Delhi NCR Earthquake: दिल्ली-एनसीआर में आज सुबह करीब 5:30 बजे जोरदार भूकंप के झटके महसूस किए गए। भूकंप इतना तेज था कि बिस्तर, दरवाजे और खिड़कियां तक हिलने लगीं। कई सेकंड तक धरती में कंपन होता रहा, जिससे लोग डर के मारे घरों से बाहर भागने लगे।
Delhi NCR Earthquake: कई सालों बाद इतना तेज भूकंप
दिल्ली-एनसीआर में सोमवार सुबह इतने तेज झटके, कई सालों बाद महसूस किए गए हैं। इससे पहले छोटे-मोटे झटके आते रहे हैं, लेकिन इस बार लोगों ने जोरदार कंपन महसूस किया। सोमवार सुबह की शांति, Delhi NCR Earthquake के झटकों से टूट गई, और गहरी नींद में सोए लोग भी डर के मारे जग गए।
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रिक्टर स्केल पर 4.3 तीव्रता का था भूकंप
Delhi NCR Earthquake 4.3 तीव्रता का था, जिसका केंद्र यही क्षेत्र था। इस भूकंप की गहराई मात्र 5 किलोमीटर थी, जिससे झटके अधिक तीव्र महसूस हुए। वैज्ञानिकों के अनुसार, कम गहराई वाले भूकंप ज्यादा नुकसानदेह हो सकते हैं, हालांकि इस बार किसी बड़े नुकसान की सूचना नहीं मिली। लोग घबराकर घरों से बाहर निकल आए, लेकिन स्थिति जल्द ही सामान्य हो गई। दिल्ली में इससे पहले भी हल्के झटके आते रहे हैं, जो क्षेत्र की टेक्टोनिक गतिविधियों को दर्शाते हैं। विशेषज्ञों ने आपदा प्रबंधन के तहत सतर्क रहने की सलाह दी है।
किन-किन इलाकों में महसूस हुए झटके?
इस भूकंप के झटके दिल्ली के अलावा नोएडा, गाजियाबाद, गुरुग्राम, फरीदाबाद और अन्य आसपास के इलाकों में भी महसूस किए गए।
दिल्ली में भूकंप के झटके
राजधानी के कनॉट प्लेस, साउथ एक्सटेंशन, लक्ष्मी नगर और करोल बाग जैसे इलाकों में कंपन स्पष्ट रूप से महसूस हुआ, जिससे कई लोग घरों और दफ्तरों से बाहर निकल आए।
नोएडा और गाजियाबाद में भूकंप के झटके
नोएडा और गाजियाबाद के कई इलाकों में कंपन महसूस हुआ, जिनमें नोएडा के सेक्टर 18, 62 और 128, साथ ही गाजियाबाद के वैशाली, इंदिरापुरम और राजनगर एक्सटेंशन शामिल हैं।
गुरुग्राम और फरीदाबाद में भूकंप के झटके
Delhi NCR Earthquake के झटके दिल्ली के अलावा गुरुग्राम, फरीदाबाद और आसपास के कई इलाकों में दर्ज किए गए। गुरुग्राम के डीएलएफ फेज-1, 2 और 3, बल्लभगढ़, सेक्टर-15 समेत अन्य क्षेत्रों में कंपन महसूस हुआ।
भूकंप से दहशत, लेकिन कोई हानि नहीं
आज आए भूकंप के झटकों ने लोगों में डर का माहौल बना दिया, जिससे कई लोग घबराकर घरों से बाहर निकल आए। कुछ लोगों ने बताया कि उन्होंने बिस्तर और अलमारी को हिलते हुए महसूस किया, खिड़कियों के शीशे कंपन करने लगे, और पंखे व लाइटें झूलने लगीं। अचानक आए इन झटकों से लोग घबराए जरूर, लेकिन राहत की बात यह रही कि अब तक किसी तरह की जान-माल की हानि की कोई सूचना नहीं है। विशेषज्ञों के अनुसार, हल्के झटके भूकंपीय गतिविधियों का हिस्सा होते हैं और सतर्क रहना जरूरी है।
दिल्ली में क्यों आते हैं बार-बार Earthquake?
दिल्ली Earthquake के लिहाज से जोन-4 (उच्च जोखिम वाले क्षेत्र) में आता है। इसका मतलब है कि यहां मध्यम से तेज भूकंप का खतरा हमेशा बना रहता है।
भूकंप के पीछे छिपे वैज्ञानिक कारण
दिल्ली और इसके आसपास कई सक्रिय भूगर्भीय फॉल्ट लाइनें मौजूद हैं, जो इसे भूकंप संभावित क्षेत्र बनाती हैं। वैज्ञानिकों के अनुसार, हिमालय क्षेत्र में होने वाली टेक्टोनिक हलचल का प्रभाव दिल्ली तक पहुंच सकता है, जिससे यहां भूकंप के झटके महसूस होते हैं। इसके अलावा, इंडो-ऑस्ट्रलियन और यूरेशियन प्लेटों की टकराहट भी कंपन पैदा कर सकती है। दिल्ली सिस्मिक जोन IV में आता है, जो मध्यम से गंभीर तीव्रता के भूकंपों के लिए संवेदनशील माना जाता है।
भूकंप के दौरान क्या करें और क्या न करें?
भूकंप के दौरान क्या करें?
भूकंप के दौरान घबराने की बजाय सुरक्षा उपाय अपनाना जरूरी है। सबसे पहले-
- किसी मजबूत टेबल या दीवार के पास जाकर अपने सिर और गर्दन को ढककर बैठें, ताकि गिरने वाली चीजों से बचाव हो सके।
- यदि आप ऊंची इमारत में हैं, तो लिफ्ट का इस्तेमाल न करें, क्योंकि बिजली जाने पर आप फंस सकते हैं।
- खुले मैदान में जाने की कोशिश करें
- पेड़ों, बिजली के खंभों और इमारतों से दूर रहें।
- भूकंप के झटके रुकने के बाद भी सतर्क रहें, क्योंकि आफ्टरशॉक्स आ सकते हैं।
- सुरक्षित स्थान पर रहना ही बचाव का सबसे अच्छा तरीका है।
भूकंप के दौरान क्या न करें?
भूकंप के समय घबराकर कोई भी जल्दबाजी न करें।
- खिड़कियों, शीशों और भारी अलमारियों के पास खड़े होने से बचें।
- पेड़ों, बिजली के खंभों और इमारतों के पास खड़े होने से बचें।
- इमारत से कूदने या तेजी से बाहर भागने की कोशिश न करें।
- लिफ्ट का इस्तेमाल भूलकर भी न करें।
भूवैज्ञानिकों की क्या है राय?
भूवैज्ञानिकों का कहना है कि यह भूकंप हल्की तीव्रता का था, लेकिन इसकी उथली गहराई (5 किमी) होने के कारण झटके ज्यादा महसूस हुए। दिल्ली-एनसीआर भूकंपीय ज़ोन-4 में आता है, जहां भविष्य में भी इस तरह के झटकों की संभावना बनी रहती है। विशेषज्ञों के अनुसार, बड़े भूकंप से बचाव के लिए भवन निर्माण में भूकंपरोधी तकनीकों का पालन करना बेहद जरूरी है। नेशनल सेंटर फॉर सिस्मोलॉजी (NCS) लगातार भूकंप के डेटा की समीक्षा कर रहा है। नागरिकों को आपातकालीन स्थितियों से निपटने के लिए सतर्क रहना चाहिए और सुरक्षा दिशानिर्देशों का पालन करना चाहिए।
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