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Chaitra Navratri 2025: इस नवरात्रि हाथी पर सवार होकर आ रही हैं मां दुर्गा, बन रहे हैं शुभ संयोग, जानें शुभ मुहूर्त और विशेष पूजा विधि

Chaitra Navratri 2025 Shubh Muhurat and Puja Vidhi

Chaitra Navratri 2025: हिंदू धर्म का शुभ पर्व नवरात्रि भक्तों के लिए अत्यधिक महत्वपूर्ण होता है। हमारे सनातन धर्म में नवरात्रि, वर्ष में दो बार मनाई जाती है। एक नवरात्रि मार्च या अप्रैल में आती है, जिसे चैत्र नवरात्रि कहा जाता है, और दूसरी सितंबर या अक्टूबर में जिसे शारदीय नवरात्रि के नाम से जाना जाता है।

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इस दौरान मां दुर्गा की विशेष पूजा-अर्चना की जाती है, जिससे भक्तों को सुख, समृद्धि और सफलता का आशीर्वाद प्राप्त होता है। हालांकि इस लेख में हम चैत्र नवरात्रि 2025 के शुभ मुहूर्त, देवी दुर्गा के नौ स्वरूपों की पूजा विधि और इस पर्व के महत्व पर विस्तृत जानकारी देंगे।

कब शुरू हो रही है Chaitra Navratri 2025?

इस वर्ष Chaitra Navratri 2025 की शुरुआत 30 मार्च 2025 से हो रही है। इस दिन से नवसंवत्सर 2025 (हिंदू नववर्ष) भी प्रारंभ होगा। चैत्र नवरात्रि का समापन 7 अप्रैल 2025 को होगा। इस बार नवरात्रि आठ दिनों की होगी, क्योंकि तिथियों के अनुसार एक दिन कम पड़ रहा है।

चैत्र नवरात्रि 2025 का शुभ मुहूर्त

प्रतिपदा तिथि प्रारंभ: 29 मार्च 2025, रात 11:52 बजे

प्रतिपदा तिथि समाप्त: 31 मार्च 2025, रात 1:15 बजे

कलश स्थापना मुहूर्त: 30 मार्च 2025, सुबह 6:15 बजे से 8:45 बजे तक

नोट: शुभ मुहूर्त स्थान के अनुसार बदल सकते हैं, इसलिए स्थानीय पंचांग से समय की पुष्टि करें।

देवी दुर्गा के नौ स्वरूप और उनकी विशेषता

Chaitra Navratri 2025 में मां दुर्गा के नौ स्वरूपों की पूजा की जाती है। हर दिन देवी के एक स्वरूप की आराधना करने से भक्तों को विशेष लाभ मिलता है।

1. प्रथम दिन – मां शैलपुत्री

मां शैलपुत्री की पूजा करने से जीवन में स्थिरता और आत्मबल प्राप्त होता है।

2. द्वितीय दिन – मां ब्रह्मचारिणी

मां ब्रह्मचारिणी की कृपा से तप, संयम और ज्ञान की प्राप्ति होती है।

3. तृतीय दिन – मां चंद्रघंटा

मां चंद्रघंटा भय, संकट और नकारात्मक ऊर्जा को दूर करती हैं।

4. चतुर्थ दिन – मां कूष्मांडा

मां कूष्मांडा स्वास्थ्य और सुख-समृद्धि प्रदान करती हैं।

5. पंचम दिन – मां स्कंदमाता

मां स्कंदमाता की पूजा करने से संतान सुख और बुद्धि का विकास होता है।

6. षष्ठम दिन – मां कात्यायनी

मां कात्यायनी की पूजा विवाह और प्रेम संबंधों के लिए लाभकारी मानी जाती है।

7. सप्तम दिन – मां कालरात्रि

मां कालरात्रि बुरी शक्तियों और दोषों से मुक्ति दिलाती हैं।

8. अष्टम दिन – मां महागौरी

मां महागौरी मन की शुद्धता और कल्याणकारी ऊर्जा प्रदान करती हैं।

9. नवम दिन – मां सिद्धिदात्री

मां सिद्धिदात्री भक्तों को सिद्धि, समृद्धि और सफलता प्रदान करती हैं।

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इस चैत्र नवरात्रि कैसा होगा देवी दुर्गा के आगमन का संकेत

