Silver Price Today: चांदी की कीमतों ने फीर तोड़ा रिकॉर्ड, 2 लाख रुपये तक जाएगा भाव; जानिए इसके मांग बढ़ने के पीछे की असली वजह
Silver Price 1 September 2025: निवेशकों के लिए चांदी इन दिनों चर्चा का सबसे बड़ा विषय बन गई है। सोमवार, 1 सितंबर को घरेलू बाजार में चांदी ने इतिहास रच दिया और कीमत 1.23 लाख रुपये प्रति किलोग्राम तक पहुंच गई। खास बात है कि यह अब तक का सबसे ऊंचा स्तर है। विशेषज्ञों का कहना है कि वैश्विक आर्थिक अनिश्चितता, औद्योगिक मांग और रुपये की कमजोरी ने मिलकर चांदी की कीमतों को नई ऊंचाइयों पर पहुंचा दिया है।
Silver Price 1 September 2025: घरेलू बाजार में ऑलटाइम हाई
आपको बता दें कि सर्राफा बाजार में सोमवार को जबरदस्त हलचल देखी गई। शुरुआती कारोबार में ही चांदी ने ऑलटाइम हाई पर ओपनिंग की और तेजी से 1.23 लाख रुपये प्रति किलो (Silver Price 1 September 2025) तक पहुंच गई। जानकारों के मुताबिक, डॉलर के मुकाबले रुपये की कमजोरी ने इस बढ़त को और मजबूत किया। गौरतलब है कि अंतरराष्ट्रीय बाजार में भी चांदी ने निवेशकों को चौंका दिया। सितंबर 2011 के बाद पहली बार चांदी की कीमत 40 डॉलर प्रति औंस के पार चली गई। हाजिर बाजार में यह 1.6% उछलकर 40.31 डॉलर प्रति औंस पर पहुंच गई।
क्यों बढ़ रही है चांदी की मांग?
चांदी की मांग इन दिनों लगातार बढ़ रही है और इसके पीछे कई अहम वजहें हैं। सबसे बड़ी बात यह है कि औद्योगिक क्षेत्रों जैसे सोलर पैनल, इलेक्ट्रॉनिक डिवाइस और मेडिकल उपकरणों में चांदी की खपत तेजी से बढ़ रही है। आपको बता दें कि निवेशक भी इसे सोने के बाद सबसे सुरक्षित संपत्ति मानते हैं, इसलिए अनिश्चित हालात में उनकी दिलचस्पी चांदी में बढ़ जाती है। खास बात यह है कि फेडरल रिजर्व की संभावित नीतिगत नरमी से भी मार्केट में भरोसा बढ़ा है।
रुपये की कमजोरी बनी बड़ी वजह
हालाकि, सिर्फ वैश्विक बाजार ही नहीं बल्कि भारतीय रुपया भी इसमें अहम भूमिका निभा रहा है। रुपया डॉलर के मुकाबले रिकॉर्ड निचले स्तर पर है। इसका सीधा असर चांदी की घरेलू कीमतों पर पड़ रहा है और यह ग्लोबल बेंचमार्क से ऊपर जा रही है। यही कारण है कि चांदी को नया जीवनदान मिल रहा है और इसका भाव लगातार ऊपर जा रहा है।
2028 तक 2 लाख रुपये किलो का अनुमान
विशेषज्ञों का अनुमान है कि अगर मौजूदा हालात बने रहे तो आने वाले वर्षों में चांदी की कीमतों में और विस्फोटक तेजी देखने को मिल सकती है। एक ताज़ा रिपोर्ट के मुताबिक, 2028 तक चांदी 2 लाख रुपये प्रति किलोग्राम तक पहुंच सकती है। यह अनुमान निवेशकों में उत्साह भर रहा है और कई लोग इसे लॉन्ग टर्म निवेश का सुनहरा मौका मान रहे हैं।
निवेशकों के लिए क्या है संकेत?
निवेशकों के लिए चांदी इन दिनों बेहतरीन विकल्प बनकर उभर रही है। घरेलू बाजार में कीमतें रिकॉर्ड स्तर पर पहुंच चुकी हैं और अनुमान है कि आने वाले वर्षों में इसमें और तेजी देखने को मिल सकती है। आपको बता दें कि रुपये की कमजोरी और वैश्विक बाजार से मिले मजबूत संकेत चांदी को और मजबूती दे रहे हैं। हालांकि अल्पकाल में उतार-चढ़ाव बने रहेंगे, लेकिन लंबे समय के लिए निवेश करने वालों के लिए यह सुनहरा अवसर साबित हो सकता है। विशेषज्ञ मानते हैं कि 2028 तक कीमत 2 लाख रुपये किलो तक जा सकती है।
चांदी का तकनीकी स्तर
मेहता इक्विटीज के वाइस प्रेसिडेंट (कमोडिटी) ने बताया कि मौजूदा हालात में चांदी को घरेलू बाजार में 1.18-1.19 लाख रुपये प्रति किलो पर मजबूत सपोर्ट मिला हुआ है। वहीं, ऊपर की ओर 1.20-1.21 लाख रुपये प्रति किलो पर रेजिस्टेंस नजर आ रहा है। इसका मतलब है कि चांदी फिलहाल मजबूती की राह पर है और निवेशक अल्पकालिक उतार-चढ़ाव के बावजूद इसमें लंबी अवधि का फायदा देख सकते हैं।
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