US attack on Yemen: अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप ने शनिवार को रेड सी (लाल सागर) में शिपिंग पर हुए हमलों के जवाब में यमन के हूती विद्रोहियों (Houthi Rebels Strike) के खिलाफ बड़े पैमाने पर सैन्य कार्रवाई शुरू कर दी। इस हमले में कम से कम 19 लोगों की मौत हो गई, जबकि कई लोग घायल हुए हैं।
ये भी पढ़ें: Joe Biden ने भारत को दिया नायाब तौफा। अमेरिका वापस करेगा भारत कि 297 प्राचीन वस्तुएं
ट्रंप ने ईरान को भी सख्त चेतावनी दी है और कहा कि यदि उसने हूती विद्रोहियों का समर्थन जारी रखा तो उसे भारी नुकसान उठाना पड़ेगा। यह हमला मध्य पूर्व (Middle East) में अमेरिकी सेना द्वारा किया गया सबसे बड़ा सैन्य ऑपरेशन माना जा रहा है।
हूती विद्रोही पर हमला: अमेरिकी हमले में नागरिक भी प्रभावित
यमन की राजधानी सना (Sanaa) में अमेरिकी हमले के दौरान 13 नागरिकों की मौत हो गई और 9 लोग घायल हो गए। हूती-नियंत्रित स्वास्थ्य मंत्रालय ने इसकी पुष्टि की है। इसके अलावा, यमन के उत्तरी प्रांत सादा (Saada) में एक अन्य अमेरिकी हमले में छह लोगों की मौत हो गई, जिनमें चार बच्चे और एक महिला शामिल थे। इस हमले में 11 लोग घायल भी हुए हैं।
हूती विद्रोहियों ने दी जवाबी हमले की धमकी
हूती विद्रोहियों के प्रवक्ता ने कहा कि उनकी सेना इस हमले का कड़ा जवाब देने के लिए पूरी तरह तैयार है। सना के निवासियों के अनुसार, अमेरिकी हमलों में हूती ठिकानों को निशाना बनाया गया, जिससे भारी धमाके हुए और पूरा इलाका दहल गया।
अमेरिका बनाम ईरान: ट्रंप का आक्रामक रुख
डोनाल्ड ट्रंप ने न केवल हूती विद्रोहियों पर हमला किया, बल्कि ईरान (Iran) को भी कड़ी चेतावनी दी। उन्होंने कहा, “ईरान को तुरंत हूतियों का समर्थन बंद करना होगा। यदि ईरान ने अमेरिका को धमकी दी, तो हम कोई नरमी नहीं बरतेंगे।” अमेरिका का यह कदम ईरान पर दबाव बढ़ाने और उसके परमाणु कार्यक्रम को रोकने की रणनीति का हिस्सा माना जा रहा है।
US Attack on Yemen: अमेरिका क्यों कर रहा है सैन्य कार्रवाई?
हूती विद्रोहियों के हमलों का जवाब
हूती विद्रोहियों ने नवंबर 2023 से अब तक रेड सी (Red Sea) में 100 से अधिक बार जहाजों पर हमला किया है। इन हमलों के कारण वैश्विक व्यापार बाधित हो रहा है, जिससे अमेरिका को अपनी सैन्य ताकत का प्रदर्शन करना पड़ा।
ईरान पर दबाव बढ़ाने की रणनीति
अमेरिका ईरान को यह संदेश देना चाहता है कि वह हूती विद्रोहियों का समर्थन बंद करे। ट्रंप प्रशासन ने संकेत दिया है कि यदि ईरान पीछे नहीं हटा, तो अमेरिका उस पर और भी कड़े प्रतिबंध लगा सकता है।
मध्य पूर्व में अमेरिकी प्रभुत्व बनाए रखना
अमेरिका यह सुनिश्चित करना चाहता है कि रेड सी में उसकी शक्ति बनी रहे। ट्रंप प्रशासन की यह कार्रवाई मध्य पूर्व में अमेरिकी प्रभाव को मजबूत करने की एक बड़ी कोशिश है।
US vs Iran: क्या बदलेगी रेड सी की स्थिति?
विश्लेषकों के अनुसार, यह हमला हफ्तों तक जारी रह सकता है और इससे मध्य पूर्व में तनाव और बढ़ने की संभावना है। अमेरिकी सेना हूती ठिकानों पर लगातार हमले कर सकती है। ईरान यदि खुलकर हस्तक्षेप करता है, तो यह संघर्ष और भी गहरा हो सकता है। हूती विद्रोही अपने जवाबी हमले तेज कर सकते हैं।
बाइडेन प्रशासन की तुलना में ट्रंप की आक्रामक नीति
पूर्व राष्ट्रपति जो बाइडेन (Joe Biden) ने भी हूती विद्रोहियों की हमलावर क्षमता को कमजोर करने की कोशिश की थी, लेकिन उनकी नीति सीमित सैन्य हस्तक्षेप तक ही सीमित थी।
ये भी पढ़ें: MQ-9B Deal: चीन और पाकिस्तान की बढ़ेगी टेंशन। 3 अरब डॉलर में America से भारत खरिदेगा MQ-9B किलर ड्रोन।
ट्रंप ने इससे अलग रुख अपनाते हुए सीधे सैन्य बल का इस्तेमाल किया है, जिससे अमेरिका और ईरान के बीच तनाव और बढ़ सकता है।
आने वाले दिनों में और गहरा सकता है अमेरिका और इरान के बीच टकराव
अमेरिका बनाम ईरान (US vs Iran) का यह टकराव आने वाले दिनों में और गहरा सकता है। ट्रंप प्रशासन का मानना है कि हूती विद्रोही रेड सी में अस्थिरता फैलाने की कोशिश कर रहे हैं, और इसलिए अमेरिका को अपनी सैन्य शक्ति का प्रदर्शन करना जरूरी लगा। अब देखने वाली बात यह होगी कि ईरान इस पर कैसी प्रतिक्रिया देता है और क्या यह युद्ध के रूप में बदल सकता है।
(यह समाचार वर्तमान घटनाओं पर आधारित है और आगे की स्थिति पर नजर रखी जा रही है।)