Nestle Q1 Result: FMCG क्षेत्र की दिग्गज कंपनी नेस्ले इंडिया (Nestle India) ने 2025 की पहली तिमाही के नतीजे जारी कर दिए हैं, जिसने निवेशकों को निराश किया है। कंपनी ने 6.59 अरब रुपये का शुद्ध लाभ दर्ज किया, जो कि पिछले वर्ष की समान अवधि में दर्ज 7.47 अरब रुपये से लगभग 12% कम है। कमजोर वित्तीय प्रदर्शन की वजह से शेयर बाजार में इसकी तीखी प्रतिक्रिया (Nestle Shares Fall) देखने को मिली। कंपनी का शेयर शुरुआती कारोबार में थोड़ी मजबूती के साथ खुला था, लेकिन नतीजों के बाद इसमें 5% तक की गिरावट देखने को मिली।
नेस्ले इंडिया का शेयर Nifty 50 पर आज का टॉप लॉजर रहा। जहां निफ्टी 50 खुद 0.57% नीचे था, वहीं Nestle India का शेयर सबसे अधिक नुकसान में रहा। इस गिरावट के चलते कंपनी के साल की शुरुआत से अब तक के लाभ (YTD gains) में भी कमी आई है। अब YTD गेन सिर्फ 9% के आसपास रह गए हैं, जो पिछले तिमाहियों की तुलना में कम हैं।
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क्या करें निवेशक?
नेस्ले इंडिया का प्रदर्शन FMCG सेक्टर में एक बड़ी चिंता का विषय बनता जा रहा है। Nestle Q1 Result से स्पष्ट है कि इनपुट कॉस्ट, मांग में सुस्ती, और शायद ग्रामीण बाजारों में कमजोरी इसके पीछे अहम कारण हो सकते हैं। हालांकि कंपनी ने इन कारणों पर आधिकारिक बयान नहीं दिया है, लेकिन एक्सपर्ट्स का मानना है कि मूल्य वृद्धि के सहारे मुनाफा बनाए रखना अब चुनौतीपूर्ण होता जा रहा है।
कंपनी पर क्या है विशेषज्ञों की राय?
कुछ बाज़ार विशेषज्ञों का मानना है कि नेस्ले इंडिया जैसे मजबूत ब्रांड में इस तरह की गिरावट लॉन्ग टर्म निवेश का अवसर हो सकता है। लेकिन, जब तक कंपनी अपने ग्रोथ के संकेत स्पष्ट रूप से नहीं दिखाती, तब तक इसमें नई खरीददारी से पहले सतर्कता जरूरी है। शेयर बाजार विश्लेषकों के मुताबिक, यदि कंपनी की अगली तिमाही में भी मुनाफे में गिरावट देखी जाती है, तो यह ट्रेंड लंबा चल सकता है। इसलिए निवेशक तकनीकी स्तर और फंडामेंटल एनालिसिस दोनों पर ध्यान देते हुए ही निर्णय लें।
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कंपनी के मुनाफे में गिरावट के पीछे डॉलर के मुकाबले भारतीय रुपये की कमजोरी (1 USD = ₹86.29) का भी आंशिक असर माना जा रहा है। चूंकि नेस्ले इंडिया कुछ उत्पादों के लिए आयात पर निर्भर है, इसलिए रुपये में गिरावट से लागत में इजाफा होता है, जिससे मुनाफा प्रभावित होता है।
छोटे निवेशकों को अलर्ट रहना जरूरी
नेस्ले इंडिया के ताजा आंकड़ों ने यह साफ कर दिया है कि बड़ी कंपनियां भी कमजोर प्रदर्शन से अछूती नहीं हैं। तिमाही नतीजे हमेशा कंपनी की वास्तविक स्थिति को उजागर करते हैं और इस मामले में निवेशकों को आँखें खोलने की ज़रूरत है। यदि आप छोटे निवेशक हैं और FMCG सेक्टर में निवेश की सोच रहे हैं, तो केवल ब्रांड नाम पर भरोसा न करें। कंपनी के नतीजों, सेक्टर ट्रेंड और आर्थिक संकेतकों का विश्लेषण कर ही आगे बढ़ें।