बक्सर के सेंट्रल जेल में कैदी के मलद्वार से निकला मोबाइल, चप्पल से बरामद हुए खैनी; जेल प्रशासन में हड़कंप
Buxar Jail Mobile Recovery: बक्सर सेंट्रल जेल से एक हैरान कर देने वाली घटना सामने आई है, जिसने जेल प्रशासन की नींद उड़ा दी। आपको बता दें कि शाम को कैदियों की नियमित तलाशी के दौरान ऐसा राज खुला जिसकी कल्पना किसी ने नहीं की थी। दरअसल, तलाशी के दौरान एक कैदी के मलद्वार से मोबाइल फोन बरामद हुआ। यह मामला सामने आते ही जेल परिसर में अफरा-तफरी मच गई और सुरक्षा व्यवस्था पर गंभीर सवाल खड़े हो गए।
कैदी के पास से खैनी और मोबाइल बरामद
जेल उपाधीक्षक के अनुसार, जब शाम में कैदी कोर्ट से लौटे और उनकी तलाशी ली जाने लगी, तो राजपुर थाना क्षेत्र के सरेंजा गांव निवासी विचाराधीन बंदी ओमप्रकाश चौहान की चप्पल से 30 ग्राम खैनी और एक मोबाइल फोन बरामद हुआ। खास बात है कि यह बरामदगी होते ही अन्य कैदियों की भी सघन तलाशी शुरू कर दी गई। इसी दौरान रोहतास जिले के सासाराम मुफस्सिल थाना क्षेत्र के अमरा तालाब निवासी बंदी विशाल चौधरी पर शक गहराया।
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Buxar Jail Mobile Recovery: मलद्वार से बरामद हुआ मोबाइल
आपको जानकर हैरानी होगी कि जब विशाल चौधरी को शौचालय ले जाकर जांच की गई, तो उसके मलद्वार से एक छोटा-सा मोबाइल फोन बरामद (Buxar Jail Mobile Recovery) किया गया। इस खुलासे ने सेंट्रल जेल प्रशासन और सुरक्षा व्यवस्था पर गहरे सवाल खड़े कर दिए हैं।गौरतलब है कि जेलों में अक्सर मोबाइल, नशे की सामग्री और अन्य प्रतिबंधित सामान मिलने की घटनाएं सामने आती रही हैं, लेकिन मलद्वार में मोबाइल छुपाने का यह मामला बेहद चौंकाने वाला है।
जेल प्रशासन में हड़कंप
इस घटना के बाद बक्सर सेंट्रल जेल प्रशासन ने तुरंत सख्ती बढ़ा दी। सेंट्रल जेल अधीक्षक ज्ञांती गौरव ने इसकी पुष्टि करते हुए कहा कि दोनों कैदियों के खिलाफ टाउन थाना में मुकदमा दर्ज कराया गया है। साथ ही जेल के सुरक्षाकर्मियों को आदेश दिया गया है कि किसी भी हाल में कैदियों पर से नजर न हटे। हालांकि, इस घटना ने एक बार फिर बिहार की जेलों में सुरक्षा व्यवस्था पर सवाल खड़े कर दिए हैं। आखिर कैसे कैदी इस तरह के सामान जेल के अंदर ला रहे हैं? और सबसे बड़ा सवाल की सुरक्षा चेकिंग के बावजूद इतना बड़ा मामला कैसे सामने आया?
जेल में बढ़ाई गई सख्ती
बक्सर सेंट्रल जेल प्रशासन का कहना है कि अब सुरक्षा में और सख्ती बरती जाएगी। तलाशी की प्रक्रिया को और मजबूत किया जाएगा, ताकि कोई भी कैदी प्रतिबंधित सामान अंदर न ला सके। खास बात है कि अबतक की जांच में यह साफ हुआ है कि दोनों कैदी लंबे समय से जेल में मोबाइल और नशे का सामान छुपाकर रखते थे। हालांकि, इस बार तलाशी में यह बड़ा राज खुल गया।
पहले भी जेलों में मिल चुके हैं मोबाइल और नशे की सामग्री
आपको बता दें कि बिहार की कई जेलों में पहले भी मोबाइल और नशे की सामग्री मिलने की खबरें आती रही हैं। कई बार तो जेल से ही कैदी अपराधियों से संपर्क साधते हैं और बाहरी दुनिया से जुड़कर अपराध की साजिशें रचते हैं। इस घटना ने साफ कर दिया है कि जेलों में अभी भी सख्त निगरानी की कमी है। मोबाइल जैसे उपकरण जेल के भीतर न सिर्फ अनुशासन तोड़ते हैं, बल्कि अपराधियों को बाहरी नेटवर्क से जोड़े रखने का काम भी करते हैं।