RBI गवर्नर संजय मल्होत्रा ने किया बड़ा ऐलान, Repo Rate में 25 बेसिस पॉइंट्स की कटौती

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RBI Repo Rate Cut

RBI Repo Rate Cut: भारतीय रिज़र्व बैंक (RBI) की मौद्रिक नीति समिति (MPC) ने संजय मल्होत्रा की अध्यक्षता में 7 फरवरी को महत्वपूर्ण बैठक की। इस बैठक में आर्थिक मंदी की आशंका को ध्यान में रखते हुए रेपो रेट में 0.25% की कटौती की गई, जिससे यह घटकर 6.25% हो गया। लगभग पांच वर्षों बाद यह बदलाव हुआ है। यह निर्णय वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण द्वारा बजट पेश करने के ठीक एक सप्ताह बाद लिया गया। RBI ने अगले वित्त वर्ष के लिए GDP वृद्धि दर का अनुमान 6.7% रखा है, जबकि महंगाई दर 4.8% पर स्थिर रहने की उम्मीद है।

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RBI Repo Rate Cut: भारतीय अर्थव्यवस्था के लिए बड़ी खबर

रेपो रेट वह ब्याज दर है जिस पर भारतीय रिजर्व बैंक (RBI) वाणिज्यिक बैंकों को धन उधार देता है। आर्थिक विकास को गति देने के लिए मौद्रिक नीति समिति (MPC) ने इसे घटाने का निर्णय लिया है। पिछले 11 मौकों पर इसे स्थिर रखने के बाद यह कदम उठाया गया है। अर्थशास्त्रियों के पूर्वानुमान सही साबित हुए हैं, जिन्होंने 0.25% कटौती की उम्मीद जताई थी। इस फैसले से बैंकिंग और वित्तीय क्षेत्र में सकारात्मक बदलाव की उम्मीद है, जिससे आम जनता को भी कम ब्याज दरों का लाभ मिल सकता है।

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पहले बढ़ाए गए थे 250 बेसिस प्वाइंट

मई 2022 से फरवरी 2023 तक, RBI ने रेपो रेट में कुल 250 बेसिस प्वाइंट की वृद्धि की थी। अप्रैल 2023 के बाद से इसे 6.5% पर स्थिर रखा गया था ताकि महंगाई दर को मध्यम अवधि के लक्ष्य 4% पर लाया जा सके।

अर्थव्यवस्था के लिए राहत की उम्मीद

RBI के हालिया फैसले को बजट में प्रस्तावित कर कटौती से प्रेरित माना जा सकता है। इससे आम जनता को आर्थिक राहत मिलने की संभावना है, साथ ही वित्तीय घाटा भी नियंत्रित रहेगा, जिसे 2026 के लिए 4.4% पर रखा गया है। आर्थिक सर्वेक्षण में भारत की वृद्धि दर 6.3% से 6.8% के बीच रहने का अनुमान जताया गया है। वैश्विक अनिश्चितताओं और व्यापार संरक्षणवाद के बीच यह एक चुनौतीपूर्ण लक्ष्य हो सकता है। सरकार के नीतिगत कदमों से निवेश और रोजगार के अवसरों में वृद्धि की उम्मीद जताई जा रही है।

उपभोक्ता खपत में बढ़ोतरी की उम्मीद

आर्थिक विशेषज्ञों का मानना है कि दर कटौती और कर राहत के जरिए आम जनता के पास अधिक धन पहुंचेगा, जिससे बाजार में उपभोक्ता खपत बढ़ेगी। यह आर्थिक विकास के लिए एक मजबूत आधार बन सकता है। हालांकि, दूसरी ओर, विनिर्माण और निवेश में गिरावट चिंता का विषय बनी हुई है। जनवरी में जारी पहले अग्रिम अनुमान के मुताबिक वित्त वर्ष 2025 में भारत की आर्थिक वृद्धि दर 6.4% रहने का अनुमान है, जो पिछले चार वर्षों में सबसे कम है। विशेषज्ञों के अनुसार, अगर निवेश क्षेत्र को प्रोत्साहन मिला तो यह गिरावट थम सकती है।

RBI ने घटाया GDP अनुमान, अर्थव्यवस्था को गति देने की योजना

RBI ने दिसंबर 2024 की मौद्रिक नीति समीक्षा में वर्तमान वित्तीय वर्ष के लिए GDP वृद्धि दर अनुमान को 7.2% से घटाकर 6.6% कर दिया है। यह फैसला देश की धीमी पड़ती आर्थिक गतिविधियों को ध्यान में रखते हुए लिया गया है। विशेषज्ञों का मानना है कि यह कदम बाजार में तरलता बढ़ाने और आर्थिक स्थिरता लाने के लिए महत्वपूर्ण साबित हो सकता है। इसके साथ ही बजट में कर सुधारों का भी सकारात्मक प्रभाव देखने को मिल सकता है। आरबीआई की इस नीति से आम जनता को वित्तीय राहत मिलने की उम्मीद है।

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Veer जय जगदम्बा न्यूज के Founder (CEO) हैं। यहां वह करियर, एजुकेशन, जॉब्स, राजनीति, रिसर्च व धर्म से जुड़ी खबर के अलावा देश-विदेश से जुड़ी खबरें पेस करते हैं। यह एक नई शुरुआत है ऐसे में आप जय जगदंबा न्यूज़ का साथ बनाए रखिए।

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