Jivit Putrika Vrat: कल है संतान की मगंल कामना और सुखी जीवन वाला जीवित पुत्रिका व्रत। जानिये क्या है पुजा से लेकर पारन तक का शुभ मुहुर्त।

2

Jivit Putrika Vrat: कल से सुरू हो रहा है संतान की मगल कामना और सुखी जीवन के लिए महिलाओं द्वारा रखे जाने वाला जीवित पुत्रिका व्रत (Jivit Putrika Vrat)। महिलाएं जिवतीया व्रत आश्चिन माह के कृष्ण पक्ष की सप्तमी तिथि से नवमी तिथि तक रखती हैं। जिवतीया व्रत को जीवित पुत्रिका या जीमूत वाहन व्रत के नाम से जाना जाता है। इस बार 25 सितंबर दिन बुधवार को जीवित पुत्रीका यानी जितिया का व्रत रहेगा। नहाए खाए 24 सितंबर मंगलवार को रहेगा। निर्जला व्रत 25 सितंबर बुधवार के दिन सुबह से लेकर अगले दिन तक रहेगा।

Jivit Putrika Vrat: नमस्कार दोस्तों, कल से सुरू हो रहा है संतान की मगल कामना और सुखी जीवन के लिए महिलाओं द्वारा रखे जाने वाला जीवित पुत्रिका व्रत। महिलाएं जिवतीया व्रत आश्चिन माह के कृष्ण पक्ष की सप्तमी तिथि से नवमी तिथि तक रखती हैं। जिवतीया व्रत को जीवित पुत्रिका (Jivit Putrika Vrat) या जीमूत वाहन व्रत के नाम से भी जाना जाता है। इस बार 25 सितंबर दिन बुधवार को जीवित पुत्रीका यानी जितिया का व्रत रहेगा। नहाए खाए 24 सितंबर मंगलवार को रहेगा। निर्जला व्रत 25 सितंबर बुधवार के दिन सुबह से लेकर अगले दिन तक रहेगा। इसके बाद तीसरे दिन 26 सितंबर गुरुवार को सुबह सूर्योदय के बाद व्रत का पारण किया जाए‌गा। बता दें कि सप्तमी तिथि 23 सितंबर सोमवार की दोपहर 1:51 से प्रारंभ होगी और 24 सितंबर मंगलवार की दोपहर  12:39 पर सप्तमी तिथि समाप्त होगी। इस दिन सूर्योदय सुबह 6:20 पर होगा और सूर्यास्त शाम 6:17 पर होगा। अष्टमी तिथि 24 सितंबर मंगलवार को दोपहर 12:4 से शुरू होकर 25 सितंबर बुधवार दोपहर 12:11 पर समाप्त होगी। इसके बाद 25 सितंबर बुधवार दोपहर 12:12 से नवमी तिथि प्रारंभ होगी और गुरुवार की दोपहर 12:25 पर समाप्त होगी। 26 सितंबर को सूर्योदय सुबह 6:2 पर और सूर्यारत होगा शाम 6:15 मिनट पर। जितीया व्रत की पूजा का सुबह का शुभ मुहूर्त रहेगा 25 सितंबर बुधवार को सुबह 6:10 से 9:12 तक और शाम की पूजा शाम 6:14 से  7:26 के बीच में की जाएगी। व्रत का पारण किया जाएगा 26 सितंबर गुरुवार को सुबह 6.21 से 8:23 के बीच में।

