AK-203 Assault Riffle: रूस की कलाश्निकोव सीरीज की उन्नत AK-203 राइफलें भारतीय सेना के लिए गेम-चेंजर साबित होंगी। इन राइफलों की खासियतें जैसे बेहतर सटीकता, हल्का वजन और एडवांस ऑप्टिक्स के साथ संगतता इन्हें आधुनिक युद्ध के लिए आदर्श बनाती हैं। 7.62×39 मिमी गोला-बारूद से लैस ये राइफलें अधिक प्रभावी रोकने की शक्ति प्रदान करती हैं, जो पुरानी 5.56 मिमी इंसास राइफलों से बेहतर हैं। कठिन युद्ध परिस्थितियों में इसकी विश्वसनीयता भारतीय सैनिकों को अधिक आत्मविश्वास देगी। देश की सुरक्षा मजबूत करने के लिए इन आधुनिक राइफलों की तैनाती एक महत्वपूर्ण कदम है।
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भारतीय सेना को 70 हजार नई AK-203 Assault Riffle
इस साल भारतीय सेना को 70 हजार AK-203 Assault Riffle मिलने वाली हैं। रक्षा सूत्रों के मुताबिक, 2026 तक अतिरिक्त 1 लाख राइफलें भी भारतीय सेना को सौंपी जाएंगी। ये राइफलें रूस के साथ हुए एक बड़े समझौते का हिस्सा हैं। इस समझौते का उद्देश्य भारतीय सैनिकों को विश्व के सबसे उन्नत और भरोसेमंद हथियारों से लैस करना है। भारतीय सेना को 2024 में 35 हजार AK-203 Riffle प्राप्त हो चुकी हैं। इन नई राइफलों के आने से भारतीय सैनिकों की मारक क्षमता में उल्लेखनीय वृद्धि होने की उम्मीद है।
स्वदेशी उत्पादन का बढ़ता योगदान
उत्तर प्रदेश के अमेठी में एक संयुक्त भारत-रूस वेंचर के तहत AK-203 Riffle का निर्माण किया जा रहा है। इस पहल के जरिए वर्तमान में सेवा में मौजूद पुरानी INSAS राइफलों की जगह नई राइफलें लेने लगी हैं।
स्वदेशी सामग्री में वृद्धि
इस साल इन राइफलों में स्वदेशी सामग्री का अनुपात 30 प्रतिशत तक बढ़ाया जाएगा। इसके बाद की आपूर्ति में स्वदेशी सामग्री को और बढ़ाने की योजना है। यह कदम आत्मनिर्भर भारत अभियान की दिशा में महत्वपूर्ण योगदान देगा।
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AK-203 Riffle की खासियतें
AK-203 असॉल्ट राइफल अपनी उत्कृष्ट विशेषताओं के कारण भारतीय सेना के लिए एक महत्वपूर्ण हथियार बन गई है।
उन्नत तकनीकी विशेषताएं
- बेहतर एर्गोनॉमिक्स: AK-203 Riffle का डिजाइन इसे उपयोग करने में अधिक सुविधाजनक बनाता है।
- उच्च स्थायित्व: कठिन युद्ध परिस्थितियों में भी यह राइफल बेहतर प्रदर्शन करती है।
- आधुनिक ऑप्टिक्स और उपकरणों के साथ संगतता: AK-203 Riffle, एडवांस उपकरणों के साथ उपयोग की जा सकती है।
- विभिन्न युद्ध परिदृश्यों में उपयुक्त: यह आतंकवाद विरोधी अभियानों और उच्च ऊंचाई वाले युद्ध में प्रभावी साबित होती है।
मारक क्षमता बढ़ाने वाली आधुनिक AK-203 राइफल
AK-203 राइफल 7.62×39 मिमी के गोला-बारूद के चैम्बर के साथ आती है, जो इसकी मारक क्षमता को बढ़ाते हुए दुश्मन पर अधिक प्रभावी असर डालती है। यह 5.56 मिमी इंसास राइफल के मुकाबले बेहतर रोकने की शक्ति प्रदान करती है। इस राइफल का डिज़ाइन सैनिकों को अधिक सुरक्षा और आक्रामकता के साथ आधुनिक युद्ध के लिए तैयार करता है। इसकी सटीकता और ताकत दुर्गम इलाकों में भी सैनिकों को बेहतरीन प्रदर्शन करने में मदद करती है। भारत की रक्षा प्रणाली में इस हथियार का समावेश हमारी सेना की ताकत को और अधिक सशक्त बनाता है।
आतंकवाद विरोधी अभियानों में महत्वपूर्ण
इस राइफल की उच्च मारक क्षमता और बेहतर अनुकूलनशीलता इसे आतंकवाद विरोधी अभियानों के लिए उपयुक्त बनाती है। इसके अलावा, ऊंचाई वाले युद्ध क्षेत्रों में भी इसका प्रदर्शन शानदार साबित हो सकता है।
भारतीय सेना के लिए नई ताकत बन सकती हैं AK-203 राइफल
AK-203 Riffle भारतीय सेना के लिए एक नई ताकत बन सकती हैं। 2026 तक इनकी बढ़ती आपूर्ति से सेना की युद्ध क्षमता में उल्लेखनीय वृद्धि होगी। स्वदेशी उत्पादन के जरिए यह पहल न केवल आत्मनिर्भर भारत अभियान को गति देगी, बल्कि भारतीय रक्षा उद्योग के लिए एक अहम उपलब्धि साबित होगी। इन राइफलों की उन्नत तकनीक और बेहतरीन कार्यक्षमता भारतीय जवानों को आधुनिक चुनौतियों से निपटने में मदद करेगी। यह कदम देश की सुरक्षा को मजबूत बनाने के साथ-साथ रक्षा क्षेत्र में आत्मनिर्भरता की दिशा में एक महत्वपूर्ण मील का पत्थर साबित होगा।