10 सितंबर से खुलेगा Dev Accelerator IPO, जानें प्राइस बैंड, इश्यू साइज और कंपनी की प्लानिंग
Dev Accelerator IPO: गुजरात बेस्ड वर्कस्पेस सॉल्यूशंस प्रोवाइडर Dev Accelerator 10 सितंबर से अपना इनिशियल पब्लिक ऑफरिंग (IPO) ला रहा है। खास बात है कि यह IPO 12 सितंबर तक निवेशकों के लिए खुला रहेगा। आपको बता दें कि कंपनी इस इश्यू के जरिए ₹143.35 करोड़ जुटाने का लक्ष्य रख रही है।
Dev Accelerator IPO प्राइस बैंड और लॉट साइज डिटेल्स
देव एक्सेलेरेटर आईपीओ का प्राइस बैंड ₹56 से ₹61 प्रति शेयर तय किया गया है। इसका लॉट साइज 235 शेयर रखा गया है। यानी निवेशक को कम से कम एक लॉट के लिए 235 शेयर खरीदने होंगे।
इस IPO की अलॉटमेंट 15 सितंबर को फाइनल होगी, जबकि इसका लिस्टिंग 17 सितंबर को होगी। इस इश्यू में Pantomath Capital Advisors लीड मैनेजर हैं और Kfin Technologies रजिस्ट्रार के तौर पर काम करेंगे।
कितने शेयर इश्यू होंगे?
कंपनी इस इश्यू में 2.35 करोड़ नए इक्विटी शेयर जारी करेगी। इसके जरिए कंपनी का उद्देश्य अपने बिजनेस का विस्तार करना और वित्तीय स्थिति को और मजबूत बनाना है।
IPO से जुटाई गई रकम का इस्तेमाल कहाँ करेगी कंपनी?
आपको बता दें कि IPO से जुटाई गई रकम का इस्तेमाल कंपनी खास तौर पर तीन हिस्सों में करने जा रही है:
- ₹73.1 करोड़ नए सेंटर्स में फिट-आउट्स डेवलपमेंट पर खर्च होंगे।
- ₹35 करोड़ का इस्तेमाल उधार चुकाने और नॉन-कन्वर्टिबल डिबेंचर रिडीम करने में होगा।
- बाकी रकम जनरल कॉर्पोरेट पर्पज के लिए इस्तेमाल की जाएगी।
Dev Accelerator का बिजनेस और परफॉर्मेंस
देव एक्सेलेरेटर की शुरुआत साल 2020 में हुई थी। वित्त वर्ष 2025 (31 मार्च तक) में कंपनी ने ₹178.89 करोड़ का रेवेन्यू और ₹1.74 करोड़ का नेट प्रॉफिट दर्ज किया। जबकि इससे पिछले साल कंपनी का रेवेन्यू ₹110.73 करोड़ और प्रॉफिट सिर्फ ₹0.43 करोड़ था।
खास बात यह है कि कंपनी के पास अभी 11 शहरों में ऑपरेशंस हैं, जिनमें मुंबई और हैदराबाद जैसे बड़े हब शामिल हैं। कंपनी अब आगे 8 नए सेंटर्स शुरू करने की तैयारी में है।
मार्केट में बड़ी कंपनियों से है मुकाबला
हालांकि Dev Accelerator की तुलना बड़ी कंपनियों जैसे Awfis Space Solutions और Smartworks Coworking Spaces से की जाती है। इन कंपनियों का रेवेन्यू ₹1000 करोड़ से ₹1200 करोड़ तक है। इसके मुकाबले देव एक्सेलेरेटर अभी छोटा खिलाड़ी जरूर है, लेकिन अपने स्ट्रैटेजिक एक्सपेंशन और नए सेंटर खोलने की प्लानिंग से मार्केट में मजबूत पकड़ बना सकता है।
IPO के बाद कंपनी का मार्केट कैपिटलाइजेशन ₹550.14 करोड़ होने का अनुमान है।गौरतलब है कि भारत में को-वर्किंग स्पेस इंडस्ट्री तेजी से बढ़ रही है। मई 2025 तक Dev Accelerator के पास कुल 8,60,522 स्क्वेयर फीट का वर्कस्पेस था। यह अपने आप में इस बात का सबूत है कि कंपनी इंडस्ट्री में एक मजबूत उपस्थिति बना रही है।
IPO में कौन कर सकता है निवेश?
IPO का एंकर बुक 9 सितंबर को खुलेगा। इस IPO में विभिन्न कैटेगरी के लिए शेयर रिजर्व रखे गए हैं:
- कर्मचारियों के लिए 1,64,500 शेयर
- मौजूदा शेयरधारकों के लिए 3,29,000 शेयर
- इसके अलावा QIBs (क्वालिफाइड इंस्टिट्यूशनल बायर्स), NII (नॉन-इंस्टिट्यूशनल इन्वेस्टर्स) और रिटेल इन्वेस्टर्स के लिए भी अलग-अलग रिजर्वेशन होंगे।
निवेशकों के लिए क्या है खास?
अगर आप इस आइपीओ में निवेश करने का मन बना रहे हैं, तो ध्यान रखें कि कंपनी तेजी से बढ़ते को-वर्किंग स्पेस सेक्टर में काम करती है। हालांकि बड़ी कंपनियों से मुकाबला आसान नहीं होगा, लेकिन हालिया रेवेन्यू ग्रोथ और नए सेंटर्स शुरू करने की प्लानिंग से कंपनी में पोटेंशियल दिखता है।
बहरहाल Dev Accelerator का IPO निवेशकों के लिए एक हाई रिस्क लेकिन पोटेंशियल वाला ऑप्शन साबित हो सकता है। कंपनी का रेवेन्यू और प्रॉफिट दोनों बढ़े हैं, साथ ही इसके एक्सपेंशन प्लान्स भी मजबूत दिखते हैं।
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