Russia Earthquakes Tsunami Warning: रूस के Kamchatka प्रायद्वीप में बुधवार तड़के आए 8.8 तीव्रता के शक्तिशाली भूकंप ने पूरी दुनिया को दहशत में डाल दिया। इस भूकंप के बाद जापान, हवाई, कैलिफोर्निया और चिली समेत 12 देशों में Tsunami Warning जारी की गई है। विशेषज्ञों ने इसे 1952 के बाद से कामचटका क्षेत्र का सबसे ताकतवर भूकंप बताया है।
Tsunami Warning: हवाई और अमेरिका के तटीय इलाकों में भी खतरे की घंटी
रूस के कामचटका में आए 8.8 तीव्रता के भूकंप के बाद प्रशांत महासागर में उठी लहरों ने हवाई और अमेरिका के तटीय इलाकों में चिंता बढ़ा दी है। Japan Meteorological Agency के अनुसार, जापान के उत्तरी द्वीप होक्काइडो के नेमुरो तट पर लगभग 30 सेंटीमीटर ऊंची सुनामी दर्ज की गई, जबकि रूस के कुरील द्वीप समूह में समुद्र का पानी चार मीटर तक ऊपर उठ गया। CNN और National Weather Service ने बताया कि हवाई में चेतावनी को घटाकर एडवाइजरी कर दिया गया है, लेकिन उत्तरी कैलिफोर्निया में अब भी Tsunami Warning जारी है। विशेषज्ञों के अनुसार लहरों की रफ्तार 800 किमी प्रति घंटे तक पहुंची।
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कामचटका के गवर्नर व्लादिमीर सोलोदोव ने बताया कि यह भूकंप दशकों में आए सबसे शक्तिशाली झटकों में से एक है। इसका केंद्र पेट्रोपावलोव्स्क-कामचट्स्की शहर से लगभग 119 किलोमीटर दूर और केवल 19 किलोमीटर की गहराई पर था। रूसी विज्ञान अकादमी के अनुसार, इस भूकंप की ऊर्जा हिरोशिमा जैसे 9,000 से 14,000 परमाणु बमों के बराबर थी। इससे रूस, जापान, हवाई, अलास्का, सोलोमन द्वीप, चिली, इक्वाडोर, फिलीपींस, गुआम और न्यूजीलैंड जैसे 12 देशों के तटीय इलाकों में खतरा बढ़ गया।
2011 जापान सुनामी की दर्दनाक यादें फिर हुई ताजा
यह घटना लोगों को 11 मार्च 2011 की भयावह सुनामी की याद दिला रही है, जब जापान के होन्शू द्वीप के तट पर 9.1 तीव्रता का भूकंप आया था। आधे घंटे बाद, 40 मीटर ऊंची सुनामी लहरों ने सेंडाई और इवाते जैसे इलाकों को तहस-नहस कर दिया था। इस त्रासदी में 15,899 लोगों की मौत हुई थी और फुकुशिमा न्यूक्लियर प्लांट की तबाही ने हालात और भयावह बना दिए थे।
क्या रिंग ऑफ फायर से बढ़ रहा है तबाही का खतरा?
प्रशांत महासागर का रिंग ऑफ फायर दुनिया का सबसे सक्रिय भूकंपीय क्षेत्र है, जहां टेक्टोनिक प्लेट्स की लगातार हलचल से अक्सर भूकंप और सुनामी जैसी आपदाएं आती रहती हैं। हालिया रूस के Kamchatka प्रायद्वीप में आया 8.8 तीव्रता का भूकंप और जापान के तट पर सुनामी की लहरें इस क्षेत्र की गंभीरता को उजागर करती हैं। विशेषज्ञ बताते हैं कि कुरील-कामचटका ट्रेंच, जिसकी गहराई लगभग 9600 मीटर है, बड़े भूकंपों का प्रमुख केंद्र है। यहां से उठने वाली सुनामी गहरे समुद्र में 800 किमी प्रति घंटे की रफ्तार पकड़ सकती है और तटीय क्षेत्रों में पहुंचते-पहुंचते तबाही मचा देती है।
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ओखोत्सक सागर, जो रूस, जापान के होक्काइडो और कुरील द्वीपों से घिरा है, इस बार भूकंप का केंद्र रहा। वैज्ञानिकों का मानना है कि जलवायु परिवर्तन और प्लेटों की बढ़ती सक्रियता आने वाले वर्षों में इस क्षेत्र को और भी खतरनाक बना सकती है, जिससे वैश्विक स्तर पर तटीय आबादी को सतर्क रहने की जरूरत है।
किन देशों में है सबसे ज्यादा सुनामी का खतरा?
प्रशांत सुनामी चेतावनी केंद्र (PTWC) के अनुसार, रूस के Kamchatka भूकंप के बाद हवाई, जापान, सोलोमन द्वीप और चिली में 1 से 3 मीटर ऊंची लहरें पहुंच सकती हैं, जबकि रूस और इक्वाडोर में तीन मीटर से भी ऊंची सुनामी का खतरा है। प्रभावित क्षेत्रों में रूस के कुरील द्वीप और पेट्रोपावलोव्स्क-कामचट्स्की, जापान के होक्काइडो और फुकुशिमा, तथा अमेरिका के हवाई, कैलिफोर्निया और अलास्का शामिल हैं। विशेषज्ञों का कहना है कि तटीय इलाकों में लोगों को तुरंत सुरक्षित स्थानों पर जाने की सलाह दी गई है।
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बहरहाल फिलहाल किसी बड़े नुकसान की आधिकारिक पुष्टि नहीं हुई है, लेकिन तटीय इलाकों में लोगों को सुरक्षित स्थानों पर भेजा जा रहा है। विशेषज्ञों ने कहा कि अगले 24 घंटे बेहद संवेदनशील रहेंगे और किसी भी आफ्टरशॉक से Tsunami का खतरा फिर बढ़ सकता है।