कैसे रखा जाता है ये Jivit Putrika Vrat

तो पहले दिन नहाय खाए होता है। इस दिन जितीया व्रत रखने वाली महिलाएं पहले नहाई खाई करती हैं। महिलाएं इस दिन नहाने के बाद सिर्फ एक बार शुद्ध कच्ची मिट्टी के चूल्हे पर बना हुआ भोजन करती हैं और उसके बाद पूरे दिन कुछ भी नहीं खाती हैं। इस व्रत में नहाई खाई वाले दिन आप पानी ग्रहण कर सकते हैं। लेकिन जिस दिन निर्जला व्रत रखा जाता है यानी खुर  जिवतिया होता है उस दिन आपको पानी की एक बूंद भी नहीं पीनी होती है। खुर जितिया के दिन विधि विधान से आपको जीमूत वाहन भगवान की और चीलो और सियारिन की पूजा करनी होती है। इसके बाद तीसरे दिन जितीया व्रत के तीसरे दिन शुभ मुहूर्त में व्रत का पारणा किया जाता है। इस व्रत का पारण करने के बाद माताओं को सबसे पहले जल ग्रहण कराया जाता है उसके बाद वह अपने-अपने घर की अपने-अपने क्षेत्र  की परंपराओं के अनुसार बने हुए पकवान ग्रहण करती हैं। इस निर्जला व्रत को पूर्वी उत्तर भारत में बहुत उत्साह के साथ मनाया जाता है। व्रत के एक दिन पहले नहाए खाए, दूसरे दिन व्रत यानी निर्जला उपवास और उसके अगले दिन व्रत का पारण किया जाता है। नहाय खाए के साथ ही व्रत की शुरुआत हो जाती है। बिहार और उत्तर प्रदेश में जो महिलाएं होती हैं वह नहाए खाए के दिन शाम को पकवान बनाती हैं। फिर रात होने पर सतपुतीया या झिनी नाम की सब्जी खाई जाती है। जितीया व्रत में इस भोजन को करना बहुत ही शुभ माना जाता है।

क्या है जिवित पुत्रीका व्रत के पिछे की कहानी।

व्रत के एक दिन पहले छत या खुली जगह पर कुछ खाना रख दिया जाता है। ऐसी मान्यता है कि यह खाना चील और सियारिन के लिए रखा जाता है। जिवतीया व्रत छठ पर्व की तरह बहुत कठिन होता है। ऐसी मान्यता है कि इस व्रत के पुण्य प्रताप से संतान पर कभी संकट नहीं आता है। जीवित पुत्रीका व्रत (Jivit Putrika Vrat) अपने नाम के अनुरूप ही फल देने वाला होता है। बिहार में एक कहावत प्रचलित है कि यह व्रत स्वर्ग सिद्धार्थ चुकी सास को वैकुंठ प्राप्त करवाने के लिए भी किया जाता है। इस व्रत को करने से पुत्र शोक नहीं होता है। ऐसा माना जाता है कि महाभारत काल में अश्वथामा ने अपने अपमान का बदला लेने के लिए ब्रह्मास्त्र का प्रयोग करके उत्तरा के गर्भ में पल रहे अजन्में शिशु को मार डाला था। तब भगवान श्री कृष्ण ने सूक्ष्म रूप से उत्तरा के गर्भ में प्रवेश करके उस अजन्में बालक की रक्षा की थी। उत्तरा ने फिर एक पुत्र को जन्म दिया था वही पुत्र पांडव वंश का भावी कर्णधार राजा परीक्षित हुआ। राजा परीक्षित को इस प्रकार जीवनदान मिलने के कारण, इस व्रत का नाम जीवित पुत्रीका पड़ा।

ये भी पढ़ें:
Aaj ka Rashifal: 24 September को इन राशि के लोगों को रहना होगा सतर्क। ग्रह नक्षत्र से लेकर राशिफल तक पुरी जानकारी।

Veer

Veer

Veer जय जगदम्बा न्यूज के Founder (CEO) हैं। यहां वह करियर, एजुकेशन, जॉब्स, राजनीति, रिसर्च व धर्म से जुड़ी खबर के अलावा देश-विदेश से जुड़ी खबरें पेस करते हैं। यह एक नई शुरुआत है ऐसे में आप जय जगदंबा न्यूज़ का साथ बनाए रखिए।

2 thoughts on “Jivit Putrika Vrat: कल है संतान की मगंल कामना और सुखी जीवन वाला जीवित पुत्रिका व्रत। जानिये क्या है पुजा से लेकर पारन तक का शुभ मुहुर्त।

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *

Next Post

Uttar Pradesh: बिहार के शराब तस्कर को उत्तर प्रदेश पुलिस ने किया ढेर। Noida कि STF ने किया एनकाउंटर

Tue Sep 24 , 2024
Uttar Pradesh: उत्तर प्रदेश पुलिस अपने एनकाउंटर्स को लेकर काफी चर्चाओं में है। यूपी के गाजीपुर में आरपीएफ कांस्टेबल जावेद खान और प्रमोद कुमार की हत्या में वांटेड आरोपी को पुलिस ने मुठभेड़ में ढेर कर दिया है। आज तड़के सुबह गाजीपुर में मोहम्मद जाहिद को यूपी एसटीएफ ने एनकाउंटर […]
uttar pradesh

अन्य खबरें

Please add widgets in Off Canvas Sidebar