Swayambhu Hanuman Mandir Buxar
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क्या आपने किया बक्सर के स्वयंभू हनुमान मंदिर का दर्शन? जानें मंदिर का रहस्य और भक्तों की आस्था

Swayambhu Hanuman Mandir: बक्सर नगर के अंबेडकर चौक के समीप स्थित स्वयंभू हनुमान मंदिर में मंगलवार की शाम भव्य पूजन और आरती का आयोजन किया गया। इस मौके पर बड़ी संख्या में श्रद्धालु एकत्रित हुए। पूरे मंदिर परिसर में घंटा-घड़ियाल की गूंज और हनुमान जी के जयकारों से वातावरण भक्तिमय हो उठा। इस आयोजन में प्रमुख रूप से राहुल कुमार, शुशील मानसिंहका समेत अनेक श्रद्धालु मौजूद रहे।

स्वयंभू हनुमान मंदिर का रहस्य और मान्यता

यह हनुमान मंदिर Buxar के सबसे प्रसिद्ध मंदिरों में से एक माना जाता है। मान्यता है कि यहां हनुमान जी की प्रतिमा किसी ने स्थापित नहीं की, बल्कि वे स्वयं प्रकट हुए थे। इसी कारण इसे स्वयंभू मंदिर कहा जाता है। लगभग छह फीट चौड़े और सात फीट लंबे इस प्राचीन मंदिर में प्रतिदिन सैकड़ों श्रद्धालु दर्शन के लिए पहुंचते हैं। स्थानीय लोगों का कहना है कि चाहे मंदिर की स्थिति कितनी भी जर्जर क्यों न हो, भक्तों की आस्था में कभी कोई कमी नहीं आई। मंगलवार और शनिवार को यहां विशेष भीड़ रहती है, जब दूर-दराज़ से लोग पूजा-अर्चना करने पहुंचते हैं।

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मंगलवार की शाम आयोजित आरती के दौरान मंदिर में उमड़ी भीड़ ने इस स्थल के महत्व को एक बार फिर उजागर किया। श्रद्धालुओं ने बताया कि इस मंदिर में पूजा करने से मनोकामनाएं पूरी होती हैं और भक्तों को मानसिक शांति मिलती है। घंटा-घड़ियाल की ध्वनि और हनुमान जी के जयकारों ने पूरे क्षेत्र को आध्यात्मिक ऊर्जा से भर दिया।

Buxar के Swayambhu Hanuman Mandir का होगा भव्य जीर्णोद्धार

नगर के मध्य में स्थित स्वयंभू हनुमान मंदिर के शीघ्र जीर्णोद्धार की मांग भक्तों और मंदिर समिति ने एक बार फिर जोर-शोर से उठाई है। समिति के सदस्य शुशील मानसिंहका और राहुल कुमार ने बताया कि मंदिर की जमीन बिहार सरकार के खतियान में दर्ज है, जिससे पुनर्निर्माण में कोई कानूनी रुकावट नहीं है। मंदिर समिति ने भव्य पुनर्निर्माण की योजना तैयार कर ली है और जल्द ही कुशल कारीगरों को बुलाकर कार्य शुरू करने की घोषणा की। जीर्णोद्धार के बाद मंदिर श्रद्धालुओं के लिए अधिक सुविधाजनक होगा और बक्सर की धार्मिक पहचान को नई ऊंचाई मिलेगी।

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नियमित रूप से मंदिर में पूजा करने वाले अधिवक्ता से प्राप्त जानकारी के मुताबीक स्वयंभू हनुमान मंदिर सिर्फ एक धार्मिक स्थल नहीं है, बल्कि यह जनता की गहरी आस्था और विश्वास का प्रतीक है। उन्होंने प्रशासन से अपील की कि जनभावनाओं का सम्मान करते हुए मंदिर निर्माण की स्वीकृति जल्द दी जाए। इस संदर्भ में स्थानीय श्रद्धालुओं का कहना है कि अब समय आ गया है कि प्रशासन मंदिर के जीर्णोद्धार की मांग पर गंभीरता से विचार करे। उनका मानना है कि यदि यह प्राचीन मंदिर शीघ्र ही नए स्वरूप में विकसित होता है, तो यह न केवल भक्तों की सुविधा बढ़ाएगा बल्कि बक्सर की धार्मिक पहचान को भी नई ऊंचाई प्रदान करेगा।

बक्सर की धार्मिक पहचान को नई दिशा

Buxar का यह प्रसिद्ध मंदिर न केवल स्थानीय श्रद्धालुओं बल्कि पड़ोसी जिलों से आने वाले भक्तों के लिए भी आस्था का केंद्र है। हर सप्ताह सैकड़ों लोग यहां पहुंचकर हनुमान जी का आशीर्वाद प्राप्त करते हैं। जीर्णोद्धार के बाद यहां धार्मिक पर्यटन को बढ़ावा मिलेगा, जिससे स्थानीय अर्थव्यवस्था को भी मजबूती मिलेगी।

भक्तों की अटूट आस्था का प्रतीक है स्वयंभू हनुमान मंदिर

बता दें की यह धार्मिक स्थल केवल एक मंदिर नहीं, बल्कि भक्तों की गहरी आस्था और विश्वास का जीवंत प्रतीक है। कुछ लोगों का कहना है कि यहां हनुमान जी की कृपा से श्रद्धालुओं की हर मनोकामना पूरी होती है। मंदिर की वर्तमान जर्जर स्थिति के बावजूद यहां आने वाले भक्तों का उत्साह कम नहीं होता, बल्कि हर मंगलवार और शनिवार को यहां विशेष भीड़ उमड़ती है। स्थानीय लोग मानते हैं कि यह स्थल न सिर्फ धार्मिक महत्व रखता है बल्कि पूरे क्षेत्र की आध्यात्मिक पहचान भी है। इसके शीघ्र जीर्णोद्धार से मंदिर का गौरव और भी बढ़ेगा।

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