जितना लाभकारी है, उतना ही नुकसानदेह हो सकता है आपके हाथ में बंधा हुआ रक्षा सूत। जानिए मौली से जुड़ी विशेष बातें

Mauli vastu tips for luck and prestige

Mauli Vastu Tips: हमारे सनातन धर्म में जब भी कोई शुभ कार्य होता है तो उसके लिए हम पूजा करते हैं या किसी पंडित से करवाते हैं। और उस पूजा अथवा अनुष्ठान के दौरान हमारे धार्मिक मान्यताओं के मुताबिक हाथ में मौली (रक्षा) बांधा जाता है। मगर क्या आप जानते हैं कि आपके हाथ पर बंधा हुआ रक्षा (मौली) जितना लाभकारी है उतना ही नुकसानदेह भी हो सकता है। जिस वजह से किसी व्यक्ति के हांथ में कलावा बंधा हुआ है या फिर नया कलावा बंधवाना है तो उसे कुछ बातों (Mauli Vastu Tips) का विशेष ध्यान रखना होगा।

Mauli Vastu Tips: मौली से जुड़ी खास बातें

ज्योतिष विशेषज्ञ पंडित नंद किसोर शास्त्री के मुताबिक व्यक्ति को हाथ में मौली बंधवाते और अगर किसी व्यक्ति के हाथ में मौली बंधा हुआ है तो उस से जुड़े कुछ विशेष बातों (Mauli Vastu Tips) का ध्यान रखना चाहिए, अन्यथा ये बहुत ही नुकसानदेह होता है।

 

नया मौली बंधवाने से जुड़े विशेष बात

  • पुरुषों और अविवाहित महिलाओं को अपने दाहिने हाथ में मौली बांधना चाहिए।
  • विवाहित महिलाओं को अपने बाएं हाथ में कलावा बांधना चाहिए।
  • उतारे गए रक्षा सुूत को नदी में विसर्जित कर देना चाहिए।
  • मंगलवार और शनिवार को नई मौली बांधना होता है लाभकारी।
  • मौली बांधते समय यह सुनिश्चित करना ज़रूरी है कि कलावा कलाई पर ठीक तीन बार लपेटा जाए।

हांथ में बंधे कलावा से जुड़ी विशेष बातें

  • जिवन पर प्रतिकूल प्रभाव डालता है हांथ में मौजूद घिसा हुआ कलावा।
  • बहुत पुराना कलावा डालता है नकारात्मक प्रभाव।
    पहनता है तो यह उसके जिवन पर प्रतिकूल प्रभाव डालता है।
  • व्यक्ति को 10 से 11 दिनों तक, इस से अधिक समय तक कलावा नहीं पहनना चाहिए।
  • हांथ से अगर कलावा किसी कारणवश टूट जाए या फिर उसकी गांठ खुल जाए तो उसे दुबारा कलाई में नहीं बांधना चाहिए।

भगवान वामन ने दिया था अमरता का वर्दान

बता दें कि सनातन धर्म में कलावा बांधने की परंपरा सदियों से चली आ रही है, जिसे काफी लाभकारी माना जाता है। मान्यताओं के मुताबिक हांथ में कलावा बांधने कि परंपरा देवता युग से ही चली आ रही है। बताया जाता है कि हाथ में रक्षा सूत बांधने के पीछे एक काफी पुरानी मान्यता है, जिसके मुताबिक असुरों के राजा माने जाने वाले बली को भगवान वामन ने अमरता का वर्दान दिया था। जिसके लिए उन्होंने बली के हाथ में मौली बांधा था। मौली कच्चे धागे से बनाई जाती है और सनातन धर्म में निहित धार्मिक आस्था और शुभता का प्रतीक है।

Disclaimer: यहां बताई गई समस्त बातें पंडितों और ज्योतिषों से प्राप्त की गई जानकारी है। अत: हम पूरी तरह इन बातों के सत्य या असत्य होने की पुष्टि नहीं करते हैं।

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