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बक्सर में शिक्षक का शर्मनाक वारदात, पहले छात्रा को प्रेमजाल में फंसाकर किया शोषण, फिर अवैध रूप से करवाया गर्भपात

Teacher Student Illegal Relationship in Buxar

Teacher Student Illegal Relationship: बक्सर जिले के बरुणा गांव में एक चौंकाने वाली घटना सामने आई है, जहां एक कोचिंग शिक्षक ने नौवीं कक्षा की एक नाबालिग छात्रा के साथ अनुचित संबंध बनाकर उसका शोषण किया। मामला तब और गंभीर हो गया जब छात्रा के गर्भवती होने पर उस शिक्षक ने एक अवैध क्लिनिक में उसका गर्भपात करा दिया। घटना का खुलासा होने के बाद पुलिस ने तुरंत कार्रवाई करते हुए आरोपी शिक्षक और डॉक्टर को गिरफ्तार कर लिया है।

बक्सर में Teacher Student Illegal Relationship का पूरा मामला

आरोपी विनय कुमार बरुणा गांव में एक कोचिंग सेंटर चलाता है, जहां नौवीं कक्षा की एक मासूम छात्रा पढ़ाई करती थी। शिक्षक ने छात्रा को भरोसे में लेकर उससे अनैतिक संबंध बना लिए, जिसके बाद वह गर्भवती हो गई। जब छात्रा ने यह बात शिक्षक को बताई, तो उसने उसे जासो रोड स्थित एक क्लिनिक में ले जाकर अवैध तरीके से गर्भपात करा दिया।

शिक्षक और क्लिनिक संचालक हुवे गिरफ्तार

घटना के अगले दिन जब छात्रा घर लौटी, तो उसने अपने परिवार को पूरी बात बता दी। परिजनों ने तुरंत महिला थाना पहुंचकर शिकायत दर्ज कराई, जिसके बाद पुलिस ने तेजी से कार्रवाई करते हुए शिक्षक और क्लिनिक संचालक अजय कुमार मौर्य को गिरफ्तार कर लिया। दोनों को जेल भेज दिया गया है, और पुलिस मामले की गहन जांच कर रही है।

प्रशासन की लापरवाही से बढ़ रहे अपराध

इस घटना ने एक बार फिर बक्सर में अवैध रूप से संचालित हो रहे क्लिनिकों की पोल खोल दी है। लोगों का कहना है की जिले के कई इलाकों में ऐसे क्लिनिक चल रहे हैं, जहां बिना किसी मेडिकल लाइसेंस या योग्यता के गंभीर मेडिकल प्रक्रियाएं की जा रही हैं। इनमें गर्भपात जैसे संवेदनशील ऑपरेशन भी शामिल हैं, जो कानूनन गैरकानूनी हैं।

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सवाल यह है कि आखिर ये अवैध क्लिनिक इतनी आसानी से कैसे चल रहे हैं? स्वास्थ्य विभाग और प्रशासन की निष्क्रियता के कारण ऐसे अपराधों को बढ़ावा मिल रहा है। अगर समय रहते इन पर कार्रवाई नहीं की गई, तो भविष्य में और भी ऐसे मामले सामने आ सकते हैं।

समाज और कानून की जिम्मेदारी

यह मामला न सिर्फ शिक्षक-छात्र संबंधों में बढ़ती बेईमानी को उजागर करता है, बल्कि समाज और प्रशासन की जवाबदेही पर भी सवाल खड़े करता है। एक तरफ जहां शिक्षकों जैसे विश्वसनीय पदों पर बैठे लोगों द्वारा नाबालिगों का शोषण चिंताजनक है, वहीं दूसरी ओर अवैध क्लिनिकों का धंधा प्रशासनिक लापरवाही को दर्शाता है।

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अब यह देखना होगा कि पुलिस और प्रशासन इस मामले में कितनी गंभीरता दिखाते हैं और भविष्य में ऐसी घटनाओं को रोकने के लिए क्या कदम उठाते हैं। साथ ही, समाज को भी जागरूक होकर ऐसे मामलों पर सख्ती से प्रतिक्रिया देनी होगी, ताकि कोई भी शोषक कानून की नजर से बच न सके।

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