GST slab Change 2025: देश में लागू गुड्स एंड सर्विस टैक्स (GST) को 8 साल पूरे हो चुके हैं और अब इसे और अधिक सरल और पारदर्शी बनाने की दिशा में एक बड़ा कदम उठाया जा रहा है। सरकार जीएसटी बदलाव के तहत 12% टैक्स स्लैब को हटाने और उसमें आने वाले अधिकांश उत्पादों को 5% टैक्स स्लैब में लाने की योजना पर काम कर रही है। इससे आम जनता को सीधा फायदा मिलेगा और कई जरूरी वस्तुएं सस्ती हो सकती हैं।
टैक्स स्लैब में बदलाव से क्या होगा असर?
सरकार की रणनीति है कि 12% टैक्स स्लैब को खत्म कर उसे 5% या 18% में समाहित किया जाए। इससे न केवल GST का ढांचा सरल होगा, बल्कि उपभोक्ताओं को भी मूल्य निर्धारण में पारदर्शिता मिलेगी। इस बदलाव का सबसे बड़ा फायदा उपभोक्ताओं को मिलेगा। जूते-चप्पल, मिठाइयां, डेयरी उत्पाद, कुछ कपड़े और लकड़ी के सामान जैसे उत्पाद अब सस्ते हो सकते हैं।
क्या है GST cess और क्यों हो रहा है बदलाव?
GST cess एक अतिरिक्त टैक्स है जो उन उत्पादों पर लगाया जाता है जो या तो लग्जरी हैं या स्वास्थ्य के लिए हानिकारक। जैसे—कारें, सिगरेट, कोल्ड ड्रिंक्स आदि। इसका उद्देश्य राज्यों को नुकसान की भरपाई करना था। सरकार की योजना है कि GST cess को टैक्स स्लैब में ही जोड़ दिया जाए। जैसे SUV पर 28% टैक्स + 22% cess की बजाय अब सीधा 50% GST लगाया जाएगा। इससे टैक्स सिस्टम ज्यादा पारदर्शी होगा।
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GST Council meeting में उठ सकते हैं बड़े मुद्दे
GST काउंसिल की बैठक जुलाई के तीसरे हफ्ते में संभावित है, जिसमें GST स्लैब में बदलाव, cess का विलय, GST ट्रिब्यूनल और नया इनवॉइस सिस्टम जैसे अहम मुद्दों पर चर्चा होगी। सरकार का फोकस है कि टैक्स स्लैब को 5%, 18%, और 28% तक सीमित किया जाए ताकि सिस्टम और अधिक सरल हो।
GST slab Change 2025: GST बदलाव से आम जनता को कैसे मिलेगा सीधा फायदा?
GST slab change 2025 के तहत सरकार 12% टैक्स स्लैब को खत्म कर कई वस्तुओं को 5% स्लैब में लाने की योजना बना रही है, जिससे पनीर, घी, नमकीन, कपड़े, बैग, सॉस और सूखे मेवे जैसी रोजमर्रा की चीजें सस्ती हो सकती हैं। टैक्स स्लैब की संख्या घटने से टैक्स भरना और दरें समझना भी आसान होगा।
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खासकर छोटे व्यापारियों के लिए जो GST अनुपालन में पहले से परेशान हैं। इसके अलावा, सेस को टैक्स में शामिल करने से राज्यों को रेवेन्यू में सीधा हिस्सा मिलेगा, जिससे उनकी आर्थिक स्थिति भी मजबूत हो सकेगी।
क्यों जरूरी है यह टैक्स स्लैब सुधार?
विशेषज्ञों का मानना है कि GST slab change 2025 टैक्स सिस्टम को आसान और व्यवहारिक बनाएगा। कम स्लैब का मतलब है—कम उलझन, ज्यादा पारदर्शिता और बेहतर अनुपालन। हालांकि, कुछ राज्यों को डर है कि 12% टैक्स हटाने से उनकी कमाई कम हो सकती है। लेकिन केंद्र सरकार उन्हें आश्वस्त कर रही है कि रेवेन्यू का हिस्सा बरकरार रहेगा।
अक्सर पूछे जाने वाले सवाल (FAQ)
Q1. GST slab change 2025 के तहत सबसे बड़ा बदलाव क्या है?
उत्तर: सरकार 12% GST टैक्स स्लैब को पूरी तरह हटाने की योजना बना रही है और उसमें आने वाले ज्यादातर सामानों को 5% टैक्स स्लैब में शिफ्ट किया जा सकता है। इसका उद्देश्य टैक्स सिस्टम को सरल बनाना और आम जनता को राहत देना है।
Q2. GST cess क्या है और इसमें क्या बदलाव होने जा रहा है?
उत्तर: GST cess एक अतिरिक्त टैक्स है जो लग्जरी और नुकसानदायक उत्पादों जैसे SUV, सिगरेट, पान मसाला, कोल्ड ड्रिंक पर लगता है। अब सरकार इसे सीधे जीएसटी रेट में शामिल करने की योजना बना रही है ताकि टैक्स प्रणाली पारदर्शी हो सके।
Q3. 12% टैक्स स्लैब हटने से कौन-कौन से सामान सस्ते हो सकते हैं?
उत्तर: पनीर, मिठाइयां, जूते, कपड़े, नमकीन, सूखे मेवे, डेयरी ड्रिंक्स, लकड़ी की मूर्तियां और कुछ दवाइयां जैसी चीजें सस्ती हो सकती हैं, जिन्हें 12% से हटाकर 5% टैक्स स्लैब में डाला जा सकता है।
Q4. GST Council meeting में क्या फैसले हो सकते हैं?
उत्तर: GST Council की आगामी बैठक में टैक्स स्लैब को घटाकर तीन करने (5%, 18%, 28%) पर चर्चा हो सकती है। इसके अलावा, सेस को जीएसटी में मर्ज करना, इनवॉइस सिस्टम को आसान बनाना और जीएसटी अपीलीय ट्रिब्यूनल शुरू करने जैसे मुद्दे भी एजेंडे में होंगे।
Q5. क्या सभी राज्यों की सहमति जरूरी है?
उत्तर: जी हां, GST सिस्टम संघीय ढांचे पर आधारित है, इसलिए किसी भी बड़े बदलाव के लिए राज्यों की सहमति अनिवार्य होती है। अगर राज्यों ने सहमति दे दी, तो यह सुधार 2025 से लागू हो सकता है।
Q6. क्या दवाओं पर भी टैक्स दरों में बदलाव आएगा?
उत्तर: फिलहाल जरूरी और जीवनरक्षक दवाएं 5% या टैक्स फ्री हैं। लेकिन कुछ दवाएं जो अभी 12% टैक्स में आती हैं, उन्हें भी 5% स्लैब में लाने की सिफारिश की जा रही है, ताकि इलाज की लागत कम हो सके।
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