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India Russia Trade: तीन दिवसीय रूस दौरे पर विदेश मंत्री S. Jaishankar, रूसी कंपनियों को भारत में निवेश का दिया न्योता

Jaishankar Russia Visit

Jaishankar Russia Visit: भारत के विदेश मंत्री एस. जयशंकर इन दिनों तीन दिवसीय रूस यात्रा पर हैं और इस दौरान उन्होंने भारत-रूस की समय-परीक्षित साझेदारी (time-tested partnership) को और मज़बूत करने पर जोर दिया है। खास बात यह है कि जयशंकर ने रूसी कंपनियों से भारत में अधिक गहन भागीदारी का आह्वान किया है, ताकि दोनों देशों के बीच आर्थिक और कारोबारी रिश्तों को नई दिशा दी जा सके।

Jaishankar Russia Visit: रूसी कंपनियों को भारत में निवेश का न्योता

जयशंकर ने कहा कि भारत की $4 trillion GDP और 7% की तेज़ विकास दर यह साबित करती है कि आने वाले समय में देश को उर्वरक, केमिकल, मशीनरी और अन्य आवश्यक वस्तुओं की सतत आपूर्ति की ज़रूरत होगी। आपको बता दें कि इन सभी क्षेत्रों में रूस एक अहम सप्लायर माना जाता है।

“भारत का तेजी से विकसित होता इंफ्रास्ट्रक्चर उन कंपनियों के लिए नए अवसर लेकर आया है जिनका अपने देश में अच्छा ट्रैक रिकॉर्ड है। ‘Make in India’ और अन्य पहल विदेशी कंपनियों के लिए नए दरवाज़े खोल रहे हैं। रूस की कंपनियों को चाहिए कि वे इन अवसरों का लाभ उठाते हुए भारत में अधिक निवेश करें।” – एस. जयशंकर

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‘Make in India’ पर खास जोर

जयशंकर ने स्पष्ट किया कि Make in India initiative के जरिए भारत में विदेशी निवेश के लिए बेहतर माहौल तैयार हुआ है। उन्होंने कहा कि देश में हो रहा शहरीकरण और आधुनिकीकरण अपने आप में नए उपभोक्ता पैटर्न और जीवनशैली में बदलाव लेकर आया है। खास बात यह है कि यह बदलाव सीधे तौर पर नई मांगों को जन्म देता है, और यही वह अवसर है जिसका फायदा रूसी कंपनियों को उठाना चाहिए।

भारत-रूस व्यापार में चुनौतियां और संभावनाएं

जयशंकर ने माना कि भारत-रूस के बीच व्यापार अभी भी सीमित दायरे तक सिमटा हुआ है। हालाँकि, हाल के वर्षों में इसमें बढ़ोतरी हुई है, लेकिन साथ ही व्यापार घाटा भी बढ़ा है। उन्होंने कहा,

“हमारा व्यापार बास्केट सीमित है और इसमें विविधता लाना समय की मांग है। अगर हमें बड़े लक्ष्य हासिल करने हैं तो दोनों देशों को मिलकर और गंभीर प्रयास करने होंगे। यह केवल ऊँचे व्यापार लक्ष्यों तक पहुँचने के लिए ही नहीं, बल्कि मौजूदा स्तर को बनाए रखने के लिए भी ज़रूरी है।”

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गौरतलब है कि Jaishankar Russia Visit ऐसे समय हो रहा है जब भारत और अमेरिका के रिश्तों में खटास देखने को मिल रही है। आपको बता दें कि पूर्व अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप ने भारतीय सामानों पर डबल टैरिफ लगा दिया था। पहले जहां टैरिफ 25% था, वहीं अब यह बढ़कर 50% तक पहुँच गया। खास बात यह है कि अमेरिका ने यह अतिरिक्त दंड भारत के रूस से कच्चा तेल खरीदने पर लगाया था। इस पर भारत और रूस दोनों ने कड़ी आपत्ति जताई थी। ऐसे में जयशंकर का यह दौरा केवल कारोबारी नहीं बल्कि रणनीतिक दृष्टि से भी बेहद अहम माना जा रहा है।

पुतिन के भारत यात्रा की बड़ी तैयारी

एस. जयशंकर ने मॉस्को में वरिष्ठ क्रेमलिन अधिकारियों से मुलाकात की और राष्ट्रपति व्लादिमीर पुतिन की भारत यात्रा की तैयारियों पर भी चर्चा की। माना जा रहा है कि Putin की यह यात्रा इस साल के अंत तक हो सकती है, जो भारत रूस रिश्तों को और मजबूत करेगी। बहरहाल अमेरिका की पाबंदियों और टैरिफ नीतियों ने भारत को रूस के साथ और नजदीक ला दिया है। फिलहाल भारत को अपनी विकास यात्रा को गति देने के लिए भरोसेमंद साझेदारों की ज़रूरत है, और इस कड़ी में रूस सबसे मजबूत दावेदार बनकर उभर रहा है।

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