Forex Reserves Growth: भारत का विदेशी मुद्रा भंडार (India Forex Reserves) 21 मार्च को समाप्त हुए हफ्ते में 4.53 अरब डॉलर की उल्लेखनीय बढ़ोतरी के साथ 658.8 अरब डॉलर पर पहुंच गया। भारतीय रिजर्व बैंक (RBI) ने शुक्रवार को यह महत्वपूर्ण जानकारी साझा की। इससे पहले वाले हफ्ते में भी 30.5 करोड़ डॉलर की वृद्धि दर्ज की गई थी, जिससे भंडार का कुल आंकड़ा 654.27 अरब डॉलर तक पहुंच गया था। यह लगातार तीसरा सप्ताह है जब Forex Reserves Growth देखने को मिली है, जो भारतीय अर्थव्यवस्था के लिए सकारात्मक संकेत है।
रुपये में स्थिरता लाने के लिए RBI की रणनीति
हाल ही में, भारतीय रिजर्व बैंक (RBI) ने रुपये में अस्थिरता को नियंत्रित करने और पुनर्मूल्यांकन की प्रक्रिया के तहत भारत का विदेशी मुद्रा भंडार में कुछ गिरावट दर्ज की थी। हालांकि, ताजा आंकड़ों के अनुसार, भंडार में एक बार फिर स्थिरता देखने को मिल रही है।
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भारतीय रुपये की मजबूती का असर
सितंबर 2024 में India Forex Reserves अब तक के उच्चतम स्तर 704.885 अरब डॉलर पर पहुंच गया था। इसके बाद, कुछ उतार-चढ़ाव देखने को मिले, लेकिन पिछले तीन हफ्तों में इसमें लगातार वृद्धि दर्ज की गई है।
स्वर्ण भंडार में भी उछाल (Gold Reserve Growth)
समीक्षाधीन अवधि के दौरान, देश के स्वर्ण भंडार (Gold Reserve) में भी बड़ा उछाल देखने को मिला। आंकड़ों के अनुसार, स्वर्ण भंडार का मूल्य 2.88 अरब डॉलर की वृद्धि के साथ 77.28 अरब डॉलर हो गया। यह इंगित करता है कि भारत की संपत्ति में मजबूती बनी हुई है और आर्थिक स्थिरता को बढ़ावा मिल रहा है।
स्वर्ण भंडार की बढ़त क्यों मायने रखती है?
- आर्थिक स्थिरता को बनाए रखने में सहायक
- वैश्विक अनिश्चितताओं के समय आर्थिक सुरक्षा प्रदान करता है
- निवेशकों का भरोसा बढ़ाता है
SDR और IMF आरक्षित भंडार में हल्की गिरावट
हालांकि, Forex Reserves Growth के बावजूद, विशेष आहरण अधिकार (SDR) में मामूली गिरावट दर्ज की गई। आरबीआई के आंकड़ों के अनुसार, एसडीआर 2.2 करोड़ डॉलर घटकर 18.24 अरब डॉलर पर आ गया।
IMF और SDR भंडार में गिरावट के कारण
इसके अलावा, भारत का अंतरराष्ट्रीय मुद्रा कोष (IMF) के पास आरक्षित भंडार 20 लाख डॉलर घटकर 4.43 अरब डॉलर रह गया। यह गिरावट हालांकि बहुत बड़ी नहीं है, लेकिन यह आर्थिक संतुलन बनाए रखने के लिए सरकार और केंद्रीय बैंक की सक्रिय भूमिका को दर्शाती है।
भारत का विदेशी मुद्रा भंडार क्यों है महत्वपूर्ण?
भारत का विदेशी मुद्रा भंडार किसी भी देश की अर्थव्यवस्था की रीढ़ होता है। यह न केवल रुपये की स्थिरता बनाए रखने में सहायक होता है, बल्कि वैश्विक बाजारों में भारत की आर्थिक स्थिति को भी मजबूत करता है।
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विदेशी मुद्रा भंडार के प्रमुख लाभ:
- आयात भुगतान करने में सहायक
- रुपये के मूल्य को स्थिर रखने में मददगार
- वैश्विक आर्थिक अनिश्चितताओं के दौरान देश को वित्तीय सुरक्षा प्रदान करता है
- निवेशकों को भारत में निवेश के लिए प्रोत्साहित करता है
क्या भारत आर्थिक रूप से होगा और मजबूत?
विशेषज्ञों का मानना है कि यदि इसी गति से Forex Reserves Growth जारी रही, तो भारत की आर्थिक स्थिति और अधिक सुदृढ़ होगी। सरकार और आरबीआई लगातार नीतिगत हस्तक्षेप कर रहे हैं, ताकि रुपये की स्थिरता बनी रहे और विदेशी निवेश आकर्षित किया जा सके।
सरकार द्वारा उठाए गए प्रमुख कदम
- विदेशी निवेश को आकर्षित करने के लिए नई नीतियां
- डॉलर भंडार को संतुलित बनाए रखने की रणनीति
- मुद्रास्फीति को नियंत्रित करने के उपाय
वैश्विक आर्थिक स्थितियों का भारत के Forex Reserve पर प्रभाव
भविष्य में वैश्विक आर्थिक स्थितियों और कच्चे तेल की कीमतों में होने वाले बदलावों का India Forex Reserves पर असर पड़ सकता है। हालांकि, वर्तमान स्थिति में भंडार में वृद्धि भारतीय अर्थव्यवस्था के लिए एक सकारात्मक संकेत है।
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वैश्विक वित्तीय बाजारों का प्रभाव
भारत के विदेशी मुद्रा भंडार पर वैश्विक वित्तीय बाजारों का भी महत्वपूर्ण प्रभाव पड़ता है।
वैश्विक आर्थिक घटनाओं का असर
- फेडरल रिजर्व की नीतियों का प्रभाव
- अंतरराष्ट्रीय व्यापार नीतियों में बदलाव
- कच्चे तेल और अन्य वस्तुओं की कीमतों में उतार-चढ़ाव
भारतीय अर्थव्यवस्था का भविष्य
आर्थिक विश्लेषकों के अनुसार, भारत का विदेशी मुद्रा भंडार आने वाले वर्षों में और मजबूत हो सकता है। सरकार और आरबीआई की सतर्कता से रुपये की स्थिरता और विदेशी निवेश को बढ़ावा मिलेगा।