भारी बारिश के बीच भूकंप के तेज झटकों से हिली दिल्ली-NCR, मेट्रो सेवाओं पर भी लगी रोक
Delhi Earthquake Today: आज सुबह पूरे दिल्ली-एनसीआर में हलचल मच गई। जहां लोग पहले से ही लगातार हो रही बारिश और जलजमाव से परेशान थे, वहीं अचानक आए भूकंप के झटकों ने लोगों की चिंता और बढ़ा दी। दिल्ली, नोएडा, गुरुग्राम, गाजियाबाद और मेरठ जैसे इलाकों में इन झटकों को महसूस किया गया, जिससे कुछ देर के लिए जनजीवन थम सा गया।
Delhi Earthquake: झज्जर बना केंद्र, दिल्ली से सिर्फ 50 KM दूर था एपीसेंटर
झज्जर भूकंप केंद्र के रूप में सामने आया है, जो दिल्ली से महज़ 50 किलोमीटर की दूरी पर स्थित है। रिक्टर स्केल पर इसकी तीव्रता 4.4 दर्ज की गई और गहराई सिर्फ 10 किलोमीटर थी। इससे झटके ज्यादा तीव्र महसूस हुए। कई इलाकों में लोगों ने बताया कि 10 से 15 सेकंड तक ज़मीन कांपती रही।
नदी के ऊपर से गुजर रहा था ट्रक और कुछ ही सेकंड में हुआ खौफनाक हादसा, 11 लोगों की दर्दनाक मौत
बता दें की भूकंप का समय सुबह का था, जब लोग अपने-अपने कार्यस्थलों और स्कूलों के लिए निकल रहे थे। लिहाजा भूकंप से दहशत का माहौल ऐसा था कि कई लोग खुले मैदानों की ओर दौड़ पड़े। ऑफिसों की इमारतें हिलने लगीं और कुछ जगहों पर कामकाज रोकना पड़ा।
तुरंत रोकी गई दिल्ली मेट्रो सेवा, सुरक्षा जांच के बाद शुरू की सेवा
Live Hindustan की एक रिपोर्ट के अनुसार, सुरक्षा प्रोटोकॉल के तहत दिल्ली मेट्रो की सेवाएं कुछ मिनटों के लिए रोकी गईं। DMRC (Delhi Metro Rail Corporation) ने बताया कि जैसे ही झटके महसूस हुए, मेट्रो ट्रेनों को तुरंत अगली स्टेशन पर रोका गया, ताकि यात्रियों की सुरक्षा सुनिश्चित की जा सके। कुछ ही मिनटों बाद सेवाएं फिर से शुरू कर दी गईं।
9:09 बजे फिर महसूस हुए झटके, NCS ने की पुष्टि
सिर्फ एक बार नहीं, बल्कि 9:09 बजे दोबारा हल्के झटके महसूस किए गए। नेशनल सेंटर फॉर सीस्मोलॉजी (NCS) ने इसकी पुष्टि करते हुए लोगों से कहा कि घबराएं नहीं, लेकिन सतर्क रहें। बता दें की दिल्ली और आसपास के इलाकों में पिछले कई दिनों से भारी बारिश हो रही है, जिससे कई जगहों पर जलजमाव और ट्रैफिक जाम की स्थिति बनी हुई है। ऐसे में भूकंप के झटके ने लोगों की मुश्किलें और बढ़ा दी हैं।
सोशल मीडिया पर मचा मीमों का तूफान, ‘अब क्या बाकी है?’
रिपोर्ट के मुताबिक, सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म्स पर इस घटना को लेकर लोगों ने मीम्स की बाढ़ ला दी। X (Twitter) पर यूज़र्स ने लिखा:
- “Kal flooding, aaj earthquake – Delhi’s disaster week!”
- “Delhi feels like a survival game – rain outside, earthquake inside.”
यह दिखाता है कि मुश्किल घड़ी में भी लोग ह्यूमर के जरिए तनाव कम करने की कोशिश कर रहे हैं। कुछ पर्यावरण विशेषज्ञों का मानना है कि मौसम और भूगर्भीय घटनाओं में हो रही तेजी बड़े पर्यावरणीय बदलाव का संकेत हो सकती है। शहरीकरण, जलवायु परिवर्तन और कमजोर बुनियादी ढांचे ने खतरे को और बढ़ा दिया है।
भूकंप के समय क्या करें और क्या न करें, जानिए जरूरी सुरक्षा उपाय
क्या करें (Do’s) | क्या न करें (Don’ts) |
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Drop, Cover, Hold: नीचे झुकें, सिर ढकें और सुरक्षित जगह पर रहें | लिफ्ट का उपयोग बिल्कुल न करें |
मजबूत टेबल या दीवार के पास शरण लें | झटकों के दौरान भागने या दौड़ने की कोशिश न करें |
झटका रुकने के बाद ही बाहर निकलें | खिड़कियों या कांच के पास खड़े न हों |
सरकारी दिशा-निर्देशों और आपदा प्रबंधन सलाहों का पालन करें | अफवाहों या सोशल मीडिया पर फैल रही गलत जानकारियों से बचें |
शांत रहें और जरूरतमंदों की मदद करें | पैनिक में गलत निर्णय लेने से बचें |
Delhi Earthquake की यह घटना इस बात की ओर साफ इशारा कर रही है कि दिल्ली-एनसीआर जैसे घनी आबादी वाले इलाके को केवल विकास नहीं, बल्कि सुरक्षित, पर्यावरण-संवेदनशील और तकनीकी रूप से तैयार योजनाओं की भी सख्त ज़रूरत है।
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