इस बार मां दुर्गा हाथी पर सवार होकर आ रही हैं, जो सुख-समृद्धि और अच्छी वर्षा का संकेत माना जाता है। धार्मिक मान्यताओं के अनुसार, जब देवी हाथी पर सवार होकर आती हैं, तो इसका अर्थ होता है कि देश में शांति और खुशहाली बनी रहेगी और किसानों को अच्छी फसल प्राप्त होगी।

चैत्र नवरात्रि 2025 में व्रत और पूजा विधि

शुभ मुहूर्त में करें कलश स्थापना (Ghatasthapana)

जैसा कि इस वर्ष चैत्र नवरात्रि की शुरुआत 30 मार्च से हो रही है और इस दिन घटस्थापना का विशेष महत्व है। ऐसे में शुभ मुहूर्त के अनुसार, 30 मार्च 2025 को सुबह 6:15 बजे से 8:45 बजे तक कलश स्थापना करना उत्तम रहेगा।

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इस दौरान मिट्टी के पात्र में जौ बोकर कलश स्थापित करें। कलश पर स्वास्तिक बनाकर उसमें शुद्ध जल, सुपारी, सिक्का और आम के पत्ते डालें। नारियल को लाल कपड़े में लपेटकर कलश के ऊपर रखें।

मां दुर्गा की पूजा

चैत्र नवरात्रि में मां दुर्गा की उपासना करने से भक्तों को सुख, समृद्धि और शक्ति की प्राप्ति होती है। इन नौ दिनों में-

विधिवत पूजा: मां दुर्गा के नौ स्वरूपों की विधिवत पूजा करनी चाहिए।

अखंड दीप: अखंड दीप जलाने से सकारात्मक ऊर्जा का संचार होता है
दुर्गा सप्तशती पाठ: दुर्गा सप्तशती का पाठ करने से जीवन में बाधाएं दूर होती हैं।

आरती: सुबह-शाम मां की आरती करें और उन्हें फल, मिठाई व पंचामृत का भोग अर्पित करें।

सात्त्विक भोजन: व्रत के दौरान सात्त्विक भोजन करें और जरूरतमंदों को भोजन कराएं, जिससे पुण्य की प्राप्ति होती है।

व्रत और फलाहार

उपवास रखने वाले भक्त केवल फलाहार और दूध का सेवन कर सकते हैं। सप्तमी, अष्टमी या नवमी के दिन कन्या पूजन करें और उन्हें भोजन कराएं।

चैत्र नवरात्रि 2025 में जरूर करें ये शुभ कार्य, मिलेगा देवी का आशीर्वाद

चैत्र नवरात्रि में मां दुर्गा की कृपा प्राप्त करने के लिए कुछ विशेष कार्य करने से शुभ फल मिलते हैं। इस पावन अवसर पर-

  • मां दुर्गा के मंत्रों का जाप करें और नौ दिनों तक नियमित पूजा-अर्चना करें।
  • सुबह और शाम घी का दीपक जलाने से घर में सकारात्मक ऊर्जा बनी रहती है।
  • जरूरतमंदों को भोजन और वस्त्र दान करें, इससे पुण्य की प्राप्ति होती है।
  • अष्टमी या नवमी के दिन कन्या पूजन करें और उन्हें भोजन करवाकर आशीर्वाद लें।

इन धार्मिक कार्यों से मां दुर्गा की कृपा बनी रहती है और सुख-समृद्धि प्राप्त होती है।

FAQs (अक्सर पूछे जाने वाले प्रश्न)

Chaitra Navratri 2025 कब शुरू हो रही है?

चैत्र नवरात्रि 2025 की शुरुआत 30 मार्च से हो रही है और समापन 7 अप्रैल को होगा।

इस बार नवरात्रि कितने दिनों की होगी?

इस वर्ष नवरात्रि केवल 8 दिनों की होगी।

चैत्र नवरात्रि में मां दुर्गा के कितने रूपों की पूजा होती है?

देवी दुर्गा के नौ स्वरूपों की पूजा की जाती है।

नवरात्रि में व्रत रखने के क्या लाभ हैं?

व्रत से शरीर और मन शुद्ध होता है, और आध्यात्मिक ऊर्जा बढ़ती है।

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