MahaKumbh Fire: महाकुंभ में एक बार फिर से भयावह आग लगने की खबर सामने आई है। सेक्टर 22 में हुए इस हादसे में कई टेंट जलकर राख हो गए हैं। राहत की बात यह है कि समय रहते लोग बाहर निकल गए, जिससे किसी प्रकार की जनहानि नहीं हुई। दमकल विभाग की तत्परता से आग पर काबू पा लिया गया है।
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MahaKumbh Fire: कैसे लगी महाकुंभ में आग?
बता दें कि सेक्टर 22, महाकुंभ क्षेत्र के झूसी स्थित छतनाग घाट और नागेश्वर घाट के बीच स्थित है। सेक्टर 22 के टेंटों में अचानक आग लग गई। लोगों ने समय पर अलर्ट होकर बाहर निकलने में समझदारी दिखाई और तुरंत फायर ब्रिगेड को सूचना दी। दमकल कर्मियों ने मौके पर पहुंचकर आग बुझाने का काम शुरू किया। इस MahaKumbh Fire हादसे में लगभग 15 पंडाल जलकर खाक हो गए हैं।
जांच में जुटा प्रशासन, आग का कारण अज्ञात
बता दें कि महाकुंभ में आग लगी के इस ताजा मामले (MahaKumbh Fire) में फिलहाल आग लगने के कारण का पता नहीं चल सका है। हालांकि प्रशासन मामले की जांच कर रहा है। इससे पहले के हादसे के बाद कई सावधानियां बरती गई थीं, बावजूद इसके ऐसी घटना का होना चिंता का विषय है।
श्रद्धालुओं की सुरक्षा पर बढ़ी चिंता
MahaKumbh जैसे बड़े धार्मिक आयोजनों में सुरक्षा को लेकर चिंता बढ़ती जा रही है। हाल के वर्षों में आगजनी और भगदड़ की घटनाओं ने श्रद्धालुओं की सुरक्षा पर सवाल खड़े कर दिए हैं। प्रशासन द्वारा सुरक्षा के व्यापक दावे किए जाते हैं, लेकिन इन घटनाओं के बावजूद लापरवाही साफ दिखाई देती है। तीर्थस्थलों पर भीड़ प्रबंधन, अग्निशमन उपकरणों की उपलब्धता और आपातकालीन सेवाओं की तत्परता में सुधार की आवश्यकता है। श्रद्धालुओं का विश्वास बनाए रखने के लिए प्रशासन को सुरक्षा इंतजामों को और मजबूत करना होगा, ताकि धार्मिक आयोजनों में लोग सुरक्षित और निश्चिंत होकर भाग ले सकें।
गीता प्रेस के पंडालों में भी लगी थी आग
आपको बता दें कि इससे पहले 19 जनवरी को गीता प्रेस के पंडालों में भी आग लगने की घटना हुई थी। उस समय आग इतनी भयानक थी कि एक सिलेंडर में ब्लास्ट हो गया था। उस हादसे के बाद आसमान में धुएं का घना गुबार छा गया था, जिससे अफरा-तफरी मच गई थी। प्रशासन ने तब से सुरक्षा के कड़े इंतजाम किए थे, लेकिन फिर से आग लगने की घटना सामने आ गई है।
मौनी अमावस्या पर भगदड़ का हादसा बना चिंता का कारण
महाकुंभ के दौरान मौनी अमावस्या के दिन भी भगदड़ की घटना सामने आई थी। इस हादसे में 30 श्रद्धालुओं की मौत हो गई थी और कई लोग घायल हो गए थे। भीड़ संगम नोज के पास अधिक इकट्ठा हो गई थी, जिससे भगदड़ जैसी स्थिति बन गई। जमीन पर सो रहे श्रद्धालु इस हादसे का शिकार बने। सरकार ने इस हादसे में मृतक श्रद्धालुओं के परिजनों को 25 लाख रुपये की सहायता राशि देने की घोषणा की है।
आग और भगदड़ की घटनाओं के बाद प्रशासन सतर्क
महाकुंभ में हालिया आग और भगदड़ की घटनाओं के बाद प्रशासन ने सुरक्षा व्यवस्था को और मजबूत करने का निर्णय लिया है। दमकल विभाग को पूरी तरह अलर्ट पर रखा गया है और सुरक्षा कर्मियों की तैनाती में वृद्धि की गई है। श्रद्धालुओं को भी सतर्क रहने की सलाह दी गई है और किसी भी आपात स्थिति में तुरंत अधिकारियों को सूचित करने की अपील की गई है। प्रशासन का कहना है कि भविष्य में ऐसी घटनाओं को रोकने के लिए सख्त सुरक्षा उपायों को लागू किया जाएगा ताकि श्रद्धालु सुरक्षित और शांतिपूर्ण वातावरण में अपने धार्मिक अनुष्ठान कर सकें।
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