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किसी भी हालत में बर्दाश्त नहीं किया जाएगा अवैध खनन, बालू माफियाओं से वसुला गया 100 करोड़ रुपये जुर्माना

Government action against Illegal Mining in Bihar

Illegal Mining, Bihar: बिहार में इस बार अवैध खनन (Illegal Mining) और ओवर लोडिंग को लेकर सरकार काफी सख्त रवैया अपनाती दिख रही है। जिसके उपरांत इसका परिणाम भी देखने को मिलने लगा है। दरसल बिहार के उपमुख्यमंत्री सह खनन मंत्री विजय कुमार सिन्हा राज्य (Bihar) में अवैध खनन को लेकर काफी कड़े कानून लागू किया है। इसके उपरांत खनन मंत्री ने कहा कि राज्य में अवैध खनन किसी भी हालत में बर्दाश्त नहीं किया जाएगा। उपमुख्यमंत्री के मुताबिक राज्य में राजस्व के हेराफेरी की कोई गुंजाइश नहीं छोड़ी जाएगी। वहीं अगर कोई इस अवैध गतिविधि में लिप्त पाया जाता है, तो उन लोगों के खिलाफ कार्रवाई की जाएगी।

बालू माफियाओं से वसुला गया 100 करोड़ रुपये जुर्माना

उपमुख्यमंत्री द्वारा दि गई जानकारी के मुताबिक बालू घाटों का हवाई निरीक्षण कर अवैध खनन रोकने के प्रयास तेज किए जा रहे हैं। विजय सिन्हा के मुताबिक अवैध खनन (Illegal Mining) के खिलाफ कि जा रही कार्रवाइ के दौरान अब तक तीन हजार ट्रक जब्त किए गए हैं, जिनसे करीब 15 लाख घन फीट बालू बरामद हुई है। वहीं बताया गया है कि इस काम से जुड़े पांच लोगों को गिरफ्तार भी किया गया है। उपमुख्यमंत्री के मुताबिक बालू माफियाओं से राजस्व में 100 करोड़ रुपये बतौर जुर्माना वसुला गया है।

 

Illegal Mining में शामिल व्यक्तियों के खिलाफ उठाए जाएंगे सख्त कदम

विजय सिन्हा के मुताबिक मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने कहा है कि Illegal Mining (अवैध खनन) गतिविधियों में शामिल व्यक्तियों के खिलाफ सख्त कदम उठाए जाएंगे। वही उन्होंने बताया कि अवैध खनन के खिलाफ कड़ी कार्रवाई का मुख्य उद्देश्य राजस्व संग्रह को दोगुना करना है। बता दें कि उपमुख्यमंत्री ने शनिवार को मीडिया को संबोधित करते हुए इस बात पर जोर दिया कि रेत को बोझ नहीं बनने दिया जाना चाहिए, बलकी इस पहल से रोजगार के अवसर पैदा होंगे और एक महत्वपूर्ण लाभ के रूप में काम करने की उम्मीद है। उन्होंने कहा कि वैध ऑपरेटरों को किसी भी कठिनाई का सामना नहीं करना पड़ेगा।

हेलीकॉप्टर के माध्यम से किया गया निरीक्षण

आपको बता दे की विभिन्न रेत घाटों का हेलीकॉप्टर के माध्यम से हवाई निरीक्षण किया गया था, जिस दौरान स्वचलित खनन गतिविधियों का वीडियो फुटेज लिया गया था। बताया जा रहा है कि उपमुख्यमंत्री ने इस निरीक्षण के बाद, अधिकारियों के साथ एक समीक्षा बैठक बुलाई, जिसमें उन्हें अवैध खनन पर अंकुश लगाने के लिए उचित कार्रवाई करने का निर्देश दिया। उन्होंने बैठक में कहा था कि, “अवैध खनन (Illegal Mining) और ओवरलोडिंग की सुचना निरंतर मिल रही है। ऐसे में इस पर ध्यान दिया जाना चाहिए। बताया जा रहा है कि ट्रकों के कारण लगने वाले लंबे जाम से लोगों को निजात दिलाने के लिए खनन विभाग और सड़क निर्माण विभाग मिलकर सहयोग करेंगे।

सरकार की सहायता करने पर दिया जाएगा पुरस्कार

उप मुख्यमंत्री के मुताबिक सरकार जनता की सहायता से अवैध रेत व्यापार की बारीकी से निगरानी कर रही है। वहीं ऐसे लोग जो इन अवैध खनन गतिविधियों का सुचना देने का काम कर रहे हैं उनके पहचान को गोपनीय रखते हुए, सरकार की सहायता करने के एवज़ में पुरस्कार दिया जाएगा।

पुर्ण रूप से प्रतिबंधित है गीली रेत

बता दें कि सरकार ने जनता की सुविधा के लिए बालू मित्र पोर्टल शुरू करने का भी निर्णय लिया है। खनन मंत्री के मुताबिक प्रशासनिक कार्रवाइ के दौरान जब्त की गई रेत को मांग के आधार पर ऑनलाइन पोर्टल पर बेचा जाएगा। वहीं ओवरलोडिंग के संबंध में, उन्होंने कहा कि 5 प्रतिशत की सहिष्णुता स्थापित की गई है। हालाँकि, गीली रेत पुर्ण रूप से प्रतिबंधित है, ऐसे में किसी भी परिस्थिति में इसे गाडियों पर लोड नहीं किया जाना चाहिए, और उल्लंघन करने वालों को दंड का सामना करना पड़ेगा।

अवैध रेत व्यापारियों की पहचान

विजय सिन्हा ने बताया कि पटना और भोजपुर में अवैध रेत व्यापारियों की पहचान की गई है और माफिया के साथ सहयोग करने वाले अधिकारियों की भी पहचान की जाएगी। उन्होंने बताया कि वर्तमान में, 193 रेत घाट चालू हैं, जिनमें बिना पंजीकरण प्लेट के ट्रैक्टर चल रहे हैं। अब आगे सरकार इस मामले में भी ठोस कदम उठाने वाली है। उपमुख्यमंत्री ने बताया कि ऐसे वाहन जिन पुलिस थानों से निकलते हैं, उन थानों की पहचान की जाएगी और थाना प्रभारी से जवाबदेही मांगी जाएगी। और इस दौरान यदि कोई संदेह पैदा होता है, तो उनकी संपत्तियों की जांच की जाएगी।

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