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डीजल वाहनों के परिचालन पर लगने वाला है लगाम, 2027 से डीजल वाहनों पर पूर्ण प्रतिबंध

Diesel Vehicle Ban in India

Diesel Vehicle Ban: डीजल वाहन मालिकों के लिए काफी चिंताजनक खबर सामने आ रही। वहीं बात करें उस खबर कि तो जल्द ही देश की सड़कों पर, डीजल वाहनों के परिचालन पर लगाम लगने वाला है। दरसल हाल ही में एक रिपोर्ट सामने आई थी जिसके मुताबिक, केंद्रीय सड़क परिवहन मंत्रालय डीजल वाहनों की बिक्री पर प्रतिबंध (Diesel Vehicle Ban) लगाने की प्रक्रिया में है, जिसे जल्द ही अंतिम रूप दिए जाने की उम्मीद है। यह भी पढें: बिना किसी गारंटी के 2 लाख का लोन, RBI ने किया फैसला

Diesel Vehicle Ban: 2027 से डीजल वाहनों पर पूर्ण प्रतिबंध

बता दें कि ऊर्जा संक्रमण सलाहकार समिति ने 2027 से डीजल वाहनों पर पूर्ण प्रतिबंध लगाने का प्रस्ताव दिया है। वही डीजल वाहनों पर यह प्रतिबंध (Diesel Vehicle Ban) बिक्री को लेकर लगाया जा रहा है, जिसका मतलब है कि उपभोक्ताओं के पास अगले ढाई साल तक केवल डीजल वाहन चलाने का विकल्प होगा। इस अवधि के बाद, ऑटोमोटिव निर्माता डीजल वाहनों का उत्पादन बंद कर देंगे। यह अनुमान है कि प्रतिबंध अचानक लागू नहीं होगा, बल्कि धीरे-धीरे लागू होगा। शुरुआत में, प्रतिबंध दस लाख से अधिक आबादी वाले चुनिंदा शहरों को लक्षित करेगा। इसके बाद, डीजल वाहनों को धीरे-धीरे देश से हटा दिया जाएगा।

 

पेट्रोल वाहनों की तुलना में काफी अधिक प्रदूषक उत्सर्जित करते हैं डीजल वाहन

आपको बता दें कि दस साल से अधिक पुराने डीजल वाहनों के संचालन पर पहले ही प्रतिबंध लगा दिया गया है। जिसके बाद अब उम्मीद जताया जा रहा है कि नए नियमों के तहत, कुछ पुराने वाहन एक बार फिर प्रस्तावित प्रतिबंध में शामिल हो सकते हैं।‌ बता दें कि पुराने वाहनों समेत नये डीजल वाहनों की बिक्री पर प्रतिबंध (Diesel Vehicle Ban) के लिए केंद्रीय सड़क परिवहन मंत्रालय ने इन गाडियों से हो रहे वायु प्रदूषण को बड़ा कारण बताया है। विभाग ने पहले भी अपने कई रिपोर्टों में इस बात का जिक्र किया है कि डीजल वाहन, पेट्रोल वाहनों की तुलना में काफी अधिक प्रदूषक उत्सर्जित करते हैं, जिससे लोगों के स्वास्थ्य पर प्रतिकूल प्रभाव पड़ता है।

Diesel Vehicle Ban Benefit: डीजल वाहनों पर प्रतिबंध का फायदा

डीजल वाहनों पर यह प्रतिबंध वायु प्रदूषण को कम कर सकता है, इलेक्ट्रिक वाहनों के उपयोग को प्रोत्साहित कर सकता है और संभावित रूप से पेट्रोल वाहनों की कीमतों को कम कर सकता है। अचानक प्रतिबंध विघटनकारी हो सकता है, और इलेक्ट्रिक और हाइब्रिड कारों के लिए बुनियादी ढांचे की चुनौतियां होंगी। सरकार ने अभी तक अधिक स्वीकार्य समाधान खोजने के लिए हितधारकों, मंत्रालयों और राज्यों के साथ परामर्श नहीं किया है।

सब्सिडी योजना विकसित कर रही है सरकार

बता दें कि प्रदूषण के स्तर से निपटने के लिए सरकार, अब इलेक्ट्रिक वाहनों (EV) को प्राथमिकता दे रही है। विगत कुछ वर्षों में, सरकार ने वाहन निर्माताओं से इलेक्ट्रिक वाहनों के उत्पादन पर अधिक ध्यान केंद्रित करने का आग्रह किया था। वहीं रिपोर्टों में दावा किया गया है कि सरकार जनता के बीच EV गाडियों को प्रोत्साहित करने के लिए एक सब्सिडी योजना विकसित कर रही है। बहरहाल ये बात भी है कि डीजल वाहन प्रदूषण में अग्रणी योगदानकर्ताओं में से एक हैं, ऐसे में इनपर तत्काल प्रतिबंध की आवश्यकता है। जिसके बाद ग्राहकों को इनके विकल्प के तौर पर, इलेक्ट्रिक वाहनों के इस्तेमाल के लिए प्रोत्साहित किया जा रहा है।

 

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