Buxar Sadak Hadsa: बिहार के बक्सर जिले में गुरुवार (20 फरवरी) की सुबह एक दर्दनाक सड़क हादसा हुआ। यह दुर्घटना पटना-बक्सर एनएच-922 पर स्थित नुआंव गांव के पास हुई, जहां प्रयागराज महाकुंभ से लौट रहा एक डॉक्टर परिवार हादसे का शिकार हो गया। Buxar Sadak Hadsa में डॉक्टर जितेंद्र कुमार केसरी की दूसरी पत्नी की मौके पर ही मौत हो गई, जबकि डॉक्टर, उनकी पहली पत्नी, बेटा और ड्राइवर गंभीर रूप से घायल हो गए।
Buxar Sadak Hadsa: कैसे हुआ यह दुर्घटना?
डॉक्टर जितेंद्र कुमार केसरी अपने परिवार के साथ महाकुंभ स्नान के लिए प्रयागराज गए थे। स्नान के बाद वे बुधवार को वापस लौट रहे थे। जब वे अपने घर से मात्र तीन किलोमीटर दूर कृष्णा ब्रह्म थाना क्षेत्र के नुआंव गांव के पास पहुंचे, तभी यह हादसा हो गया। प्रारंभिक जांच में अनुमान लगाया जा रहा है कि गाड़ी के ड्राइवर को झपकी आ गई, जिसके कारण कार अनियंत्रित होकर दुर्घटनाग्रस्त हो गई।
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हादसे में डॉक्टर के पत्नी की मौत, परिवार के अन्य सदस्य घायल
बक्सर जिले में हुए एक दर्दनाक सड़क हादसे में डॉक्टर जितेंद्र कुमार केसरी की दूसरी पत्नी की मौके पर ही मौत हो गई, जबकि परिवार के अन्य सदस्य गंभीर रूप से घायल हो गए। Buxar Sadak Hadsa में डॉक्टर केसरी, उनकी पहली पत्नी, बेटा प्रिंस केसरी और कार चालक बुरी तरह घायल हो गए। स्थानीय लोगों की मदद से सभी घायलों को तुरंत नजदीकी निजी अस्पताल में भर्ती कराया गया, जहां उनका इलाज जारी है। हादसे के बाद स्थानीय प्रशासन ने जांच शुरू कर दी है और दुर्घटना के कारणों का पता लगाया जा रहा है।
हादसे की जांच में जुटी पुलिस, प्रत्यक्षदर्शियों से ले रही बयान
घटना की सूचना मिलते ही पुलिस तुरंत मौके पर पहुंची और जांच शुरू कर दी। प्रारंभिक जांच में पुलिस यह पता लगाने की कोशिश कर रही है कि दुर्घटना का कारण ड्राइवर की झपकी थी या कोई अन्य तकनीकी खराबी भी जिम्मेदार थी। अधिकारियों ने आसपास के सीसीटीवी फुटेज खंगालने के साथ-साथ प्रत्यक्षदर्शियों से भी बयान लिए हैं। इसके अलावा, सड़क सुरक्षा नियमों के उल्लंघन की जांच की जा रही है ताकि भविष्य में इस तरह की घटनाओं को रोका जा सके।
समाज में काफी सम्मानित है डॉक्टर जितेंद्र कुमार का परिवार
प्रयागराज महाकुंभ से लौटते समय सड़क दुर्घटनाओं की बढ़ती संख्या चिंता का विषय बन गई है। हाल ही में डॉक्टर जितेंद्र कुमार केसरी और उनके परिवार के साथ हुई दुर्घटना ने पूरे गांव को शोक में डाल दिया। स्थानीय लोगों के अनुसार, उनका परिवार समाज में काफी सम्मानित था।
महाकुंभ यात्रा के बाद भी जारी हैं सड़क हादसे
हर साल महाकुंभ समाप्त होने के बाद श्रद्धालुओं की वापसी के दौरान सड़क हादसे सामने आते हैं, लेकिन इनके रोकथाम के लिए ठोस कदम नहीं उठाए जाते। प्रशासन को चाहिए कि हाईवे पर यातायात नियमों को सख्ती से लागू करे और निगरानी बढ़ाए, जिससे दुर्घटनाओं को टाला जा सके। हाल ही में पटना के अगमकुआं इलाके में भी एक हादसा हुआ, जहां महाकुंभ से लौट रही श्रद्धालुओं की बस अनियंत्रित होकर पलट गई। इस दुर्घटना में पांच लोग घायल हो गए। श्रद्धालु पश्चिम बंगाल के सिलीगुड़ी जा रहे थे, जब यह घटना घटी।
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सड़क सुरक्षा: सतर्कता और जिम्मेदारी जरूरी
सड़क दुर्घटनाएं अक्सर लापरवाही और सुरक्षा नियमों की अनदेखी के कारण होती हैं। सुरक्षित यात्रा के लिए जरूरी है कि वाहन चालक पर्याप्त आराम के बाद ही सफर करें और थकान महसूस होने पर तुरंत ब्रेक लें। तेज रफ्तार और लापरवाही से बचना चाहिए, क्योंकि यह दुर्घटनाओं का मुख्य कारण बनता है। खासकर रात में लंबी दूरी की यात्रा करने से पहले वाहन की जांच करवा लेना जरूरी होता है। यातायात नियमों का पालन और सतर्कता ही सड़क हादसों को रोकने में सहायक हो सकती है। हर यात्री की सुरक्षा हमारे हाथ में है।
दर्दनाक और चौंकाने वाला है यह हादसा
Buxar में हुआ यह हादसा दर्दनाक और चौंकाने वाला है। महाकुंभ से लौटते समय डॉक्टर का परिवार अपने घर से मात्र कुछ किलोमीटर दूर था, जब यह घटना हो गई। ड्राइवर की झपकी इस दुर्घटना की बड़ी वजह बताई जा रही है। अब पुलिस मामले की जांच कर रही है, लेकिन यह घटना हमें यात्रा के दौरान सतर्क रहने और सड़क सुरक्षा नियमों का पालन करने का एक बड़ा संदेश देती है।
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