्री देवी महाकुंभ स्नान के बाद घर लौट रही थीं। रास्ते में उनकी तबीयत बिगड़ी और अस्पताल पहुंचने से पहले ही उनकी मौत हो गई। परिवार ने बनारस के गंगा घाट पर उनका अंतिम संस्कार किया।
डॉक्टर की ड्यूटी के दौरान मौत
उजियारपुर के रहने वाले डॉक्टर अभिषेक रंजन की ड्यूटी रेलवे के अस्पताल में लगी थी। महाकुंभ के दौरान अचानक उनकी तबीयत बिगड़ी और उनका निधन हो गया। उनकी मौत ने महाकुंभ की सेवा में लगे स्वास्थ्यकर्मियों को भी झकझोर दिया।
सावधानी और सतर्कता की आवश्यकता: महाकुंभ यात्रा के दौरान सुरक्षा और स्वास्थ्य पर विशेष ध्यान दें
Mahakumbh 2025 जैसे विशाल धार्मिक आयोजनों में आस्था के साथ भारी जनसमूह का जुटना स्वाभाविक है, लेकिन इसके साथ जोखिम भी बढ़ जाते हैं। यात्रियों के लिए सुरक्षा नियमों का पालन और स्वास्थ्य संबंधी सतर्कता अत्यंत आवश्यक है। ऐसे में यह पवित्र यात्रा सभी के लिए सुरक्षित और सुखद अनुभव बन सके इसके लिए इन सुरक्षा नियमों का पालन करें:
सड़क सुरक्षा
- ट्रैफिक नियमों का पालन करें और ओवरस्पीडिंग से बचें।
- भीड़भाड़ वाले क्षेत्रों में वाहन चलाने से बचें।
स्वास्थ्य सुरक्षा
- बदलते मौसम और संक्रमण के खतरों को ध्यान में रखते हुए मास्क का उपयोग करें।
- यात्रा के दौरान स्वच्छता बनाए रखें और सैनिटाइजर का उपयोग करें।
- यात्रा पर निकलने से पहले अपनी स्वास्थ्य जांच कराएं।
भीड़ प्रबंधन
- अनावश्यक भीड़ से दूर रहें और अधिक भीड़भाड़ वाले क्षेत्रों में सतर्क रहें।
- प्रशासन के निर्देशों का पालन करें।
आपातकालीन सहायता
- आपातकालीन हेल्पलाइन नंबरों की जानकारी रखें।
- यात्रा के दौरान प्राथमिक चिकित्सा किट साथ रखें।
सरकारी दिशा-निर्देश
- सरकार और आयोजकों के सुरक्षा उपायों का पालन करें।
- आयोजकों द्वारा बनाए गए प्रवेश और निकासी मार्गों का उपयोग करें।
भगदड़ और हादसों ने प्रयागराज महाकुंभ के आनंद को किया फीका
प्रयागराज महाकुंभ में श्रद्धालुओं का उत्साह चरम पर था, लेकिन भगदड़ और हादसों ने उत्सव की रौनक को कम कर दिया। सुरक्षा व्यवस्था की चूक और भीड़ प्रबंधन की असफलता ने कई श्रद्धालुओं के लिए यह धार्मिक अनुभव दुखद बना दिया। सरकार को ऐसी घटनाओं से बचने के लिए ठोस कदम उठाने चाहिए।