CQB Carbine Gun: भारत ने अपनी रक्षा ताकत को और मजबूत करते हुए स्वदेशी रूप से विकसित की गई CQB कार्बाइन गन को सेना में शामिल करने का निर्णय लिया है। यह हल्की (लगभग 3 किलो), तेज़ और सटीक हथियार खासतौर पर क्लोज क्वार्टर बैटल यानी नजदीकी लड़ाई के लिए डिज़ाइन की गई है, जहां सैनिकों को आतंकियों से आमने-सामने की भिड़ंत का सामना करना पड़ता है।
आधुनिक तकनीक से लैस है CQB Carbine गन
इस नई CQB बंदूक में वो तमाम विशेषताएं हैं जो आज के युद्ध क्षेत्र की मांग हैं। इसमें रेल जैसी तकनीक लगी है जिस पर नाइट विजन, लेज़र लाइट, और एडवांस टारगेटिंग सिस्टम को जोड़ा जा सकता है। इससे यह रात के मिशन में भी अत्यधिक उपयोगी बन जाती है। साफ-सफाई और मरम्मत की दृष्टि से यह कार्बाइन काफी सरल है, जिससे जवानों को फील्ड में समय और सुविधा दोनों मिलती हैं।
इस CQB carbine ने भारतीय सेना के द्वारा किए गए सख्त ट्रायल्स को सफलता से पार किया है। चाहे राजस्थान की धूप हो या लद्दाख की बर्फ, इसने हर मोर्चे पर अपनी ताकत दिखाई है। इससे पहले यह केंद्रीय पुलिस बलों और यूपी पुलिस के टेस्ट में भी सफल रही है। इसकी सटीकता और स्थिरता इसे शहरों, इमारतों और जंगलों में होने वाली मुठभेड़ों के लिए आदर्श बनाती है।
पुरानी स्टर्लिंग की जगह ले रही है नई CQB कार्बाइन

भारतीय सेना अब दशकों पुरानी 9mm स्टर्लिंग कार्बाइन को अलविदा कह रही है और उसकी जगह ले रही है आधुनिक 5.56×45 mm CQB कार्बाइन। यह नई कार्बाइन INSAS राइफल जैसी गोलियां चलाती है, जिससे सेना को गोलियों की आपूर्ति और प्रबंधन में सुविधा होगी। इसमें दो फायर मोड — सिंगल और ऑटोमैटिक — दिए गए हैं, जिससे जवान मिशन के अनुसार रणनीति अपना सकते हैं।
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पुरानी स्टर्लिंग कार्बाइन 1940 के दशक की तकनीक पर आधारित थी, जबकि यह CQB गन आज के शहरी और जंगल युद्ध के लिए बिल्कुल उपयुक्त साबित हो रही है।
भारत फोर्ज की फैक्ट्री में बनेगा CQB हथियार, सेना को मिलेगा देसी दम
भारत फोर्ज की पुणे स्थित फैक्ट्री में बनने वाली 5.56×45 मिमी CQB कार्बाइन न सिर्फ भारतीय सेना को नई ताकत देगी, बल्कि देश की रक्षा उत्पादन क्षमता को भी मजबूत बनाएगी। इस देसी हथियार के निर्माण से स्थानीय स्तर पर रोजगार बढ़ेगा और विदेशी हथियारों पर निर्भरता घटेगी।
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खास बात यह है कि रक्षा मंत्रालय ने अमेरिकी और इज़रायली कंपनियों को पीछे छोड़ते हुए पूरी तरह से भारतीय तकनीक को तरजीह दी है। वर्तमान में NSG और अन्य विशेष बल इस CQB बंदूक का उपयोग कर रहे हैं, जिससे इसकी विश्वसनीयता की पुष्टि होती है।
आत्मनिर्भर भारत की मिसाल बनी CQB कार्बाइन
भारतीय सेना के लिए विकसित की गई CQB carbine केवल एक हथियार नहीं, बल्कि भारत की आत्मनिर्भर सोच और रक्षा क्षेत्र में तेजी से बढ़ती तकनीकी क्षमता का प्रत्यक्ष उदाहरण है। DRDO और भारत फोर्ज के संयुक्त प्रयास से बनी यह आधुनिक कार्बाइन न केवल दुश्मनों के खिलाफ निर्णायक भूमिका निभाएगी, बल्कि यह भी दिखाएगी कि भारत अब रक्षा उपकरणों का निर्माता देश बन चुका है।
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4.25 लाख से अधिक कार्बाइनों का ऑर्डर यह साबित करता है कि देसी तकनीक पर भरोसा बढ़ रहा है। यह गन ‘मेक इन इंडिया’ को सशक्त करने वाली एक वास्तविक उपलब्धि है।
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