Sign In
समाचार ऑटो टेक्नोलॉजी डिफेंस न्यूज़ धर्म नौकरी मनोरंजन राजनीति बिजनेस खेल अपराध

बक्सर में 11 व्यापारियों को मिली धमकी, ‘शेरू सिंह’ के नाम से आया फोन, बेउर जेल से जुड़ा कनेक्शन

Buxar Threat Case: 11 businessmen received threat call from jail

बक्सर: जिले में एक बार फिर से अपराधियों के दुस्साहस ने लोगों को चौंका दिया है। हालिया मामले (Buxar threat case) में सामने आया है कि जिले के 11 व्यापारियों और कंपनी से जुड़े लोगों को धमकी भरे कॉल आए हैं। कॉलर ने खुद को “शेरू सिंह” बताते हुए लोगों को डरा-धमका कर साफ तौर पर भय फैलाने की कोशिश की है।

शेरू सिंह के नाम पर धमकी, नाम सुनते ही व्यापारियों के उड़े होश

प्राप्त जानकारी के अनुसार, जिन लोगों को कॉल आया उन्होंने बताया कि फोन करने वाला खुद को ‘शेरू सिंह’ बता रहा था। उसका लहजा धमकी भरा था लेकिन उसने फिलहाल कोई फिरौती की मांग नहीं की। बहरहाल, कॉल सुनने के बाद से ही प्रभावित व्यापारियों में डर का माहौल बन गया है। पुलिस ने तुरंत एक्शन लेते हुए मोबाइल नंबर को ट्रेस किया, और जांच में सामने आया कि कॉल पटना स्थित बेउर जेल से किया गया था।

ये भी पढ़ें: बक्सर में दरोगा पर जानलेवा हमला, पिता-पुत्र के झगड़े में बहा नीतेश कुमार का खून

यह बात स्पष्ट होते ही पुलिस को समझ में आ गया कि मामला गंभीर है और किसी अपराधी द्वारा जेल से कॉल किया गया है। जांच को आगे बढ़ाते हुए जब असली शेरू सिंह के बारे में जानकारी ली गई तो पता चला कि वह तो पश्चिम बंगाल के पुरूलिया जेल में बंद है। यानी किसी ने जानबूझकर उसका नाम लेकर धमकी देने की साजिश रची है।

Buxar Threat Case: पुराना अपराधी निकला मास्टरमाइंड

बक्सर पुलिस ने तुरंत एक विशेष टीम को पटना भेजा, जहां पूछताछ के बाद सामने आया कि सिकंदर यादव नामक एक पुराना अपराधी ही इस धमकी के पीछे है। सिकंदर फिलहाल बेउर जेल में बंद है और उसने ही व्यापारियों को कॉल किया था। हालांकि अब तक पुलिस यह पता नहीं लगा पाई है कि उसने यह काम किसके कहने पर किया। जेल में बंद अपराधियों से पूछताछ में कई बार सख्ती नहीं बरती जा सकती, जिससे पुलिस की जांच को चुनौती मिल रही है।

ये भी पढ़ें: बक्सर के गंगा घाटों पर खतरे की दस्तक, नदी के घटते जलस्तर ने खड़ी की नई मुसीबत

आपको बता दें की इस मामले की गंभीरता को देखते हुए कोई भी पीड़ित FIR दर्ज कराने आगे नहीं आया, बहरहाल नगर कोतवाल मनोज कुमार सिंह ने खुद प्राथमिकी दर्ज की। पुलिस अधीक्षक (SP) के निर्देश पर इस केस में गंभीरता से जांच शुरू कर दी गई है। अब यहा ये कहना गलत नहीं होगा कि अगर पुलिस अधिकारी खुद पहल न करें, तो ऐसे मामलों में अपराधियों का मनोबल और बढ़ सकता है।

फिरौती की साजिश या डराने की योजना?

अब तक की जांच में यह स्पष्ट नहीं हुआ है कि यह धमकी किसी फिरौती वसूली की कोशिश थी या किसी को डराने की योजना। लेकिन 11 लोगों को फोन किया जाना यह दर्शाता है कि यह कोई छोटा मामला नहीं है। यह भी पता चला है कि सिर्फ दुकानदार ही नहीं, कुछ कंपनियों के प्रतिनिधि भी निशाने पर थे, जिनकी परियोजनाएं बक्सर में चल रही हैं।

ये भी पढ़ें: चंदन मिश्रा हत्याकांड से जुड़े तीन शूटर गिरफ्तार, दो को लगी गोली

जेलों से अपराध संचालन पर बढ़ती चिंता

बक्सर धमकीकांड ने एक बार फिर यह साबित कर दिया है कि जेलों के अंदर से आपराधिक नेटवर्क संचालित होना अब आम बात हो गई है। मोबाइल फोन की अवैध पहुंच और जेल के भीतर से धमकी भरे कॉल, समाज और प्रशासन दोनों के लिए बड़ी चुनौती हैं। व्यापारियों को मिली ये धमकी इस बात का प्रमाण है कि सुरक्षा व्यवस्थाओं में खामियां अभी भी मौजूद हैं। विशेषज्ञ मानते हैं कि बिहार समेत कई राज्यों की जेलों में अपराधियों द्वारा मोबाइल नेटवर्क और ऑनलाइन गतिविधियों का इस्तेमाल लगातार बढ़ रहा है। ऐसे में कड़ी निगरानी और तकनीकी सुरक्षा बेहद जरूरी हो गई है।

ऐसे ही और महत्वपूर्ण खबरों को अपने फोन पर पाने के लिए, जुड़िए हमारे साथ —

Veer

Veer

Veer जय जगदम्बा न्यूज के Founder (CEO) हैं। यहां वह करियर, एजुकेशन, जॉब्स, राजनीति, रिसर्च व धर्म से जुड़ी खबर के अलावा देश-विदेश से जुड़ी खबरें पेस करते हैं। यह एक नई शुरुआत है ऐसे में आप जय जगदंबा न्यूज़ का साथ बनाए रखिए।

अन्य खबरें

Breaking News