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बक्सर में बजेगा आस्था का डंका, 13 जून से शुरू होगा लक्ष्मीनारायण महायज्ञ और श्रीमार्कण्डेय पुराण कथा

Laxmi Narayan Mahayagya Aayojan in Buxar from 13 June

बक्सर: धर्मप्रेमी बक्सरवासियों के लिए एक शुभ अवसर आने वाला है। “श्रीमते रामानुजाय नमः” के पावन उद्घोष के साथ लक्ष्मीनारायण महायज्ञ (Laxmi Narayan Mahayagya 2025) का शुभारंभ 13 जून, शुक्रवार से बक्सर नगर में होने जा रहा है। यह आयोजन आध्यात्मिक चेतना, आरोग्यता और दीर्घायु का संकल्प लेकर संपन्न होगा। इस सात दिवसीय महायज्ञ के अंतर्गत श्रीमार्कण्डेय पुराण कथा का आयोजन भी किया जा रहा है, जिसका पठन और प्रवचन सुप्रसिद्ध पौराणिक आचार्य श्री कृष्णानंद शास्त्री जी के सान्निध्य में संपन्न होगा।

Laxmi Narayan Mahayagya 2025: 13 जून को शोभायात्रा और कथा का शुभारंभ

आयोजन का श्रीगणेश 13 जून को प्रातः 7 बजे नगर भ्रमण शोभायात्रा और जलभरी कार्यक्रम से होगा, जिसमें श्रद्धालु नगर के विभिन्न पवित्र स्थलों का दर्शन करेंगे। इसके उपरांत दोपहर 4 बजे से संत सम्मेलन और श्रीमार्कण्डेय कथा का वाचन प्रारंभ किया जाएगा। 14 जून को पंचांग पूजन, मंडप प्रवेश और अरणी मंथन जैसे वैदिक कर्मकांडों के साथ यज्ञ की शुरुआत होगी। यज्ञ में श्रद्धालु परिवार सहित भाग लेकर आध्यात्मिक लाभ उठा सकते हैं।

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15 जून से 19 जून तक होगा श्रीमार्कण्डेय पुराण कथा

Laxmi Narayan Mahayagya का मुख्य आकर्षण श्रीमार्कण्डेय पुराण कथा बक्सर में प्रतिदिन संध्या 4 बजे से होगी, जबकि प्रातः 6 बजे से संध्या 7 बजे तक यज्ञ की प्रक्रिया चलेगी। यह कथा न केवल ज्ञानवर्धक है, बल्कि अकाल मृत्यु और रोगों के निवारण की दृष्टि से भी अत्यंत कल्याणकारी मानी जाती है। 20 जून, शुक्रवार को, महायज्ञ की पूर्णाहुति, व्यास पीठ पूजन, मंगल विधान, ब्राह्मण भोज, और महाभंडारा का आयोजन होगा। इस दिन हजारों श्रद्धालुओं के लिए प्रसाद की व्यवस्था रहेगी।

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कथा के लाभ और आमंत्रण

आयोजकों के अनुसार, यह आयोजन केवल परंपरा निभाने का माध्यम नहीं है, बल्कि यह लक्ष्मीनारायण महायज्ञ जीवन में सकारात्मकता, आरोग्यता और दीर्घायु लाने वाला एक सांस्कृतिक संकल्प है। यह कथा चिरंजीवी जीवन, रोगमुक्ति और आध्यात्मिक शांति का प्रतीक है। आचार्य श्री कृष्णानंद शास्त्री जी के वचनों में आध्यात्मिक गहराई और जीवन-दर्शन की स्पष्ट झलक देखने को मिलती है, जो श्रोताओं को आत्मज्ञान के मार्ग पर अग्रसर करती है।

आयोजन समिति ने बक्सर नगर सहित आसपास के श्रद्धालुओं से इस धर्ममहासंगम में अधिक से अधिक संख्या में भाग लेने की अपील की है। इस पावन अवसर पर सहभागिता से न केवल व्यक्तिगत लाभ होगा, बल्कि सामाजिक समरसता, सौहार्द और धार्मिक चेतना का विस्तार भी होगा। आयोजन मंडल का उद्देश्य केवल धार्मिक अनुष्ठान नहीं, बल्कि जनमानस को आत्मिक उन्नति और शांति की ओर प्रेरित करना है।

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एक बार फिर आध्यात्मिक ऊर्जा और धार्मिक चेतना का केंद्र बनने जा रहा है बक्सर

लक्ष्मीनारायण महायज्ञ और श्रीमार्कण्डेय पुराण कथा के माध्यम से बक्सर एक बार फिर आध्यात्मिक ऊर्जा और धार्मिक चेतना का केंद्र बनने जा रहा है। यह आयोजन धर्म, स्वास्थ्य और मानव सेवा की त्रिवेणी है, जिससे जुड़कर हर व्यक्ति अपने जीवन में सकारात्मक परिवर्तन ला सकता है। तो इस 13 से 20 जून के बीच, आइए और इस पुण्य आयोजन में सम्मिलित होकर आत्मा को शांति और जीवन को ऊर्जा प्रदान करें।

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