Buxar Flood Situation 2025

बक्सर: जिले पर मंडरा रहा है भिसड़ बाढ़ का खतरा, बाढ़ की चपेट में आए के निशान को पार कर गयाबक्सर में गंगा नदी का जलस्तर खतरे के निशान को पार कर गया है। 22 गांव बाढ़ से प्रभावित, प्रशासन ने 29 नावों की तैनाती की। जानें पूरी रिपोर्ट और ताज़ा हालात।

Buxar Flood Situation: बक्सर जिले में गंगा नदी का जलस्तर लगातार बढ़ता जा रहा है, जिससे हजारों ग्रामीणों की मुश्किलें बढ़ गई हैं। मंगलवार दोपहर 12 बजे गंगा नदी का जलस्तर खतरे के निशान 60.32 मीटर को पार करते हुए 60.78 मीटर तक पहुंच गया। केंद्रीय जल आयोग का अनुमान है कि बुधवार को यह जलस्तर और बढ़कर 61.75 मीटर तक जा सकता है। इससे जिले के कुल पांच अंचलों की 11 पंचायतों के 22 गांव आंशिक रूप से बाढ़ की चपेट में आ गए हैं। मुख्य सड़क से संपर्क टूट जाने के बाद जिला प्रशासन ने आवागमन बनाए रखने के लिए 29 नावों की व्यवस्था की है।

Buxar Flood Situation: बक्सर के बाढ़ प्रभावित गांवों की ताज़ा स्थिति

 

Buxar Flood Situation

जिले में गंगा का जलस्तर बढ़ने से कई अंचलों के गांव बाढ़ (Buxar Flood) की चपेट में आ चुके हैं। अंचल के छोटका नुआंव (गोविंदपुर, मिल्किया) और करहंसी पंचायत (योगियां, लरई) आंशिक रूप से डूब गए हैं, जहां प्रशासन ने राहत के लिए 3 नावें तैनात की हैं। योगियां गांव में पशुओं की देखभाल हेतु 276 पॉलिथीन शीट्स वितरित की गई हैं। चौसा अंचल के बनारपुर और सिकरौल पंचायत में पानी घुसने से स्थिति गंभीर है, यहां 4 नावें लगाई गई हैं, जबकि नगर पंचायत कार्यालय तक पहुंचना मुश्किल हो गया है।

ये भी पढ़ें: रूस के कामचटका में 8.8 तीव्रता भूकंप के बाद उफान पर समंदर, क्या फीर आएगी 2011 जैसी तबाही? जानें किन देशों पर मंडरा रहा है सुनामी का खतरा

सिमरी अंचल के गंगौली, राजापुर, राजपुर कलां और नियाज़ीपुर के टोले जैसे श्रीकांत राय का डेरा और कोयलावीर बाबा का डेरा भी जलमग्न हैं, जहां 12 नावें राहत कार्यों में जुटी हैं। वहीं ब्रह्मपुर अंचल में नैनीजोर पंचायत प्रभावित है और 6 नावों की व्यवस्था की गई है। चक्की अंचल के जवाही दियर पंचायत में भी पानी घुस चुका है। इटाढ़ी अंचल फिलहाल सुरक्षित है। जिला अधिकारी विद्यानंद सिंह ने उमरपुर पहुंचकर हालात का जायजा लिया और ग्रामीणों को हर संभव मदद का भरोसा दिलाया।

गंगा के उफान से ग्रामीणों में दहशत

Buxar Flood 2025

उत्तराखंड और पूर्वी उत्तर प्रदेश में लगातार हो रही मूसलाधार बारिश का असर अब बक्सर जिले में साफ दिखाई दे रहा है। गंगा नदी का जलस्तर खतरे के निशान को पार कर चुका है, वहीं उसकी सहायक नदियां कर्मनाशा और ठोरा भी उफान पर हैं। चौसा प्रखंड के बनारपुर गांव में बाढ़ का पानी घरों तक पहुंच गया है और चौसा-मोहनिया मुख्य सड़क पर तीन फीट पानी जमा होने से यातायात पूरी तरह ठप हो गया है। सदर प्रखंड के जरीगांव और रामरेखा घाट क्षेत्र में हालात इतने गंभीर हैं कि विवाह मंडप की छत तक पानी पहुंच गया है।

ये भी पढ़ें: प्रयागराज से पटना तक गंगा नदी का कहर, लाखों लोग प्रभावित, टूट सकता है 1978 का रिकॉर्ड

वहीं भोजपुर के जवनिया गांव में गंगा कटाव से दर्जनों घर बह गए हैं, जबकि नैनिजोर गांव में भी कटाव का खतरा मंडरा रहा है। स्थिति बिगड़ने के डर से सिमरी और दियारा क्षेत्र से लोग मवेशियों समेत सुरक्षित स्थानों की ओर पलायन कर रहे हैं। जबकि कई ग्रामीण अपने घर और सामान की सुरक्षा के लिए पूरी रात जागकर पहरा दे रहे हैं।

प्रशासन की चौकसी और विशेषज्ञों की चेतावनी

गंगा नदी का जलस्तर तेजी से बढ़ने के बाद जिला प्रशासन ने चौकसी बढ़ा दी है और 24 घंटे सक्रिय नियंत्रण कक्ष स्थापित किया है, जिसका हेल्पलाइन नंबर 06183-223333 जारी किया गया है। किसी भी आपात स्थिति में ग्रामीण इस नंबर पर तुरंत सहायता प्राप्त कर सकते हैं। वहीं, विशेषज्ञों का कहना है कि फिलहाल गंगा का उच्चतम जलस्तर 62.19 मीटर दर्ज है और यदि बारिश की यही स्थिति बनी रही, तो यह नया रिकॉर्ड बना सकता है। मौसम विभाग ने आने वाले दिनों में भारी बारिश की चेतावनी देते हुए ग्रामीणों को सतर्क रहने की सलाह दी है।

ऐसे ही और महत्वपूर्ण खबरों को अपने फोन पर पाने के लिए, जुड़िए हमारे साथ —

खबरें और भी