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Arjun Yadav Murder: बक्सर में राजद नेता की हत्या से गर्माया माहौल, मामले में अब तक 8 पर FIR दर्ज

Arjun Yadav murder at Chausa Thermal Power Plant

Arjun Yadav Murder: बक्सर (Buxar) से बड़ी खबर सामने आ रही है जहाँ चौसा थर्मल पावर प्लांट के मुख्य द्वार पर हुई दिनदहाड़े हत्या ने पूरे इलाके को दहला दिया है। राजद मजदूर प्रकोष्ठ के जिलाध्यक्ष अर्जुन यादव (Arjun Yadav) की हत्या मामले ने राजनीतिक और सामाजिक हलकों में हलचल मचा दी है।

Arjun Yadav Murder: क्या है बनारपुर हत्याकांड का पूरा मामला?

यह वारदात (Arjun Yadav Murder) सोमवार दोपहर लगभग 12:15 बजे की बताई जा रही है। जानकारी के अनुसार, अर्जुन यादव चौसा थर्मल पावर प्लांट में अधिकारियों से मिलने जा रहे थे। मोहनपुरवा गेट के पास उन्होंने अपनी थार गाड़ी रोकी और पानी लेने उतरे।

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बाइक से आए थें हमलावर

जैसे ही वे वापस लौटे, तीन हमलावर बाइक से आए और उन पर ताबड़तोड़ फायरिंग कर दी। गोली लगते ही वह जमीन पर गिर पड़े और गंभीर रूप से घायल हो गए। इलाज के दौरान उनकी मौत हो गई। इस निर्मम हत्या ने पूरे बक्सर जिले को हिला कर रख दिया है।

अर्जुन यादव हत्याकांड में 8 लोग नामजद

तीन दिन बाद, मृतक अर्जुन यादव के बड़े भाई करण यादव ने थाने में बयान दर्ज कराया। उनके बयान के आधार पर बनारपुर गांव के आठ लोगों के खिलाफ प्राथमिकी दर्ज की गई है। FIR में जिन लोगों के नाम शामिल हैं, वे इस प्रकार हैं:

  1. मनोरंजन पांडेय उर्फ राजा पांडेय
  2. अमित तिवारी
  3. धर्मेंद्र तिवारी
  4. हरिओम तिवारी
  5. गुड्डू तिवारी उर्फ सुनील तिवारी
  6. नरेंद्र तिवारी
  7. ओम पांडेय
  8. मुन्ना तिवारी

करण यादव ने इन सभी पर साजिश के तहत Arjun Yadav murder को अंजाम देने का आरोप लगाया है। सभी आरोपी बक्सर के बनारपुर गांव के निवासी हैं।

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पुलिस की जांच तेज, जगह-जगह छापेमारी जारी

एफआईआर दर्ज होते ही पुलिस ने त्वरित कार्रवाई शुरू कर दी है। बक्सर के पुलिस अधीक्षक शुभम आर्य ने बताया कि सभी नामजद आरोपियों की तलाश में लगातार छापेमारी की जा रही है।

एसपी शुभम आर्य: हर संभावित पहलुओं की हो रही है गहराई से जांच

एसपी के अनुसार, “हम केवल एफआईआर के तथ्यों पर ही नहीं, बल्कि अन्य संभावित पहलुओं की भी गहराई से जांच कर रहे हैं।” पुलिस तकनीकी साक्ष्य, सीसीटीवी फुटेज और मोबाइल लोकेशन की सहायता से इस मामले की तह तक पहुंचने की कोशिश कर रही है।

हत्या की वजह: ठेकेदारी विवाद या राजनीतिक दुश्मनी?

Arjun Yadav murder के पीछे की असली वजह अभी स्पष्ट नहीं हो सकी है, लेकिन पुलिस और स्थानीय सूत्रों के अनुसार यह हत्या ठेकेदारी विवाद, वर्चस्व की लड़ाई या राजनीतिक रंजिश का परिणाम हो सकती है।

मृतक अर्जुन यादव एल एंड टी कंपनी में ठेकेदारी करते थे और क्षेत्र में उनकी अच्छी पकड़ मानी जाती थी। यही कारण है कि कुछ लोग उन्हें अपना प्रतिद्वंद्वी मानते थे।

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गांव में शोक की लहर, न्याय की उठी मांग

इस हत्याकांड के बाद बनारपुर और आस-पास के इलाकों में भारी ग़म का माहौल है। ग्रामीणों ने प्रशासन से त्वरित कार्रवाई और सभी दोषियों की गिरफ्तारी की मांग की है। राजद कार्यकर्ताओं ने भी इस हत्या की निंदा की है और इसे राजनीतिक साजिश बताया है।

परिजनों का कहना है कि उन्हें अब केवल इंसाफ चाहिए, और वे चाहते हैं कि Arjun Yadav murder में शामिल सभी दोषियों को जल्द से जल्द सलाखों के पीछे डाला जाए।

क्या मिलेगा इंसाफ या रह जाएगा रहस्य?

चौसा थर्मल पावर प्लांट पर हुई यह घटना केवल एक व्यक्ति की हत्या नहीं, बल्कि कानून व्यवस्था और राजनीतिक व्यवस्था पर भी सवाल खड़े करती है। Arjun Yadav murder से जुड़े हर पहलू की निष्पक्ष जांच और दोषियों की गिरफ्तारी ही इस समाज को भरोसा दिला सकती है कि कानून सबके लिए बराबर है।

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