Central Jail: भारत का एक ऐसा जेल जहाँ हर साल 2 दिनों का लगता है भव्य मेला। हजारों की संख्या में जेल परिसर में पुजा और दर्शन करने आते हैं लोग

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Central Jail: नमस्कार दोस्तों। जैसा कि हमनें अक्सर सुना और समझा है कि जेल छोटा हो या बड़ा, लेकिन जेल एक बेहद संवेदनशील क्षेत्र होता है। और इन सभी जेलों में से अगर हम बात सेंट्रल जेल कि करें तो नाम से ही झलकता है कि यह जेल कयी छोटे बड़े जेलों का संरक्षक है। जिसमें काफी कडाई और अनुसासन स्थापित रहता है। मगर आपको बता दें कि हमारे देश में एक ऐसा भी सेंट्रल जेल मौजूद है जहाँ हर साल दो दिनों का मेला लगता है। अब सायद आप इस तथ्य से अंजान हों ऐसे में आपको बता दें कि यह सेंट्रल जेल बिहार के बक्सर जिला में गंगा और ठोरा नदी के तट के पास मौजूद है।

Buxar Central jail boundaries

आपको बता दें कि बिहार के बक्सर जिला में मौजूद सेंट्रल जेल में हर साल वामन द्वादशी के मौके पर मेला लगता है। जिस दौरान हजारों की संख्या में पुरुष और महिलाएं इस मेला का आनंद लेने और पूजा-अर्चना करने जेल परिसर में पहुंचते हैं। और बता दे की हर साल की भांति इस साल भी हजारों की संख्या में महिला और पुरुष अपने बच्चों और परिवार के बाकी सदस्यों के संग इस मेला का आनंद लेने आज यानी शनिवार के दिन पहुंचे हुए हैं।

गंगा में डुबकी लगा Jail जाते हैं लोग

Central jail, buxar

बता दे की बक्सर के वामन द्वादसी मेला का महत्व कुछ ऐसा है कि दूर दराज से लोग भगवान वामन के जन्मोत्सव में शामिल होने सेंट्रल जेल में आते हैं। वामन द्वादशी के दिन लोग अहले सुबह गंगा में स्नान करते हैं। और बता दें कि बक्सर में गंगा स्नान के लिए बक्सर का रामरेखाघाट काफी प्रसिद्ध है जिसके अपने आप में ही कयी धार्मिक मान्यता और महत्व मौजूद है।

Vamneshwar dham, buxar

वही गंगा में डुबकी लगाने के बाद श्रद्धालु बक्सर के सेंट्रल जेल में मौजूद भगवान् वामनेश्वर के मंदिर पहुंचते हैं, जहाँ श्रद्धा भाव से श्रद्धालु मंदिर में मौजूद भगवान बटुक वामन के मुर्ति का दर्शन पूजन करते हैं। आपको बता दें कि बक्सर के सेंट्रल जेल में लगने वाला यह मेला भाद्रपद मास में शुक्ल पक्ष के द्वादशी तीथी को वामन द्वादशी के रूप में मनाया जाता है।


भगवान विष्णु के 10 अवतारों में से एक हैं बटुक वामन

Lord vishnu and batuk waaman

वहीं वामन द्वादशी के इस मेला को लेकर धार्मिक मान्यताओं पर गौर करें, तो विद्वानों का कहना है कि इसी दिन श्रवण नक्षत्र के अभिजीत मुहूर्त में भगवान विष्णु ने भगवान वामन के रूप में अवतार लिया था। जबकि स्‍थानीय मान्‍यताओं पर गौर करें, तो उसके मुताब‍िक भगवान विष्णु के 10 अवतारों में से एक, बटुक वामन का जन्म बक्सर (सिद्धाश्रम) में अदिति के पुत्र के रूप में हुआ था। यहाँ के पुजारी का कहना है कि सेंट्रल जेल के बाहरी हिस्से में आज भी एक शिवलिंग मौजूद है, जिसका स्थापना भगवान वामन द्वारा किया गया था। और इन मान्यताओं के वजह से भक्त भगवान वामन द्वारा स्थापित शिवलिंग को वामनेश्वरनाथ शिव के नाम से जानते हैं। आपकी जानकारी के लिए बता दें कि बक्सर स्थित भगवान वामन का मंदिर काफी पुराना माना जाता है। जानकारी के मुताबिक बक्सर में, ब्रिटिश शासन के दौरान सेंट्रल जेल का निर्माण किया गया था। और उस वक़्त से ही भगवान वामन का मंदिर सेंट्रल जेल का हिस्सा बन गया।

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Veer जय जगदम्बा न्यूज के Founder (CEO) हैं। यहां वह करियर, एजुकेशन, जॉब्स, राजनीति, रिसर्च व धर्म से जुड़ी खबर के अलावा देश-विदेश से जुड़ी खबरें पेस करते हैं। यह एक नई शुरुआत है ऐसे में आप जय जगदंबा न्यूज़ का साथ बनाए रखिए।

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