बक्सर में एक बार फिर गंगा का कहर, खतरे के निशान से ऊपर बहने लगा पानी; चौसा-रामगढ़ रोड जलमग्न, कई गांवों से संपर्क टूटा

Buxar Baadh Update

Buxar Baadh Update: बक्सर में आज एक बार फिर से घबराहट का माहौल बन गया है। जिले में गंगा का जलस्तर खतरे के निशान से ऊपर बना हुआ है और कई गांव प्रभावित हुए हैं; प्रशासन सतर्क है पर जमीन पर और भी तैयारियों की ज़रूरत है। केन्द्रीय जल आयोग की माने तो बुधवार की सुबह पानी का उच्चतम स्तर 60.39 मीटर दर्ज किया गया। यानी खतरे के निशान (60.32 मी.) से सात सेंटीमीटर ऊपर पानी बह रहा था। पिछले कुछ दिनों से जलस्तर लगातार बढ़ रहा था और मंगलवार को ही जलस्तर ने खतरे की रेखा पार कर लीया।

Buxar Baadh Update: गंगा का जलस्तर खतरे के निशान से ऊपर

गौरतलब है कि केंद्रीय जल आयोग और राज्य विभाग की रिपोर्ट (Buxar Baadh Update) के मुताबिक गंगा में ऊपर से आने वाला अतिरिक्त पानी और आसपास की सहायक नदियों पर दबाव के कारण जलस्तर में तेज़ी आई है। हालाकी बुधवार सुबह आठ बजे के बाद कुछ समय के लिए पानी में ठहराव भी देखा गया, पर खतरे की स्थिति बनी हुई है। स्थानीय स्तर पर चौसा-रामगढ़ पथ और कुछ अन्य निचले पड़े मार्ग पानी से लबालब हो चुके हैं, जिससे रूटीन जीवन प्रभावित हुआ है।

कहां-कहां सबसे ज़्यादा असर?

चौसा गोला व बनारपुर गांव के मध्य चौसा-रामगढ़ पथ पर पानी चढ़ गया है और बनारपुर गांव के कई घर पानी से घिर गए हैं वहीं कर्मनाशा में दबाव बढ़ने के कारण आसपास के क्षेत्रों में भी हालात गंभीर बने हुए हैं। इटाढ़ी के खतिबा मोड़ तक ठोरा के किनारे बसे कई गांव प्रभावित बताए जा रहे हैं। कई इलाकों में हालांकि घरों में पानी नहीं भरा, पर सैकड़ों बीघा में लगे धान की फसल डूब चुकी है, जिससे किसानों को भारी आर्थिक नुकसान का सामना करना पड़ सकता है। स्थानीय मीडिया रिपोर्ट्स में भी इन प्रभावित गांवों और कटे हुए रास्तों का ज़िक्र आया है।

हर पल रखी जा रही है गंगा पर नजर

बुधवार को जिला प्रशासन और आपदा प्रबंधन ने मॉनिटरिंग तेज कर दी है। नदी किनारे चौकसी बढ़ा दी गई है और जहां-जहां संभव रहा, वहां रेत के बने बैरियर और नालियों की सफाई जैसी तैयारियाँ की जा रही हैं। बावजूद इसके स्थानीय लोगों का कहना है कि शहर के प्रमुख गंगा घाटों पर गोताखोर नजर नहीं आ रहे। यह बात चिन्तनीय है और प्रशासनिक स्तर पर इस ओर ध्यान देने की आवश्यकता है। हालाकि कुछ स्थानों पर नाव और बचाव दल तैनात किए जाने की खबरें भी आई हैं, पर लगातार बढ़ते जलस्तर के बीच और तैयारियों की ज़रूरत है।

स्थानीय जीवन पर असर और आगे की चुनौतियाँ

बता दें की निचले इलाकों के साथ-साथ सड़कों का बह जाना, खेतों में पानी भरना और लोगों का कट-ऑफ होना रोजमर्रा की ज़िन्दगी को प्रभावित कर रहा है। खास तौर पर फसल बर्बादी और आवागमन बाधित होने से आर्थिक आघात के साथ मानवीय समस्याएं भी उभर कर आ रही हैं, जैसे पशुओं के लिए चारे की कमी और घरों में पानी से होने वाले नुकसान। प्रशासन ने लोगों से ऊँची जगहों पर रहने और जरूरी सामान सुरक्षित रखने की अपील की है।

नोट: इस रिपोर्ट के साथ एक और लोकल अपडेट है की बक्सर में 12 सितंबर को आईटीआई परिसर में फ्लिपकार्ट का एक दिवशीय जॉब कैंप आयोजित होने जा रहा है। रोजगार की तलाश में रहने वाले युवाओं के लिए यह उपयोगी सूचना हो सकती है।

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