Sharad Purnima: नमस्कार आप सभी को। देश में त्योहारी सीजन की शुरुआत हो चुकी है। जिसमें से बिते दिनों रावण वध के साथ सारदिय नवरात्रि समाप्त हो गया। अब आगे जो पर्व नजदीक आ रहा है वह सरद पुर्णिमा है। बता दें कि हर साल आश्विन मास के शुक्ल पक्ष में शरद पूर्णिमा का त्योहार मनाया जाता है। बता दें कि शरद पूर्णिमा के दिन भगवान विष्णु और माता लक्ष्मी की पूजा कि जाती है।
बहुत खास है शरद पूर्णिमा कि रात
मान्यताओं के अनुसार शरद पूर्णिमा वाले दिन, जो रात होती है वो बहुत खास मानी जाती है। दरसल विद्वानों और मान्यताओं कि अगर बात करें तो ऐसा कहा गया है कि शरद पूर्णिमा के दिन चंद्रमा अपनी 16 कलाओं से परिपूर्ण रहते हैं। जिस वजह से शरद पूर्णिमा व्रत करने से सुख-संपदा का आगमन होता है।
क्यों है ये पूर्णिमा इतना खास
आपको बता दें कि अगर हम हिंदू पंचाग कि बात करें तो इसके अनुसार, सालभर में 12 पूर्णिमा तिथियां होती है। और इन 12 पूर्णिमा तिथियों में से शरद पूर्णिमा का काफी विशेष महत्व है। दरसल शरद पूर्णिमा को रास पूर्णिमा और कोजागर पूर्णिमा के नाम से भी जानते हैं। मान्यता है कि Sharad Purnima की रात भगवान श्रीकृष्ण ने गोपियों के संग महारास रचाया था, इसलिए इसे रास पूर्णिमा कहते हैं। वहीं, शरद पूर्णिमा की रात माता लक्ष्मी पृथ्वी पर विचरण करती हैं, जिसे कोजागर पूर्णिमा के नाम से जानते हैं।
Sharad Purnima kab hai
जैसा कि हमने आपको बताया कि शरद पूर्णिमा आश्विन मास के शुक्ल पक्ष की पूर्णिमा तिथि को मनाया जाता है, ऐसे में हिंदू पंचांग के अनुसार, वर्ष 2024 में ये पूर्णिमा 16 अक्टूबर को रात 08 बजकर 41 मिनट पर प्रारंभ होगा जो 17 अक्टूबर को शाम 04 बजकर 53 मिनट पर समाप्त होगा। वहीं ज्योतिष और विद्वानों का कहना है कि शरद पूर्णिमा का पर्व, 16 अक्टूबर 2024 को मनाया जाएगा। इसके अलावा Sharad Purnima के दिन चंद्रोदय का समय शाम 05 बजकर 04 मिनट है।
Sharad Purnima के दिन इन चिजों को अवश्य करें
चांद की रोशनी में खीर
मान्यताओं के अनुसार शरद पूर्णिमा के दिन चांद की रोशनी में खीर को रखना बेहद शुभ फलदायी होता है। मान्यता है कि चांद की किरणों से खीर में अमृत खुल जाता है। चांदनी रात में खीर रखने से सेहत को लाभ होता है।
चौमुख दिया
बता दें कि शरद पूर्णिमा के दिन अगर आप हनुमान जी के सामने चौमुख दीपक जलाते हैं तो इसका विशेष फल आपको प्राप्त होता है। कहा गया है कि शरद पूर्णिमा के दिन ऐसा करने से बजरंगबली प्रसन्न होते हैं।
मां लक्ष्मी कि पुजा
बता दें कि शरद पूर्णिमा के दिन भगवान विष्णु के साथ, मां लक्ष्मी का भी पूजा करना चाहिए। मान्यता है कि मां लक्ष्मी का पूजा करने से आपके घर और आपके जीवन में सुख- संपदा का आगमन होता है।
मंत्रों का निरंतर जाप
अब जैसा कि शरद पूर्णिमा के दिन भगवान विष्णु और मां लक्ष्मी कि पूजा करनी चाहिए, ऐसे में आपको इस दिन इन देवी-देवताओ के मंत्रों का निरंतर जाप करना चाहिए।
गाय को भोजन
बता दें कि शरद पूर्णिमा (Sharad Purnima 2024) के दिन गाय को भोजन कराना बेहद शुभ होता है। इसके अलावा आप किसी जरूरत मंद अथवा गरीब को दान करें और संभव हो तो उन्हें कुछ भोजन कराएं।
Sharad Purnima के दिन इन बातों का रखें ध्यान
नकारात्मक विचार
