Buxar Nagar Parishad Corruption
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CM से शिकायत के बाद खुला बक्सर नगर परिषद का घोटाला! 33 लाख की हेराफेरी, जांच में बड़े खुलासे

बक्सर: बक्सर नगर परिषद में व्याप्त भ्रष्टाचार के खिलाफ आवाज उठाने वाले रामजी सिंह की लड़ाई रंग लाई है। उन्होंने जो आरोप लगाए थे, वो अब जांच में सच साबित हुए हैं। मुख्यमंत्री के जनता दरबार में की गई शिकायत के बाद Nagar Parishad Corruption मामले की जांच डीडीसी अशोक चौधरी को सौंपी गई थी, जिन्होंने अपनी रिपोर्ट में कई गंभीर अनियमितताओं का खुलासा किया है। रिपोर्ट के अनुसार, नगर परिषद द्वारा पहले किए गए कई कार्यों में नियमों की धज्जियां उड़ाई गईं। सबसे बड़ा मामला होल्डिंग टैक्स वसूली को लेकर सामने आया है, जहां गलत एजेंसी को काम सौंपा गया। जब इस पर जवाब मांगा गया तो परिषद ने संतोषजनक रिपोर्ट भी नहीं दी।

Buxar Nagar Parishad Corruption: गंगा घाट की सफाई और टेंडर में घपला, 33 लाख की टैक्स हेराफेरी

जांच में यह भी सामने आया है कि गंगा घाटों की सफाई के लिए अलग से टेंडर निकाला गया, लेकिन इसका उद्देश्य सिर्फ पैसा बांटना था। इसमें भी बड़े स्तर पर भ्रष्टाचार हुआ है। नगर परिषद के टैक्स वसूली कर्मियों पर 33 लाख रुपये की राशि में हेराफेरी का आरोप भी सही पाया गया है। हालांकि इसमें से कुछ रकम बाद में विभाग के खाते में जमा कर दी गई, लेकिन पूरी राशि का सही हिसाब अब तक सामने नहीं आया है।

पूर्व कार्यपालक पदाधिकारी पर सीधा आरोप

जांच रिपोर्ट में साफ तौर पर कहा गया है कि पूर्व कार्यपालक पदाधिकारी प्रेम स्वरुपम ने अपने कार्यकाल में नियमों को ताक पर रखकर टैक्स वसूली का ठेका स्पैरो नामक एजेंसी को दिया, जो पहले से विवादों में रही है। इस एजेंसी को ठेका देने में कई नियमों को कमजोर किया गया।

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पहली जांच में लीपापोती की कोशिश

जब Buxar Nagar Parishad Corruption का यह मामला मुख्यमंत्री के जनता दरबार तक पहुंचा, तो तत्कालीन डीडीसी महेंद्र पाल को इसकी जांच का जिम्मा सौंपा गया। लेकिन उन्होंने फाइल को ठंडे बस्ते में डाल दिया। बाद में उनके तबादले के बाद नए प्रशिक्षु आईएएस अधिकारी अशोक चौधरी को यह जिम्मेदारी दी गई, जिन्होंने पूरे मामले की गंभीरता से जांच की और सच्चाई सामने लाई।

अब आगे क्या?

रिपोर्ट में यह साफ है कि नगर परिषद में वित्तीय अनियमितताएं हुई हैं। 33 लाख की हेराफेरी के बाद अब यह सवाल उठ रहा है कि इस भ्रष्टाचार में और कौन-कौन शामिल है और उनके खिलाफ क्या कार्रवाई होगी। रामजी सिंह की यह लड़ाई अब एक बड़ी जीत में बदल गई है, लेकिन असली जंग अब शुरू हुई है — भ्रष्टाचारियों के खिलाफ कानूनी कार्रवाई की।

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