US sanctions on Indian companies: अमेरिका और भारत के रिश्तों पर बड़ा असर डालने वाला कदम उठाते हुए ट्रंप सरकार ने ईरान से तेल आयात करने के आरोप में 6 प्रमुख भारतीय कंपनियों पर प्रतिबंध लगा दिया है। अमेरिकी विदेश विभाग ने कहा है कि ये कंपनियां ईरान से पेट्रोकेमिकल्स और तेल उत्पाद खरीदकर न सिर्फ अवैध फंडिंग में मदद कर रही हैं बल्कि मिडिल ईस्ट में बढ़ते युद्ध को भी हवा दे रही हैं। इस फैसले से भारत और अमेरिका के बीच संबंधों में तनाव गहराने की आशंका जताई जा रही है।
ईरान से तेल खरीद पर अमेरिका का सख्त रुख
ट्रंप प्रशासन ने अपने बयान में कहा कि कोई भी संस्था या कंपनी जो ईरानी पेट्रोलियम और पेट्रोकेमिकल कारोबार से जुड़ी मिलेगी, उस पर कड़े कदम उठाए जाएंगे। अमेरिकी सरकार का दावा है कि ईरान से होने वाले इस व्यापार से ऐसे अवैध फंड जुट रहे हैं जिनका इस्तेमाल क्षेत्रीय संघर्षों को बढ़ावा देने में किया जा रहा है।
अमेरिकी विदेश मंत्रालय के प्रवक्ता ने कहा, “यह प्रतिबंध इसलिए जरूरी है ताकि ईरान को उन संसाधनों से वंचित किया जा सके जिनका इस्तेमाल वह अस्थिरता फैलाने के लिए करता है।”
US Sanctions on Indian Companies: किन भारतीय कंपनियों पर लगा प्रतिबंध
ट्रंप सरकार ने ईरान से तेल आयात करने के आरोप में भारत की 6 बड़ी कंपनियों पर प्रतिबंध (US sanctions on Indian companies) लगा दिया है। इनमें अलकेमिकल सॉल्यूशंस प्राइवेट लिमिटेड, ग्लोबल इंडस्ट्रियल केमिकल्स लिमिटेड, जुपिटर डाई केम प्राइवेट लिमिटेड, रमणिकलाल एस गोसालिया एंड कंपनी, परसिस्टेंट पेट्रोकेम प्रा. लिमिटेड और कंचन पॉलिमर्स शामिल हैं।
अमेरिकी अधिकारियों का कहना है कि इनमें से अलकेमिकल सॉल्यूशंस ने 2024 में ही 84 मिलियन अमेरिकी डॉलर से ज्यादा का तेल आयात किया। विशेषज्ञ मानते हैं कि इस प्रतिबंध से भारत-अमेरिका के रिश्तों में तनाव बढ़ सकता है और भारतीय ऊर्जा बाजार पर भी गहरा असर पड़ सकता है।
भारतीय कंपनियों के लिए क्या मायने रखता है प्रतिबंध
भारतीय कंपनियों पर लगाए गए अमेरिकी प्रतिबंध का अर्थ है कि अब ये कंपनियां किसी भी अमेरिकी वित्तीय संस्थान या कंपनी के साथ व्यापार नहीं कर पाएंगी और उनकी अमेरिकी संपत्तियां भी फ्रीज कर दी जाएंगी। इससे इन कंपनियों को करोड़ों रुपये का आर्थिक नुकसान झेलना पड़ सकता है। विशेषज्ञों का मानना है कि यह कदम भारत-अमेरिका व्यापारिक रिश्तों को भी प्रभावित करेगा। साथ ही, भारत के ऊर्जा आयात पर दबाव बढ़ सकता है क्योंकि ईरान लंबे समय से भारत के लिए कच्चे तेल का एक प्रमुख स्रोत रहा है।
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क्या देश में बढ़ेंगी पेट्रोल और डीजल की कीमतें?
अमेरिका द्वारा भारतीय कंपनियों पर लगाए गए US sanctions on Indian companies से भारत की ऊर्जा आपूर्ति प्रभावित हो सकती है। ईरान से तेल आयात पर रोक लगने से कच्चे तेल की उपलब्धता घट सकती है, जिससे आने वाले समय में पेट्रोल और डीजल की कीमतों में बढ़ोतरी की आशंका है। वर्तमान में भारत अपनी ऊर्जा जरूरतों का लगभग 85% आयात करता है और ईरान सस्ता कच्चा तेल उपलब्ध कराने वाले देशों में शामिल रहा है। विशेषज्ञों का कहना है कि अगर वैकल्पिक आपूर्ति जल्द नहीं मिली, तो पेट्रोलियम कीमतें बढ़ने के साथ-साथ भारत-अमेरिका संबंधों में तनाव भी गहरा सकता है।
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अमेरिका की चेतावनी के बाद भारत-अमेरिका रिश्तों पर बढ़ते सवाल
अमेरिका ने भारत को पहले भी कई बार ईरान से तेल आयात रोकने की चेतावनी दी थी। साल 2019 के बाद भारत ने ईरानी तेल पर निर्भरता जरूर घटाई, लेकिन पूरी तरह से इसे बंद नहीं किया। ट्रंप सरकार ने न केवल भारत पर 25% टैरिफ लगाया बल्कि पाकिस्तान के साथ तेल भंडार खोजने का समझौता भी किया, जिससे भारत-अमेरिका रिश्तों में तनाव और गहराया। विशेषज्ञों का मानना है कि हालिया US sanctions on Indian companies का असर आर्थिक से ज्यादा कूटनीतिक हो सकता है। फिलहाल भारत की नजरें वॉशिंगटन के साथ होने वाली संभावित बातचीत पर टिकी हैं।
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