बता दें कि शरद पूर्णिमा अपने आप में ही एक बेहद पावन पर्व है। ऐसे में इस दिन मन में नकारात्मक विचारों को बिलकुल नहीं आने दें।
वाद-विवाद से बचें
शरद पूर्णिमा दिन आपको अपने घर परिवार और साथ ही बाहरी लोगों के संग वाद-विवाद से बचना चाहिए।
बुरा नां बोले
शरद पूर्णिमा एक शुभ और पावन पर्व है। ऐसे में इस दिन किसी पर गुस्सा नहीं करना चाहिए। इसके अलावा किसी पर बुरे शब्दों अथवा गाली का प्रयोग ना करें।
झूठ ना बोलें
बता दें कि शरद पूर्णिमा के दिन किसी से कोइ बात झूठ नहीं बोलना चाहिए।
तामसिक भोजन
आपको शरद पूर्णिमा के दिन किसी भी प्रकार का तामसिक भोजन नहीं करना चाहिए। इसके अलावा इस दिन लहसुन और प्याज का उपयोग ना करें।
काले रंग का प्रयोग
विद्वानों और पंडित का कहना है कि हमें Sharad Purnima के दिन काले रंग का प्रयोग बिल्कुल भी नहीं करना चाहिए। अब यहां बता दे की इस दिन आपको काले रंग का वस्त्र पहनने से भी परहेज करना चाहिए। इसके अलावा शरद पूर्णिमा के दिन पूजा में भी किसी तरह के काले चीज का प्रयोग ना करें।
Sharad Purnima Pooja Vidhi
शरद पूर्णिमा के दिन आप सर्वप्रथम बिलकुल सुबह, संभव हो तो ब्रम्ह मुहुर्त में जगकर स्नान कर लें। अगर आप के आस पास कोइ पवित्र नदि मौजूद हो, तो शरद पूर्णिमा के दिन उस नदी में स्नान करना बेहद सुभ होता है। और अगर नदी में नहाना संभव ना हो तो अपने घर के नहाने कि पानी में स्नान से पहले गंगा जल अवश्य डाल लें।
व्रत रखने का है विधान
बता दें कि नहाने से पहले अपने घर में मौजूद मंदिर को अच्छी तरह साफ कर लें। वहीं नहाने के बाद घर के मंदिर को गंगा जल से स्वच्छ कर लें। इसके बाद पूजा के लिए आवश्यक सामग्री जुटा लें। इसके अलावा एक चौकी पर लाल या पीले रंग का कपड़ा बिछाएं और विष्णु भगवान के साथ माता लक्ष्मी की स्थापना करें। इसके बाद पूजा स्थान पर दीप प्रज्वलीत करें। बता दें कि Sharad Purnima के दिन व्रत रखने का भी विधान है। इस दिन घर के सभी देवी-देवताओं का गंगा जल से अभिषेक करें।
भगवान विष्णु की पूजा करने का है विशेष महत्व
बता दें कि शरद पूर्णिमा के पावन दिन भगवान विष्णु की पूजा करने का विशेष महत्व है। इस दिन विषेश तौर पर विष्णु भगवान के साथ माता लक्ष्मी की पूजा करना चाहिए। बता दें कि Sharad Purnima कि पुजा के दौरान भगवान विष्णु को सिर्फ सात्विक चीजों का भोग लगाएं। और भोग में तुलसी पत्ते को भी जरूर शामिल करें। क्योंकि अगर आप धार्मिक ग्रंथों में पढें तो इस बात का जिक्र देखने को मिलेगा कि तुलसी के बिना भगवान विष्णु भोग स्वीकार नहीं करते हैं।
अर्घ्य देने से मिलती है कई दोषों से मुक्ति
बता दें कि Sharad Purnima के दिन भगवान विष्णु और माता लक्ष्मी की आरती करें। इस दिन भगवान विष्णु और माता लक्ष्मी का अधिक से अधिक ध्यान करना काफी फलदायी होता है। इस पूर्णिमा पर चंद्रमा की पूजा को विशेष महत्व दिया गया है। ऐसे में चंद्रोदय होने के बाद चंद्रमा की पूजा अवश्य करे। मान्यताओं के मुताबिक चंद्रमा को अर्घ्य देने से कई दोषों से मुक्ति मिलती है।
गाय को खिलाएं फल
इस दिन अगर आपके घर के आसपास या कोइ राह चलते गाय दिखे तो उसे रोटी या कोइ फल जरूर खिलाएं। दरसल गाय में बहुत सारे देवताओं का वास माना जाता है, ऐसे में गाय को भोजन कराने से कई तरह के दोषों से मुक्ति मिल जाती है।
Good